यमकेश्वर विकाश खंड मे आज हुई बीडीसी बैठक हंगामे से शुरु होकर हंगामे के बीच हुई ही बेनतीजा संपन्न
यमकेश्वर विकाश खंड मे आज हुई बीडीसी बैठक हंगामे से शुरु होकर हंगामे के बीच हुई ही बेनतीजा संपन्न , किसी भी बिषय को लेकर ठोस रणनीति पर चर्चा नही बन पायी।
क्षेत्रिय मुद्दों को हमेशा प्रमुखता से उठाने वाले पूर्व सैनिक व क्षेत्र पंचायत सुदेश भट्ट ने बताया कि जब राज्य वित्त व केंद्रीय वित्त के मुद्दों पर उन्होने सदन मे आवाज उठाते हुये ये जानने की कोशिस कि की पंद्रहवें वित्त वर्ष का 4890500 अडतालीस लाख नब्बे हजार पांच सौ की धनराशी किस आधार पर मात्र प्रमुख, ज्येष्ठ प्रमुख, कनिष्ठ प्रमुख समेत कुल छ क्षेत्र पंचायतों मे वितरित किया गया, जिससे सदन का माहौल गर्मा गया, सुदेश भट्ट ने जब सदन मे सुबुतों के साथ आवंटित बजट को पढकर सुनाने की बात कही तो उनकी बात को ये कहकर दबा दिया गया कि ये मुद्दा क्षेत्र पंचायत के एजैंडे से बहार का है जबकि इसी विषय पर सदन मे उपस्थित प्रतिनिधि विशेष जानकारी की मांग करते हुये सवाल उठा रहे थे लेकिन ईन सवालो पर सुबुतों के साथ सदन मे बेबाकी से बात रखते हुये क्षेत्र पंचायत बूंगा ने बताया कि यहां पर विकास के नाम पर सरकारी धन की बंदरबाट निरंतर जारी है व राज्य वित्त मे भी भाई भतीजावाद के तहत इस तरह के कार्य हो रहे हैं, साथ ही सुदेश भट्ट ने सदन मे आवाज उठाते हुये आरोप लगाया कि यहां पर ठेकेदारी प्रथा के तहत जन प्रतिनिधियों को ही ठेकेदार बना दिया गया है जिसका वो शुरु से विरोध कर रहे हैं, सुदेश भट्ट ने बताया कि यदि प्रतिनिधि ठेकेदारी करने लगे तो कार्य का आकलन कर पाना मुमकिन नही होगा व गुणवत्ता मे कमी आना स्वाभाविक है अपने चहेतों को लाभ दिलाने के चलते आज यमकेश्वर के पारंपरिक ठेकेदार जिन्होने ब्लाक मे पंजीकरण तो कराया है लेकिन वो सिर्फ अपने पंजीकरण को साल दर साल रिन्यु कराने तक सिमित होकर रह गये जिनको यहां पर कार्य का पता तक नही चलता!
प्रतिनिधियों द्वारा स्वयं ही ठेकेदारी प्रथा के विरोध को जायज ठहराते हुये सभा मे उपस्थित यमकेश्वर विधायक ने इस गंभीर मुद्दे को तत्काल नोट कराने का आदेश दिया , बैठक के बीच मे एक ऐसा मोड आया जब बैठक की अध्यक्षता कर रही यमकेश्वर ब्लाक प्रमुख आधी बैठक को छोडकर सदन से बाहर चली गयी जिस पर उपस्थित प्रधान, व क्षेत्र पंचायतों ने खुब हंगामा काटा व सदन से कई सदस्यों ने वाकआउट भी किया, क्षेत्र पंचायत बूंगा ने भी इस मुद्दे पर सदन मे खुब हंगामा किया व कहा कि जिस सेना का सेनापति जंग को बीच मे छोडकर चला जाता है वो सेना कभी जंग नही जीत सकती व माननीय प्रमुख जी के सदन छोडकर जाने पर उन्होने कडे शब्दों मे इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुये निंदा की, साथ ही सुदेश भट्ट ने पंद्रहवें वित्त पर जिलाधिकारी महोदय से पुनर्विचार करने की गुहार लगाई व इस गंभीर मसले को सदन मे दबाये जाने के बाद उन्होने जिलाधिकारी से उनके कार्यालय पौडी मे मिलने का समय मांगा जिसे जिलाधिकारी पौडी ने सहज स्वीकार कर उन्हे पौडी आने को कहा ।
सुदेश भट्ट ने बताया कि वो एक सैनिक हैं व सैनिक होने के नाते अनुशासन मे रहते हुये वो जनता की मांग को लेकर संघर्ष निरंतर जारी रखेंगे चाहे इसके लिये उन्हे किसी भी हद तक ही क्यों न जाना पडे लेकिन वो जनता की मजबुत आवाज के रुप मे अपना संघर्ष जारी रखेंगे ।