साथी को अधिक लोकप्रिय बनाने के लिए यात्रा एग्रीगेटर जैसे मेकमाईट्रिप, गोआईबीबो के साथ जोड़ा जा सकता हैः सतपाल महाराज*
*साथी को अधिक लोकप्रिय बनाने के लिए यात्रा एग्रीगेटर जैसे मेकमाईट्रिप, गोआईबीबो के साथ जोड़ा जा सकता हैः सतपाल महाराज*
*उत्तराखंड में साथी पहल के तहत 320 इकाइयां कर चुकी हैं अपना पंजीकरण-दिलीप जावलकर*
देहरादून। भारत सरकार द्वारा एक पहल साथी जो (आतिथ्य उद्योग के लिए मूल्यांकन, जागरूकता और प्रशिक्षण के लिए प्रणाली) है जो छोटे उद्योगों को वैश्विक स्तर पर विकसित करने के लिए उद्योगों का समर्थन करके आत्म निर्भर भारत को बनाए रखती है। यह पहल पर्यटकों और साथ ही आतिथ्य उद्योग पोस्ट कोविड-19 में कर्मचारियों के भरोसा और विश्वास बनाये रखने पर केंद्रित है
यह पहल वर्तमान में होटल, रेस्तरां, बी2बी/होमस्टे पर लागू है। साथी ऐप को तीन चरणों में विभाजित किया गया हैं जिसमें, कोविड 19 के दिशा-निर्देशों का सही तरीके से पालन करने के लिए सेल्फ सर्टिफिकेशन, क्षमता निर्माण, जो होटल व्यवसायी, रेस्तरां और अन्य लोगों की क्षमता बनाने में मदद करेगा। साइट मूल्यांकन, जो अंतराल की पहचान करने के लिए भूमि कार्यान्वयन पर जाँच करता है।
भारत सरकार द्वारा चलायी जा रही इस पहल के बारे में बात करते हुए, पर्यटन मंत्री, सतपाल महाराज ने कहा, ‘‘साथी कोविड-19 की चुनौतियों का सामना करने के लिए आतिथ्य उद्योग के साथ मदद और भागीदारी है। इस पहल के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि यह हमारे माननीय पीएम नरेंद्र मोदी की आत्म निर्भर भारत के विजन के साथ जुड़ा हुआ है। मैं उत्तराखंड के सभी संबंधित हितधारकों से अनुरोध करूंगा कि वे इस पहल में सक्रिय रूप से खुद को पंजीकृत करें और इसका पूरा लाभ उठाएं। उन्होंने कहा कि साथी को अधिक लोकप्रिय बनाने की आवश्यकता है इसके लिए यात्रा एग्रीगेटर जैसे मेकमाईट्रिप, गोआईबीबो के साथ जोड़ा जा सकता है, ताकि बड़ी संख्या में लोगों तक पहुंच बनायी जानी संभव हो सके।
सचिव पर्यटन, श्री दिलीप जावलकर ने कहा, “उत्तराखंड में साथी पहल के तहत 320 से अधिक इकाइयां पहले ही अपना पंजीकरण करा चुकी हैं। साथी राज्य में सुरक्षा भागफल को बनाए रखेगा और पर्यटन उद्योग में हमारे हितधारकों को सशक्त करेगा। हमें यकीन है कि हम आने वाले दिनों में उपरोक्त संख्या में वृद्धि करेंगे।
साथी को कोविड-19 सुरक्षा और स्वच्छता के लिए सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के आधार पर क्वालिटीकाउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा विकसित किया गया है। साथी की आधिकारिक वेबसाइट https://saathi.qcin.org/.
*निशीथ सकलानी*