अंबाला में हाल ही में तैनात होने जा रहे राफेल से पाक-चीन के माथे पर पड़ी चिंता की लकीर, नौ मिनट में तबाह कर सकते है दोनो देशों को
अंबाला में हाल ही में तैनात होने जा रहे राफेल से पाक-चीन के माथे पर पड़ी चिंता की लकीर, नौ मिनट में तबाह कर सकते है दोनो देशों को
राफेल के आने से जँहा भारत मे खुशी हुई है, वही चीन -पाक में सन्नाटा पसरा है।
अब पाक और चीन के नापाक इरादों को भारतीय वायुसेना आसानी से नेस्तानाबूत कर देगी। करीब 2100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से राफेल मात्र 6 मिनट में पाक और 9 मीनट में चीन तक पहुंच जाएंगे। 1965 और 71 की जंग में भी अंबाला एयरबेस की अहम भूमिका रही है। अंबाला एयरबेस से पाकिस्तान की सीमा 200 और चीन की मात्र 300 किलोमीटर है। यही कारण है कि अंबाला में जगुआर और मिस-21 जैसे लड़ाकू विमान भी तैनात किए गए थे।
सुरक्षा पुख्ता, परिंदे भी नहीं मार सकते पर
अंबाला एयरफोर्स की सुरक्षा राफेल के चलते बढ़ा दी गई है। अंबाला एयरफोर्स स्टेशन के चारों ओर के दायरे को मजबूत कर दिया गया है। इतना ही नहीं एयरफोर्स की सभी चेक पोस्ट पर कर्मचारियों को तैनात कर पल-पल की जानकारी रखी जा रही है। इतना ही नहीं घुसपैठियों को देखते ही गोली मारने के आदेश भी जारी किए गए हैं। तीन किलोमीटर के दायरे में ड्रोन उड़ाने पर भी पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है।
मात्र 30 मिनट में मिलेगा ईंधन अंबाला एयरबेस इसीलिए भी महत्वपूर्ण है कि यहां के लिए आईओसी से ईंधन भी आसानी से उपलब्ध हो जाता है। अंबाला आईओसी से मात्र 30 मिनट में ही ईंधन आसानी से उपलब्ध हो जाता है। बता दें कि राफेल की ईंधन क्षमता करीब 4700 किलोग्राम है।
राफेल के आते ही अंबाला एयरफोर्स स्टेशन की सुरक्षा को ओर पुख्ता करने के लिए रविवार को एयरफोर्स के अधिकारियों ने छह गांव के सरपंचों को आमंत्रित किया था। इनमें बरनाला, जनेतपुर, गरनाला,बलदेव नगर पूर्व पार्षद सोनिया रानी, पंजोखरा और धनकौर के सरपंचों को भी बुलाया गया था। इसके अलावा धूलकोट एरिया के पूर्व पार्षद बिट्टू चावला को भी निमंत्रण भेजा गया था। बैठक में एयरफोर्स के अधिकारियों ने इन गांव के सरपंचों व पूर्व पार्षदों से सहयोग मांगते हुए कोई भी वीडियो फ़िल्म न बनाने, व ओर रक्षा से सबन्धित कार्यक्रमों की फोटो न खींचने के लिए भी सहयोग मांगा ।