ब्लैकमेलिंग के लिए 300 फर्जी अकाउंट; कॉलेज स्टूडेंट्स को भी फंसाया
सीआईडी क्राइम ब्रांच ने सेक्सटॉर्शन और साइबर ठगी के मामले में दो भाइयों को किया गिरफ्तार,
सीआईडी क्राइम ब्रांच ने सेक्सटॉर्शन और साइबर ठगी के मामले में मंगलवार रात अलवर जिले से दो सगे भाइयों को गिरफ्तार किया। टीम को इनपुट था कि ये सेक्सटॉर्शन और ऑनलाइन ठगी करने वाली गैंग से जुड़े हैं।
जब इनसे पूछताछ की गई तो चौंकाने वाले खुलासे हुए। दोनों के पास से नकली जॉब के ऑफर लेटर मिले। पूछने पर बताया कि ये कॉलेज स्टूडेंट्स को नौकरी का झांसा देकर इनके डॉक्युमेंट्स लेते थे। इन्हीं डॉक्युमेंट्स से दोनों भाई अकाउंट खुलवाते और इन्हीं अकाउंट में सेक्सटॉर्शन और दूसरी ठगी का पैसा आता था।
दोनों भाइयों ने पूरे राजस्थान में अपना नेटवर्क बना रखा था। क्राइम ब्रांच ने इन दोनों के पास से 9 बैंक अकाउंट किट, 7 अन्य बैंकों के चेक, 24 अन्य बैंकों की डिटेल और डॉक्युमेंट्स के साथ एक कार भी बरामद की है।
ये भी सामने आया कि दोनों भाई तीन साल में करीब 40 लाख में 300 अकाउंट गिरोह के मेंबर को बेच चुके थे और ये सारे अकाउंट कॉलेज स्टूडेंट के थे, जिन्हें नौकरी का झांसा दिया गया।
चाय की थड़ियों पर बैठकर स्टूडेंट को टारगेट करते
डीआईजी क्राइम ब्रांच राहुल प्रकाश ने बताया कि दोनों सगे आदित्य जांगिड़ (24) और रवि जांगिड़ (21) को गिरफ्तार किया है। ये दोनों अलवर जिले के खेड़ली के रहने वाले हैं। फिलहाल दोनों काफी समय से जयपुर में खोनागोरियान इलाके में रहते हैं। ये दोनों जयपुर, अलवर, भरतपुर के अलावा पूरे राजस्थान में सक्रिय थे। दोनों पिछले लंबे समय से साइबर गैंग के कॉन्टैक्ट में थे।
आरोपी कॉलेजों के पास चाय की थड़ी के पास बैठे रहते थे। यहां पर कॉलेजों के ऐसे स्टूडेंट्स पर नजर रखते थे, जोकि बेरोजगार हैं और जॉब तलाश कर रहे हैं। उन्हें झांसे में लेकर अच्छी जॉब दिलाने का ऑफर देते। जब स्टूडेंट्स झांसे में आ जाता तो कुछ दिनों बाद वॉट्सऐप पर कॉन्टैक्ट करते थे।
टेली कंपनी में नौकरी का झांसा दिया
जांच में पता लगा कि है कि दोनों भाई पहले टेली परफॉर्मेंस सर्विस प्रोवाइडर कंपनी में जॉब करते थे और इसी कंपनी में नौकरी देने का झांसा देते थे।
आदित्य जागिड़ इसी कंपनी में कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव पद पर दो साल तक जॉब कर चुका था। ऐसे में उसे कंपनी के बारे में पूरी जानकारी पहले से ही थी। जॉब छोड़ने के बाद इसी कंपनी का इन्होंने लैटर पेड पर ऑफर लेटर बना कर रख लिए थे और स्टूडेंट्स को झांसे में लेने के लिए इसी का यूज करते थे।
नौकरी से पहले शर्त रखते, डॉक्युमेंट्स जमा करवाने होंगे
दोनों भाई बड़े शातिर थे। उन्हें पता था
कि कॉलेज स्टूडेंट्स को ऐसे झांसे में नहीं लिया जा सकता। इसलिए अपने साथ नकली ऑफर लेटर रखते। इसके बाद जॉब लगने का झांसा देकर उनसे आधार कार्ड, पेन कार्ड और फोटो मंगवा लेते। और इन्हीं डॉक्युमेंट्स से फर्जी सिम लेकर बैंक में अकाउंट खुलवाते और बैंक की पासबुक, डेबिट कार्ड अपने पास रख लेते थे।
3 हजार में अकाउंट खुलवाए और 13 हजार में बेच देते
क्राइम ब्रांच ने दोनों भाइयों से पूछताछ की तो पता लगा कि भरतपुर के नगर के रहने वाले असलम फौजी पूरे गिरोह का सरगना है। पहले इन अकाउंट को असलम फौजी को बेचा जाता था। फिर आगे स्टूडेंट्स के नाम से खुलवाए अकाउंट को सेक्सटॉर्शन करने वाले लोगों को बेच देते।
तीन हजार रुपए में अकाउंट खुलवाते थे और उन्हें 13 हजार रुपए में बेच देते थे। इधर, यदि स्टूडेंट्स बैंक की किट लेने के लिए जिद करते तो दोनों भाई स्टूडेंट को समझाते और इसके बाद भी वे नहीं मानते तो पासबुक दे देते थे। कई मामलों में वे स्टूडेंट्स को कार्ड खोने की बात भी कह चुके थे।
नेताओं से लेकर आम लोगों को सेक्सटॉर्शन में करते ब्लैकमेल
सेक्सटॉर्शन का ये गिरोह भरतपुर के अलावा मेवात इलाके में पूरी तरह से एक्टिव है। राजस्थान के अलावा हरियाणा, दिल्ली में भी इनकी गैंग काम कर रही है। पुलिस को दोनों भाइयों से 20 लोगों के नामों की लिस्ट मिली है। इन लोगों की पूरी गैंग आपस में एक-दूसरे से कनेक्ट रहती है। पुलिस अब इन लोगों को वेरिफाई कर आगे की कार्रवाई करेगी।
जांच में सामने आया कि ये नेताओं और बड़े लोगों को अपने टारगेट पर रखते थे। वीडियो कॉल कर पहले उनके अश्लील वीडियो बनाते और फिर उन्हें ब्लैकमेल कर रुपए मांगे जाते। रुपए नहीं देने पर वीडियो शेयर करने की धमकी देते। जब आगे वाला रुपए देने के लिए राजी हो जाता तो स्टूडेंट्स के इन अकाउंट में रुपए ट्रांसफर किए जाते थे।
इधर, इन दोनों की गिरफ्तारी के बाद ये क्राइम ब्रांच ने दावा किया कि वे जल्द ही इस मामले में भरतपुर और अलवर से कुछ लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है।
सेक्सटॉर्शन के रुपए डेबिट कार्ड से निकालते
इन अकाउंट्स को सेक्सटॉर्शन चलाने वाले गिरोह को बेच दिया जाता था। क्योंकि अकाउंट से संबंधित सारी जानकारी इनके पास ही होती थी। स्टूडेंट्स के डॉक्युमेंट्स से ही फर्जी नंबर लेकर गैंग के लोग ऑपरेट करते थे और इसी नंबर को अकाउंट से लिंक किया जाता था। ताकि ट्रांजैक्शन पर आसानी से नजर रख सकें।
दोनों के पास मिले 40 बैंक अकाउंट
क्राइम ब्रांच ने दोनों के घरों की तलाशी ली तो 9 बैंक अकाउंट की पूरी किट, 7 बैंकों के चेक, 24 बैंक के डॉक्युमेंट्स मिले हैं। क्राइम ब्रांच की कार्रवाई की टीम में एसआई दयाराम चौधरी, एएसआई दुष्यंत सिंह, हेड कॉन्स्टेबल शाहिद अली, महेंद्र सिंह के साथ रविंद्र सिंह की खास भूमिका रही है। क्राइम ब्रांच की टीम लगातार दोनों भाइयों के मोबाइल नंबरों को ट्रेस कर रही है।
तीन साल में 300 अकाउंट्स खोल चुके
जांच में दोनों से पता लगा कि दोनों पिछले तीन साल से साइबर ठगों के साथ जुड़े हुए हैं। स्टूडेंट्स को झांसे में लेकर 10 से 15 अकाउंट हर महीने खोल देते थे। ये भी सामने आया कि बैंक में भी कर्मचारियों के पास रोजाना आना जाना रहता है। इसलिए बैंक वाले भी ज्यादा पूछताछ नहीं करते। दोनों ने पिछले तीन साल में 300 अकाउंट खुलवाकर सेक्सटॉर्शन करने वाले गिरोह को बेच चुके हैं।
एटीएम से 10-12 लाख रुपए निकाले
सीआईड़ी क्राइम ब्रांच ने जयपुर के जवाहरनगर में भी तीन युवकों को गिरफ्तार किया था। ये तीनों भी एटीएम कार्ड फर्जी तरीके से बनवा कर रोजाना 10-12 लाख रुपए निकाले जाते थे। तीनों से पुलिस को 11.73 लाख रुपए जब्त किए थे। इस पूरे मामले में जयपुर, भरतपुर, कोटा पुलिस अब तक 15 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। डीआईजी क्राइम राहुल प्रकाश और एएसपी हरिराम कुमावत साइबर ठगों को लेकर मॉनिटरिंग कर रहे हैं।