उत्तराखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो गया है. सत्र 5 दिसंबर तक चलेगा. इस सत्र के दौरान सदन से लेकर सड़क तक हंगामा देखने को मिला. वहीं, विपक्ष ने कई मुद्दों को लेकर सरकार पर हमला बोला. उत्तराखंड विधानसभा सत्र शुरू होते ही सबसे पहले सदन ने दिवंगत पूर्व विधायक केदार सिंह फोनिया को श्रद्धांजि दी गई. वहीं, विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव पर जसपुर विधायक आदेश चौहान ने सदन में आपबीती सुनाई. उन्होंने कहा कि उधमसिंह नगर पुलिस द्वारा उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है. ऐसे में उन्होंने कार्रवाई न होने पर विधानसभा के बाहर आत्मदाह करने की चेतावनी दी है. वहीं, लंच के बाद विधानसभा में ₹5440 करोड़ से अधिक का अनुपूरक बजट पेश किया गया. साथ ही सरकार की तरफ से महिला आरक्षण बिल सदन के पटल पर रखा गया.
देहरादूनः आज से उत्तराखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र शुरू हो गया है. जो आगामी 5 दिसंबर 2022 तक चलेगा. उत्तराखंड विधानसभा सत्र शुरू होते ही सबसे पहले सदन ने दिवंगत पूर्व विधायक केदार सिंह फोर्निया को श्रद्धांजि दी. इस मौके पर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा आज उनकी स्मृतियां, भूमिका और राज्य के विकास में उनका योगदान हम सभी को प्रेरित करता है. उनका जाना एक अपूर्णीय क्षति है. हम सभी कांग्रेसजन उनके परिवार को अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं.
इस मौके पर भाजपा विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने कहा कि केदार सिंह फोनिया के साथ उत्तर प्रदेश की विधानसभा से कार्य करने का अनुभव मिला. उनसे हमेशा जनहित से जुड़े मुद्दों पर उनसे चर्चा होती थी. उन्होंने उत्तर प्रदेश विधानसभा में मेरी चर्चाओं और बहस को अपनी किताब का हिस्सा बनाया. वहीं, आज सदन की कार्यवाही देखने के लिए कोटद्वार आर्य कन्या इंटर कॉलेज की छात्राएं पहुंची हैं. रखा. जिसके बाद उत्तराखंड में राज्य आंदोलनकारियों को क्षैतिज आरक्षण विधेयकः
सबसे पहले आज सचिव विधानसभा ने राज्य आंदोलनकारियों को क्षैतिज
आरक्षण का लाभ देने वाला विधेयक सदन के पटल पर रखा. जिसके बाद उत्तराखंड में 6 विधेयक अधिनियम बनाए गए. जिसमें उत्तराखंड विनियोग विधेयक 2022 बना पांचवां अधिनियम बनाया गया. उत्तराखंड अग्निशमन एवं आपात सेवा अग्नि निवारण और अग्नि सुरक्षा (संशोधन) विधेयक 2022 को छठवां अधिनियम बनाया गया. उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश एवं भूमि ब्यवस्था अधिनियम, 1950) (संशोधन) विधेयक 2022 सातवां अधिनियम बनाया गया.
सदन में उत्तराखंड उधम एकल खिड़की सुगमता और अनुज्ञापन (संशोधन) विधेयक 2022 बना आठवां अधिनियम बनाया गया. औद्योगिक विवाद (उत्तराखंड संशोधन) विधेयक 2020 बना नवां अधिनियम बनाया गया. उत्तराखंड सिविल विधि (संशोधन) विधेयक 2021 बना दसवां अधिनियम बनाया गया.
हृदयेश ने उठाया विशेषाधिकार हनन का मामला: प्रश्नकाल के दौरान हल्द्वानी से कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश ने सदन में विशेषाधिकार हनन का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि विधायक के प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया जाता है. उन्हें अपने विधानसभा क्षेत्र में कार्ययोजनाओं से दूर रखा जाता है. ऐसे में उन्होंने इस मसले पर कार्रवाई की मांग उठाई है. लिहाजा, विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि वह इस मामले की जांच के आदेश देते हैं. विधायक का आरोप था कि हल्द्वानी में बड़ी कार्ययोजना योजना तैयार की जा रही है, जिसकी 12 बैठकें हो चुकी हैं और दो बार डीपीआर भी तैयार की जा चुकी है, करीब 800 करोड़ की यह योजना में एक भी बार स्थानीय विधायक को बैठक में नहीं बुलाया गया, जिसको लेकर उन्होंने प्रश्नकाल के दौरान विशेषाधिकार हनन का प्रश्न रखा. उन्होंने कहा कि इस संबंध में तारांकित प्रश्न में जवाब मांगा जाएगा.
कांग्रेस विधायक ने आत्मदाह की चेतावनी दी. वहीं, विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव पर जसपुर विधायक आदेश चौहान ने सदन में आपबीती सुनाई. उन्होंने कहा कि उधम सिंह नगर पुलिस द्वारा उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है. ऐसे में विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें इस मामले की जांच का भरोसा दिया है. विधायक आदेश चौहान ने कहा कि अगर कार्रवाई नहीं की गई तो वह आत्मदाह को मजबूर होंगे.