देहरादून

CSIR/IIP देहरादून की पहल पर उन्नत गुड़ भट्टी, ग्रामीण भारत के कृषि आधारित कुटीर उद्योग को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक सार्थक कदम

 

देहरादून-: सीएसआईआर-आईआईपी और श्री अनुज कुमार, निवासी ग्राम निरावली, मवाना, मेरठ, उत्तर प्रदेश के बीच 6 जुलाई, 2022 को सीएसआईआर-आईआईपी प्रौद्योगिकी “बेहतर गुड़ बनाने का संयंत्र – गुड भट्टी” के तकनीकी हस्तांतरण समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।

कृषि और कृषि आधारित कुटीर उद्योग ग्रामीण अर्थव्यवस्था की जीवन रेखा हैं, हालांकि वैज्ञानिक हस्तक्षेप के माध्यम से ग्रामीण उद्योगों का आधुनिकीकरण ग्रामीण विकास के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। सीएसआईआर-आईआईपी की उन्नत गुड़ भट्टी, ग्रामीण भारत के कृषि आधारित कुटीर उद्योग को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक कदम है। यह प्रौद्योगिकी ‘गुड़’ बनाने की उत्पादकता में सुधार के साथ उत्सर्जन को भी कम करने मे कुशल है । यह प्रौद्योगिकी ग्रामीण जनता के लिए रोजगार के नए अवसर और मौजूदा संयंत्र मालिकों को अतिरिक्त आय का ज़रिया भी प्रदान करती है ।

 

इस तकनीक के फायदे हैं:

 

• ईंधन की खपत में 20% की कमी

• दैनिक गुड़ उत्पादन क्षमता में 15% की वृद्धि

• धुएं और उत्सर्जन में उल्लेखनीय कमी

• भट्टी में ईंधन झोकने मे आसानी

• गुड़ बनाने वाले प्लान्ट की आयु में वृद्धि

 

 

डॉ. गणनाथ दौ. ठाकरे, पी.एच.डी. (यांत्रिकि अभियांत्रिकी) /Dr. Gananath D. Thakre, Ph.D (Mech. Engg.)

प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रभागाध्यक्ष / Principal Scientist & Head,

ट्राइबोलोजी एवं कम्बस्चन प्रभाग / Tribology & Combustion Division,

विज्ञान संचार एवं प्रसार निदेशालय / Science Communication & Dissemination Directorate,

भारतीय पेट्रोलियम संस्थान / Indian Institute of Petroleum,

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