उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री की पत्नी डॉ. रश्मि त्यागी बोली, ‘तीरथ जमीन से जुड़े और हर वर्ग के प्रिय नेता’
देहरादून । डीएवी पीजी कॉलेज में मनोविज्ञान विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर और नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की पत्नी डॉ. रश्मि त्यागी रावत का कहना है कि उन्हें पूरा विश्वास था कि तीरथ एक दिन उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बनेंगे। तीरथ जमीन से जुड़े नेता होने के साथ समाज के हर वर्ग के बारे में सोचते हैं। बुधवार को जैसे ही मुख्यमंत्री की घोषणा हुई, उनके जीएमएस रोड पर भागीरथी पुरम स्थित आवास में डॉ. रश्मि त्यागी रावत को बधाई देने वालों का सिलसिला शुरू हो गया।
एक घंटे के भीतर ही भागीरथी पुरम कॉलोनी की सभी गलियों में वाहनों की लाइनें लग गईं और उनके घर पर भारी भीड़। आस-पड़ोस में रहने वाले इस नजारे को छतों और खिड़कियों से देखने को आतुर दिखे। इसके साथ ही उनके घर पर सुरक्षा बढ़ा दी गई। तीरथ सिंह रावत के मुख्यमंत्री बनने पर उनकी डॉ. रश्मि त्यागी रावत ने करीब दो बजे अपने निवास पर पत्रकारों से लंबी बातचीत की। कहा, तीरथ हमेशा से ही मेहनत और लगन से काम करते हैं। हालांकि, उनका नाम मीडिया में नहीं चल रहा था, लेकिन पार्टी ने उन्हें उनकी मेहनत का इनाम दिया है। पार्टी व संगठन में जो उनका अनुभव है, उसका लाभ प्रदेश को मिलेगा। वह कहती हैं कि तीरथ को पहले से ही प्रशासनिक अनुभव है। वह प्रदेश के पहले शिक्षा मंत्री भी रह चुके हैं। उन्होंने बहुत ही बेहतर ढंग से अपना मंत्रलय भी चलाया था।।
डॉ. रश्मि कहती हैं कि तीरथ के मुख्यमंत्री बनने से शिक्षा के साथ ही स्वास्थ्य, सड़क, पेयजल सहित अन्य बुनियादी सुविधाओं का बेहतर ढंग से विकास होगा। डॉ.रश्मि त्यागी रावत ने कहा कि मुझे विश्वास है कि तीरथ पार्टी हाईकमान के इस विश्वास को कायम रखेंगे। वह किसी तरह के भेदभाव या क्षेत्रवाद को नहीं मानते हैं। यह उनका बहुत बड़ा गुण है। परिवार उनके साथ सदैव चट्टान की तरह खड़ा रहता है।
बेटी को घर लाते वक्त रास्ते में मिली सूचना
डॉ. रश्मि रावत प्रसन्न मुद्रा में बताती हैं कि वह करीब 11 बजे बेटी को स्कूल से घर लेकर जा रही थीं, तभी उन्हें फोन पर तीरथ के मुख्यमंत्री बनने की सूचना मिली। फोन आने पर उन्होंने कार रोककर बात की। पहले विश्वास नहीं हुआ, लेकिन जब लगातार बधाई की कॉल आने लगीं तो यकीन हो गया। वह बताती हैं कि तीरथ का स्वभाव बहुत ही ज्यादा सरल है। वह किसी गुट में शामिल नहीं होते हैं। पार्टी के सभी नेताओं के सुख-दुख में हमेशा साथ रहते हैं। मैं पार्टी का शुक्रिया अदा करती हूं कि उन्होंने तीरथ पर विश्वास जताया और इतना बड़ा निर्णय लिया।
चौबट्टाखाल से टिकट कटने पर बुरा लगा
डॉ.रश्मि त्यागी रावत ने कहा कि 2017 के विधानसभा चुनाव में जब तीरथ का चौबट्टाखाल से टिकट कटा तो मुझे व बेटी को बहुत बुरा लगा, लेकिन तीरथ ने फिर भी कोई नाराजगी नहीं जताई। उनका शुरू से ही गंभीर व्यक्तित्व है। दो साल बाद संगठन ने उन्हें तीन राज्यों का प्रभारी बना दिया। शायद उनकी कार्य क्षमताओं को देखते हुए उन्हें लोकसभा चुनाव में पौड़ी से उम्मीदवार बनाया। जनता के आशीर्वाद से उन्होंने यह सीट साढ़े तीन लाख मतों के अंतर से जीती।