Uncategorized

अपनी विभिन्न मांगों को लेकर उत्तराखण्ड आन्दोलनकारी संयुक्त परिषद् व सामाजिक संगठन राजनीतिक दल ने अपनी मांगों को लेकर  इन्द्रमणी बडोनी प्रतिमा के समक्ष दिया एक दिवसीय धरना 

हिमाचल की तर्ज पर धारा 371 लागू करने के लिए व मूल निवास 1950 लागू करे सरकार,

उत्तराखण्ड आन्दोलनकारियों की चिन्हीकरण की प्रक्रिया शुरू की जाए व समान पेंशन पट्टा लागू किया जाये

वीडियो देखिये

देहरादून :- आज दिनांक 23.01.2024 को उत्तराखण्ड आन्दोलनकारी संयुक्त परिषद् व सामाजिक संगठन राजनीतिक दल इन्द्रमणी बडोनी जी के प्रतिमा के समक्ष व सुभाष चन्द्र बोस की जयन्ती के अवसर पर धरना आयोजित किया, जिसमें हिमाचल की तर्ज पर धारा 371 लागू करने के लिए व मूल निवास 1950 लागू करने के लिए आन्दोलनकारियों की चिन्हीकरण की प्रक्रिया शुरू करने के लिए व समान पेंशन पट्टा मांगों के समर्थन में धरना आयोजित किया जायेगा। उत्तराखण्ड आन्दोलनकारी संयुक्त परिषद् वर्षों से इन मांगों के लिए संघर्षित है इन मांगों पर भाजपा सरकार द्वारा गम्भीरतापूर्वक विचार नहीं किया जा रहा है जिससे उत्तराखण्ड की जनता में बहुत ही आक्रोश है। यहां की जनता का आक्रोश कभी भी ज्वालामुखी की तरह फट सकता है जिसकी जिम्मेदारी स्वयं भाजपा सरकार की होगी।

1. हिमाचल की तर्ज पर धारा 371 उत्तराखण्ड को बने हुए 23 वर्ष हो चुके हैं यहां की समस्या जस की तस बनी हुई है क्योंकि 371 नहीं लगने के कारण यहां पर विभिन्न प्रदेशों के लोग आकर बस रहे हैं जिससे यहां के मूल निवासी अल्पसंख्यक होते जा रहे हैं यहां पर बाहर के भूमाफिया, शराब माफिया सक्रिय होते जा रहे हैं। यहां की भोलीभाली जनता की जमीनें खुर्द बुर्द कर रहे हैं भाजपा सरकार द्वारा बाहर के लोगों को प्रलोभन देकर यहां के किसानों की कृषि भूमि बाहर के माफियाओं व बाहर के लोगों को दे रहे हैं भाजपा यहां पर जानबूझ के धारा 371 लागू नहीं कर रही है उत्तराखण्ड आन्दोलनकारी व शहीदों ने जो सपने उत्तराखण्ड को बचाने के लिए जल, जंगल, जमीन व संस्कृति को बचाने के लिए अपनी शहादते दी उसको भाजपा सरकार ने भुला दिया है अगर धारा 371 नहीं लगाई गई तो एक लम्बे संघर्ष के लिए उत्तराखण्ड की जनता तैयार है।

. मूल निवास 1950 से लागू किया जाना भाजपा सरकार द्वारा मूल निवास 1950 से लागू नही किया जा रहा है जिससे बाहर की जनता व विदेशों से भी लोग यहां पर मूल निवासी बनते जा रहे हैं यहां पर 15 साल की स्थाई निवास देकर यहां के लोगों का रोजगार बाहर से आने वाले लोगों को जिसमें रोहिंगिया, बांग्लादेशी, बर्मा, पाकिस्तान आदि देशों के लोगों को यहां का मूल निवासी बनाया जा रहा है जिससे आने वाले समय में उत्तराखण्ड को एक हिंसक राज्य बनाने की कोशिश की जा रही है हम उत्तराखण्डी लोग मूल निवास 1950 से लागू करने के लिए हिमायती है।

3. उत्तराखण्ड आन्दोलनकारियों की चिन्हीकरण की प्रक्रिया शुरू की जाए व समान पेंशन पट्टा लागू किया जाये हम लोग उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलनकारी यह भी मांग करते हैं जो आन्दोलनकारी चिन्हीकरण से वंचित रहे गये हैं उनका चिन्हीकरण तुरन्त किया जाये और ऐसे आन्दोलनकारी जो सरकार की कमी से छूट गये हैं तथा सरकार द्वारा बनाये हुए मानक भी सही नहीं हैं उन लोगों का चिन्हीकरण तुरन्त किया जाये। आन्दोलनकारियों को दी जा रही पेंशन एक समान

की जाए व इसका पेंशन पट्टा लागू किया जाये। 4. रोडवेड कर्मचारियों का उत्पीड़न बंद किया जाये।

समर्थन देने वालों में उत्तराखण्ड आन्दोलनकारी संयुक्त परिषद्, राष्ट्रीय उत्तराखण्ड पार्टी, उत्तराखण्ड महिला मंच, जनवादी महिला समिति, नेताजी संघर्ष समिति, उत्तराखण्ड कर्मचारी आन्दोनलकारी संगठन, उत्तराखण्ड किसान सभा, माक्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी, सी2, एस०एफ०आई० प्यूपिल्स् फोरम, दिशा सामाजिक संस्था, यू०के०डी०, उत्तराखण्ड के विभिन्न जन संगठन, राजनैतिक दल एवं सामाजिक संगठन समर्थन देने वालो के नाम।

नवनीत गुसाईं (संरक्षक), विपुल नौटियाल (अध्यक्ष), गणेश डंगवाल (पूर्व अध्यक्ष), सुरेश कुमार (जिलाध्यक्ष), चिन्तन सकलानी (प्रवक्ता), अनुराग भट्ट, जगमोहन रावत, प्रभात डण्डरियाल, रामपाल, अमित पंवार, धर्मानन्द भट्ट, सुशील विरमानी, निर्मला बिष्ट, पुष्पलता सिरमाना, बालेश भवानिया, प्रेम सिंह नेगी, सुनील जुयाल, सत्या पोखरियाल, पार्वती राठौड़, मधु डबराल, प्रवीन गुसाईं, कमला देवी, प्रमोद मन्द्रवाल, सुलोचना गुसाई, इन्दू नौडियाल, अनन्त आकाश, लेखराज, राजेन्द्र पुरोहित, प्रभा नैथानी, शकुन्तला देवी, जबर सिंह पावेल, सुमित थापा, राजेन्द्र थापा, संगीता रावत, आरती राणा, विजय प्रताप मल, आशीष उनियाल, बृजेश नवानी, देवशिरी रावत, राजकुमार जायसवाल, विशाल बिष्ट, कल्पेश्वरी नेगी, शान्ति बुटोला, पुष्पलता वेश, अनिता रावत, पुष्पा नेगी, विरेन्द्र पोखरियाल, महेन्द्र गुसाईं, अनिता रावत, अनिता कोरी, दुर्गा ध्यानी, मुकेश मोगा, अभय कुकरेती, रविन्द्र कुमार प्रधान, सतीश भोलाखण्डी, प्रमिला रावत, मुन्नी खंडूरी, भूपेन्द्र सिंह नेगी, राकेश भट्ट, विशम्भर दत्त बौडियाल, लोक बहादुर थापा, बीना देवी, इन्दू देवी, कमलेश थापा, पार्वती रतूड़ी, मुकेश, कमलेश, जमुना देवी, चन्द्रा सुन्दरियाल, बैशाखी, धर्मानन्द भट्ट, लीला बोहरा, सुभाष शाह, संगीता रावत पारूल, वेदानन्द कोठारी आदि।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *