Sunday, April 27, 2025
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ये खबर है खास सबके लिए। जनहित में जारी।इसका संज्ञान जरूर ले। और सभी को बताए।

देहरादून में 70 साल की वृद्धा से 36 लाख

 ठगी की खबर उत्तराखंड केसरी ने अपने पोर्टल पर कल चलाई थी।लेकिन कुछ सोचकर आज फिर से अपने पाठकों के आगे खबर के साथ साथ कुछ सुझाव भी रख रहा है।

साइबर ठगी आज के आधुनिक साजो सामान से सजी हमारी जिंदगी के हर पल में ऑनलाइन का पचड़ा में पड़ना ही पड़ता है ।जैसे मनी ट्रांसफर, ओर अन्य तरह के ट्रांजेक्शन जो कि सुविधाओं लबालब तो है ।लेकिन जोखिमों से भी भरे पड़े है । जरूरत है सावधानी की। हम लोग अनजान आदमी पर भरोसा कर बैठते है। और अपना धन गवाँ बैठते है।  व्हाट्सएप  व अन्य शोसियल मीडिया पर पर अक्सर एक विज्ञापन आता रहता है। जैसे कि जिओ मोबाइल कम्पनी आने प्राइम मेम्बरों को फ्री में मोबाइल व अनलिमिटेड डाटा दे रही है। उसके लिए आपको दिए गए फॉर्मेट में अपनों को रजिस्टर करना होगा। अब खेल यही सुरु होता है। आप उस फार्मेट को भरते है अपनी सम्पूर्ण जानकारी उसमें भरने के बाद लास्ट में 10 लोगो को व व्हाट्सएप ग्रुप में भेजने के लिए ऑप्शन देता रहता है। और  हम लोग उसमें भरते रहते है और अपने फ्रेंड्स को भी वह मेसेज भेजकर भरवाने के लिए बोलते है। असल मे यह तरीका हैकरों व ठगो के खिलाड़ियों का पासा है। जिसमे हम फंसते है। वे लोग हमारे मोबाईल नम्बर हासिल कर लेते है और इस तरह से वे एक डाटा बना लेते है। उसी को बहुत  कम्पनियों को बेच देते है। वही से ये खेल सुरु हो जाता है। और जिससे ही अनजान लोग फँस जाते है। और अपनी गाढ़ी कमाई गवाँ बैठते है। मोबाइल पर ऐसे लेंन  देंन से बचे किसी को भी अपना ओटीपी नम्बर न  बताये। जितना हो सके ऐसे मामले में सबन्धित अधिकारी से ही मिले। सावधानी बरतें

देहरादून। पति की मौत के एक वर्ष बाद 70 वर्षीय वृद्धा को ठगों ने उसके पति की इंश्योरेंस पालिसी का 64.90 लाख रुपये का भुगतान दिलाने का झांसा देकर 36 लाख रुपये ठग लिए। ठग झांसा देकर वृद्धा से करीब 11 महीने तक अपने दिए बैंक खातों में रकम डलवाते रहे। मामले का खुलासा करते हुए साइबर सेल और डालनवाला थाना पुलिस ने तीन आरोपी गिरफ्तार किए हैं। इनमें शामिल ठगी का मास्टरमाइंड पूर्व में इंश्योरेंस कंपनी के कॉलसेंटर में नौकरी कर चुका है। उमा कुमार निवासी ईसी रोड ने बीते 12 अगस्त को डालनवाला थाने में मुकदमा दर्ज कराया।

उन्होंने कहा कि अगस्त 2019 में उनके मोबाइल पर अज्ञात नंबर से फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को कृष्णानंद मंडल बताया। उसने खुद को इंश्योरेंस कंपनी के फंड क्लीयरेंस डिपार्टमेंट, दिल्ली का कर्मचारी बताते हुए वृद्धा को झांसा दिया कि उनके पति की 64.90 लाख रुपये की बीमा पालिसी है। कहा कि पालिसी की कुछ किश्तें जमा नहीं हुई है। इनका भुगतान किया जाए तो उन्हें इंश्योरेंस की पूरी रकम मिल जाएगी। वृद्धा आरोपियों के झांसे में आई और 64.90 लाख रुपये पाने के लालच में उनके बैंक खाते 11 महीने तक रकम जमा कराती रही।

उन्होंने आरोपियों के दिए बैंक खाते में 36 लाख रुपये जमा करा दिए। इसके बाद रकम मिलने की आसा टूटी तो पुलिस को सूचना दी। पुलिस को बताया कि रकम देने के लिए वह अपने गहने गिरवी रख चुकी हैं। कई पड़ोसियों से लाखों रुपये उधर लिए हैं। इसकी जानकारी परिवार के अन्य लोगों को नहीं दी है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज जांच शुरू की। जिला साइबर सेल प्रभारी अशोक राठौर ने बताया कि जांच के आधार पर पुलिस को एक बैंक खाते की जानकारी मिली। जिसमें पीड़ित ने रकम जमा कराई थी।

उसमें दर्ज पते और मोबाइल नंबर के जरिए पुलिस आरोपियों तक पहुंची। उन्होंने बताया कि ठगी में शामिल अंकुर पाठक उर्फ बबलू (25) पुत्र महेश पाठक व प्रशांत शर्मा (22) पुत्र अवनीश कुमार निवासी कुमरपुर, थाना पहासु जिला बुलन्दशहर (यूपी) और हरवीर सिंह (50) निवासी पीतमपुर थाना पहासु, जिला बुलंदशहर को शनिवार शाम अलग-अलग स्थानों से गिरफ्तार किया गया है। रविवार को पुलिस आरोपियों को लेकर दून पहुंची। पुलिस के मुताबिक पीड़ित महिला का बेटा विदेश में नौकरी करता है।

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