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पौड़ी क्रांति 08 अगस्त 1994 एक ऐतिहासिक रैली क़ी जोश व आग थी।

देहरादून:-आज दिनांक 08-अगस्त को उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच के संयुक्त सचिव राकेश नौटियाल के आवास पर देर सांय उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन की पौड़ी क्रांति की 26 बीं बर्षगांठ पर पदाधिकारियों ने प्रदेश वासियों को हार्दिक शुभकामनाएं देते हुऐ कहा क़ि वो पौड़ी क़ी ही रैली क़ी आग थी जो छात्रों ने मुलायम सरकार के 27% आरक्षण के खिलाफ सभी महाविधालय के छात्र नेता व वरिष्ठ लोग एकत्रित हुऐ और आज के ही ऐतिहसिक दिन 08-अगस्त 1994 को तत्कालीन मुख्यमंत्री उ प्र मुलायम सिंह द्वारा जिला कार्यालय पौड़ी में आमरण अनशन पर बैठे स्व इंद्र मोहन बडूनी जी व साथियों को जबरन उठाने व आंदोलनकारियों पर रात में लाठी चार्ज करनें के फलस्वरूप जो राज्य आंदोलन की निर्णायक लड़ाई पौड़ी से प्रारंभ हुई वह राज्य प्राप्ति तक निरन्तर जारी रही थी।
जगमोहन सिहं नेगी व प्रदीप कुकरेती ने कहा क़ि आज राज्य के अस्तीत्व को बचाने के लिए पुनः एक संघर्ष क़ी जरूरत आन पड़ी है और इसकी प्रथमिकता स्पष्ट है ..
*01* राज्य क़ी राजधानी केवल गैरसैण घोषित हो।
*02* राज्य में राजकीय सेवा में मूल निवासी को एवं उधोगों में 70% स्थानिय बेरोजगारों को प्रथमिकता ही अनिवार्य हो।
*03* राज्य में भ्रष्टचार को समाप्त करने हेतु लोकायुक्त कानून लागू किया जाय।
*04* राज्य के परीसीमन को केवल भौगोलिक क्षेत्र के आधार पर ही लागू हो उसकी प्रारंभिक तैयारी सरकार अभी से करें।
प्रदेश महासचिव रामलाल खंडूड़ी ने कहा कोरोना काल समाप्त होते ही शीघ्र इन सभी महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर जलूस व प्रदर्शन किया जाऐगा।
आज क़ीआवासिय बैठक मेँ जगमोहन सिंह नेगी, रामलाल खंडूड़ी , प्रदीप कुकरेती , राकेश नौटियाल, मनोज ज्याड़ा और वीरेन्द्र सकलानी ही मौजूद रहे।

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