मिठाई बनाने वालों को अब केंद्र सरकार से लेना होगा लाइसेंस, जानें कहां करें आवेदन
देहरादून । मिठाई निर्माताओं समेत कई खाद्य कारोबारियों को अब जिलों के जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी लाइसेंस नहीं दे पाएंगे। उन्हें केंद्रीय लाइसेंस लेना होगा। मिठाई समेत कई अन्य खाद्य पदार्थों को प्रोपराइटरी फूड में शामिल करने की वजह से ऐसा हुआ है। एफएसएसएआई की ओर से सभी अधिकारियों एवं व्यापारियों को मेल भेजकर इसकी जानकारी दी गई है। हालांकि जून माह तक इन कारोबारियों को अपना लाइसेंस अपडेट कराने की छूट दी गई है, जिसके लिए कोई शुल्क देय नहीं होगा।
एफएसएसएआई की ओर से भेजे गये दिशा निर्देशों के मुताबिक प्रोपराइटरी फूड के निर्माता एवं रिपेकर को एफएसएसएआई से ही अब लाइसेंस लेना होगा। जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी जीसी कंडवाल ने बताया कि सभी व्यापारियों को एफएसएसएआई की गाइडलाइन के बारे में जागरूक किया जा रहा है। वह https://foscos.fssai.gov.in/ पर जाकर जून माह तक अपना लाइसेंस अपडेट कर सकते हैं। उसमें कोई शुल्क नहीं देना होगा।
इनको भी लेना होगा केंद्र का लाइसेंस
रस्क निर्माता, मिठाई निर्माता, नोवल फूड। इसके अलावा ऑनलाइन ई कॉमर्स, इंपोर्टर को भी सेंट्रल लाइसेंस लेना होगा।
कारोबारियों को ज्यादा फीस जमा करनी होगी
केंद्रीय लाइसेंस के लिए खाद्य कारोबारियों को ज्यादा फीस जमा करनी होगी। अभी तक निर्माता कैटेगरी में तीन से पांच हजार रुपये फीस थी। वहीं रिटेल और थोक कैटेगरी में दो हजार रुपये फीस देनी होती है। जून के बाद नये लाइसेंस की फीस साढ़े सात हजार रुपये न्यूनतम राशि जमा करनी होगी।लाइसेंस के साथ-साथ ही जीएसटी रजिस्ट्रेशन भी करवाना होता है. मिठाई शॉप के लिए हेल्थ लाइसेंस भी काफी महत्व रखता है और इसके लिए अपने इलाके के नगर निगम से संपर्क करना होता है. इसके बाद म्युनिसिपल अधिकारी दुकान पर आकर दुकान का ठीक तरह से निरीक्षण करने के बाद हेल्थ लाइसेंस दिया जाता है.