देहरादून:-राज्य में स्कूल खुलने से पहले अभिवावकों की राय ली जाएगी। और स्कूल संचालक क्या चाहते है और कैसे स्कूल खुले क्या समय तय हो आदि आदि सवालों पर पहले राय मशविरा होगा इसके आधार पर ही राज्य में सरकारी गैर सरकारी स्कूल खुलने की
कवायत सुरु की जाएगी। सचिव शिक्षा डॉ आर मीनाक्षी सुंदरम ने राज्य के जिलाधिकारियों व शिक्षा महकमे के अफसरों को पत्र भेज इस पर रणनीति बनाते हुये चर्चा वार्ता करते हुये सुझाव प्राप्त करने के निर्देश दिये है।
प्रदेश में स्कूलों को खोले जाने के संबंध में विद्यालयी शिक्षा मंत्री अरविंद पाण्डेय की अध्यक्षता में सचिवालय में बैठक आयोजित की गई। बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव आर मीनाक्षी सुन्दरम सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
बैठक के बाद मीडिया सेंटर सचिवालय में मीडिया को जानकारी देते हुए शिक्षा मंत्री अरविंद पाण्डेय ने बताया कि स्कूलों को खोले जाने के संबंध में कोई भी निर्णय स्कूलों के प्रबंधन, अभिभावकों सहित सभी संबंधित पक्षों के साथ विचार विमर्श के बाद आमराय से किया जाएगा।
शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय़ की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद सचिव शिक्षा ने ये पत्र जारी किया है। पत्र में राज्य में स्थित सरकारी, प्राइवेट विधालयो में सोशल डिस्टेसिंग के पालन के साथ संचालन के लिये राय मशविरा हासिल किया जाना है। जिलों से प्राप्त होने वाले सुझावों को शासन व मंत्री के समक्ष रखते हुये विधालयों को खोलने के तौर तरीके के साथ ही अंतिम तीथि स्कूल खुलने की साफ होगी।
सभी जिलाधिकारियों को एक सप्ताह में अपने जिले से संबंधित फीडबैक शासन को भेजने के निर्देश दिए गए हैं। जिलाधिकारी अपने जिलों में कोविड-19 की स्थिति, वहां के स्कूलों के प्रबंधन समितियों और अभिभावकों की राय के आधार पर फीडबैक देंगे। जिलों से प्राप्त फीडबैक के बाद स्वास्थ्य विभाग के साथ विचार विमर्श कर आवश्यकतानुसार कैबिनेट में निर्णय लिया जाएगा।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि यदि स्कूलों को खोलने के बारे में राय बन जाती है तो तीन चरणों में स्कूलों को खोले जाने का प्रस्ताव किया जाएगा। पहले चरण में कक्षा 9 से 12 तक, दूसरे चरण में कक्षा 6 से 12 तक और तीसरे चरण में सभी कक्षाओं को शामिल किया जाना प्रस्तावित है। सभी स्कूलों में कोविड-19 के लिए जरूरी सभी प्रोटोकाल का पालन किया जाएगा। बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि है। अभिभावको की अनुमति बिना किसी बच्चे को स्कूल आने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा।