उत्तराखंड में नई पेंशन योजना के विरोध में शिक्षक और कर्मचारियों ने काला दिवस मनाया गया,NPS/ UPS की जलाई गई प्रतिया.
देहरादून,चमोली, खटीमा पौड़ी, गोपेश्वर,पिथौरागढ़
राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा उत्तराखंड के आवाहन पर मंगलवार को नई पेंशन योजना के विरोध में गोपेश्वर में काला दिवस मनाया गया। राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा चमोली के अध्यक्ष पीएस फरस्वान ने बताया कि एनपीएस और यूपीएस के विरोध तथा ओपीएस के समर्थन के लिए सभी शिक्षक-कर्मचारी मंगलवार रात्रि 8 से 9 बजे तक अपने घरों की लाइट बंद रखी । जिला महासचिव सतीश कुमार ने बताया कि प्रान्तीय नेतृत्व बहुत ही जल्दी एक बड़े आन्दोलन को करने जा रही है। जनपद चमोली मंगलवार को सार्वजनिक अवकाश घोषित होने के बावजूद भी शिक्षक तथा कर्मचारियों ने प्रान्तीय नेतृत्व के आह्वान पर काली टोपी, काला मास्क पहनकर तथा काला फीता बांधकर काला दिवस मनाया। राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा चमोली के प्रतिनिधि मंडल ने कहा उत्तराखंड राज्य में 1 अक्तूबर 2005 को शिक्षक-कर्मचारियों की पुरानी जीएफ पेंशन को बंद कर नई पेंशन योजना (एनपीएस) लागू की गई। नई पेंशन योजना से आच्छादित शिक्षक कर्मचारी जैसे-जैसे सेवानिवृत होते गयेऔर उनको एनपीएस के तहत जो पेंशन मिली और मिल रही है उससे उनका एक दिन का गुजारा भी नहीं हो पा रहा है। लंबे समय से पुरानी जीपीएफ पेंशन की बहाली के लिए आंदोलित हैं।
बी आर सी खटीमा में *nps/ups की प्रति जलाई गईं।
*1 अक्टूबर के दिन ही पुरानी पेंशन को बंद करके* सरकार के द्वारा उत्तराखंड में नई पेंशन स्कीम अर्थात *एनपीएस लागू की गई थी इस अन्यायपूर्ण स्कीम के विरोध में NMOPS उत्तराखंड के प्रांतीय अध्यक्ष श्री जीत मणि पैन्यूली जी के आवाह्न पर* 1अक्टूबर को एनपीएस और यूपीएस के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शन करते हुए *बी आर सी खटीमा में *nps/ups की प्रति जलाई गईं।*
जनपद पौड़ी में भी कर्मचारियों ने काला दिवस मनाया
राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा की इकाई पौड़ी ने सोमवार को कर्मचारियों ने काला दिवस मनाया। विभिन्न महकमे के कार्मिकों ने बांहों पर काली पट्टियां बांधकर विरोध किया। मोर्चा लंबे समय से ओपीएस बहाली को लेकर आंदोलनरत है और एनपीएस का विरोध कर रहा है। पौड़ी में मोर्चे के तहसील सयोजक डीएस रावत व पौड़ी नगर शाखा अध्यक्ष प्रवीण ने संयुक्त रूप से कहा कि विरोध तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार ओपीएस बहाल नहीं करती है। सोमवार को को काला दिवस इस लिए मनाया जाता है क्योंकि कि आज के ही दिन सरकार ने एनपीएस योजना को पूरे देश में लागू किया था और ओपीएस को बंद कर दिया गया था। इसे कर्मचारियों के साथ धोखा बताया गया। कहा कि कर्मचारियों का दस फीसदी अंशदान काटा जा रहा है और उसके वापसी का कोई प्रावधान नहीं है। जिससे कर्मचारियों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। पौड़ी के विभिन्न महकमों में कर्मचारियों ने काला दिवस मनाया। शिक्षक कर्मचारीयो ने सोशल मीडिया के जरिए भी एनपीएस का विरोध किया।
वहीं पौड़ी संयोजक जयदीप रावत ने कहा कि सांसद विधायक मंत्री ओपीएस योजना का लाभ ले रहे है। कर्मचारियों के लिए तीन तरह की पेंशन योजना चलाई जा रही है। जो कार्मिक रिटायर हो रहे है, उन्हें बहुत कम पेंशन मिल पा रही है।
आरोप लगाया कि सरकार पेंशन के नाम पर कर्मचारियों के साथ दोहरा मापदंड अपना रही है। बताया, आज जो कर्मचारी सेवानिवृत्त हो रहे हैं, उन्हें महज 700, 1200 व 1600 रुपये की पेंशन दी जा रही है। जिससे कर्मचारियों में आक्रोश बढ़ रहा है। उन्होंने सरकार से जल्द ही पुरानी पेंशन बहाली की मांग उठाई। है। इस दौरान जसपाल सिंह, रश्मि कठेत, कविता, दीपक नेगी, धर्मेंद्र उनियाल, रेवती ढंगवाल, मनोज काला, संग्राम नेगी, जसपाल रावत, दीपक कांत और नरेंद्र नेगी आदि शामिल रहे।
पुरानी पेंशनल बहाली की मांग, मनाया काला दिवस
-एनपीएस का विरोध कर रहे है कर्मचारी राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा की इकाई पौड़ी ने सोमवार को कर्मचारियों ने काला दिवस मनाया। योजना की प्रतियां जलया
पिथौरागढ़ जिलेभर में तैनात शिक्षकों और कर्मचारियों ने नई पेंशन योजना का विरोध करते हुए इसकी प्रतियां जलाई
पिथौरागढ़ जिलेभर में तैनात शिक्षकों और कर्मचारियों ने नई पेंशन योजना का विरोध करते हुए इसकी प्रतियां जलाई और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि पेंशन उनका हक है, सरकार इसे देने से हाथ पीछे खींच रही है। नई पेंशन योजना सिर्फ छलावा है इसे किसी भी कीमत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
चमोली : एनपीएस का विरोध करते हुए शिक्षकों व कर्मचारियों ने मनाया काला दिवस
गोपेश्वर (चमोली)। राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा उत्तराखंड के आह्वान पर मंगलवार को नई पेंशन योजना (एनपीएस) के विरोध में काला दिवस मनाया गया।
संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष पीएस फरस्वाण ने बताया कि जनपद चमोली में सोमवार को जिलाधिकारी की ओर से सार्वजनिक अवकाश घोषित होने के बावजूद भी शिक्षक तथा कर्मचारियों ने प्रान्तीय नेतृत्व के दिशानिर्देशानुसार काली टोपी, काला मास्क पहनकर तथा काला फीता बांधकर काला दिवस मनाया। उत्तराखंड राज्य में 01 अक्टूबर 2005 को शिक्षक-कर्मचारियों की पुरानी जीएफ पेंशन को बंद कर नई पेंशन योजना (एनपीएस) लागू की गई थी।
उन्होंने कहा कि नई पेंशन योजना से आच्छादित शिक्षक कर्मचारी जैसे-जैसे सेवानिवृत होते गये और उनको एनपीएस के तहत जो पेंशन मिली और मिल रही है उससे उनका एक दिन का गुजारा भी नहीं हो पा रहा है। लंबे समय से पुरानी जीपीएफ पेंशन की बहाली के लिए आंदोलित हैं। कई गैर बीजेपी शासित राज्यों में वहां कर्मचारी हितैषी सरकारों ने पुरानी जीपीएफ पेंशन ज्यों की त्यों बहाल कर की दी। लेकिन बीजेपी शासित और बीजेपी से गठबंधन कर सरकार चलाने वाले राज्यों ने आज तक भी कोई विचार नहीं किया है। जो कि खेदजनक है।
उन्होंने कहा कि जब तक ओपीएस लागू नहीं हो जाता तब तक उनका विरोध जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि एनपीएस के विरोध में मंगलवार को सभी शिक्षक-कर्मचारी रात्रि आठ से नौ बजे तक अपने घरों की लाइट बंद रखेंगे। जिला महासचिव सतीश कुमार ने बताया कि प्रान्तीय नेतृत्व बहुत ही जल्दी एक बड़े आन्दोलन को करने जा रही है।
राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा से जुड़े कर्मचारी एक अक्टूबर को एनपीएस प्रणाली के विरोध में काला दिवस मनाएंगे। सभी कर्मचारी अपने कार्यस्थल पर काली पट्टी पहनकर कार्य करेंगे। आगामी दो अक्टूबर से 24 अक्टूबर तक मोर्चा प्रदेशभर में सदस्यता अभियान चलाएगा। जबकि अक्टूबर अंतिम सप्ताह में दून में प्रदेश स्तरीय महारैली आयोजित की जाएगी। यह निर्णय रविवार को आयोजित प्रांतीय बैठक में लिया गया।
पुरानी पेंशन बहाली के लिए रणनीति पर की चर्चा
राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा उत्तराखंड की लोक निर्माण संघ भवन में बैठक आयोजित की गई। जिसमें मोर्चे की आगामी रणनीति पर चर्चा हुई। तय किया गया कि एक अक्टूबर को कर्मचारी इंटरनेट मीडिया पर अपना प्रोफाइल काला रखेंगे। रात 8 से 9 घर की लाइट बंद रखेंगे। प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष मनोज अवस्थी ने कहा कि कर्मचारियों को पुरानी पेंशन से कम कुछ भी मंजूर नहीं है। उत्तराखंड का कर्मचारी पुरानी पेंशन बहाली के लिए संघर्ष को और तेज करेगा।
एक मात्र मिशन है पुरानी पेंशन बहाली
प्रदेश प्रभारी विक्रम रावत ने कहा कि मोर्चा प्रदेश में पुरानी पेंशन बहाली के लिए व्यापक प्रयास कर रहा है। जिसका एकमात्र मिशन पुरानी पेंशन है। प्रांतीय महासचिव सीताराम पोखरियाल ने कहा कि मोर्चा आने वाले समय में पुरानी पेंशन बहाली के लिए प्रदेश स्तर पर बड़ा आंदोलन करेगा। पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संघ के संजय भाष्कर ने कहा कि मोर्चा ईमानदारी से पुरानी पेंशन बहाली कि लड़ाई लड़ रहा है।
प्रदेश सरकार पर बढ़ाएंगे दबाव
राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय कोषाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह रावत ने कहा कि मोर्चा पुरानी पेंशन बहाली के लिए प्रतिबद्ध है और उत्तराखंड का कर्मचारी अब आर पार कि लड़ाई के लिए तैयार है। प्रदेश सरकार को जल्द ही पुरानी पेंशन बहाल करनी चाहिए।
इन्हें सौंपी जिम्मेदारी
इस दौरान लक्ष्मण सिंह को मोर्चे मे प्रांतीय समन्वयक कि जिम्मेदारी सौंपी गई।साथ ही रुद्रप्रयाग जनपद से शंकर भट्ट को प्रांतीय प्रवक्ता नियुक्त किया गया। ईश्वर चंद्र चौहान को गढ़वाल मंडल प्रचार प्रसार प्रमुख कि जिम्मेदारी दी गई। इस दौरान पूरण फर्स्वाण, नरेश भट्ट, अवधेश सेमवाल ,अभिषेक नवानी,सौरभ नौडियाल, राजीव उनियाल, माखन लाल शाह, त्रिलोक सिंह रावत, सुमित कुमार, अंकित रौथाण, प्रवीण घिल्डियाल, सुखपाल बिष्ट, मोहन सिंह, त्रिलोक सिंह, त्रिमूर्ति सिंह आदि मौजूद रहे।