10 जुलाई को अलकनंदा में बह गए थे एएसआई जोशी, माता-पिता ने की उच्चस्तरीय जांच की मांग
रुद्रप्रयाग। पांच माह पहले नदी में बहे सहायक उप निरीक्षक जगत बंधु जोशी की घर वापसी की राह देखते हुए उनके राज्य आंदोलनकारी बुजुर्ग पिता व माता की आंखें पथरा गई हैं।
वह बेटे की खोज के लिए गांव से देहरादून इस उम्मीद में आए कि पुलिस विभाग की ओर से उसकी तलाश तेज की जाएगी और उसका पता लग सकेगा लेकिन अभी तक उसका पता नहीं चल पाया है। अब उन्होंने शासन, प्रशासन व पुलिस विभाग से मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लॉक के परदा गांव निवासी जगत बंधु जोशी (30) पुलिस संचार शाखा एएसआई के पद पर कार्यरत थे। वह 10 जुलाई को अपने साथ के कुछ कर्मियों के साथ कोटेश्वर महादेव दर्शन करने गए थे। यहां दर्शन के बाद वह नदी किनारे पहुंचे लेकिन पैर फिसलने से वह अलकनंदा नदी के तेज बहाव में बह गए। पुलिस ने जल पुलिस, एसडीआरएफ की मदद से खोज की लेकिन बरसात में नदी का जलस्तर अधिक होने से उनका पता नहीं लग सका। घटना के चार दिन बाद पुलिस कर्मी के पिता मंगतराम जोशी पहुंचे और राजस्व उप निरीक्षक में तहरीर दी थी लेकिन मामले में कोई कार्रवाई नहीं हो पाई।
मंगतराम जोशी का कहना है कि उनके बेटे की खोज के लिए यह कई बार पुलिस अधिकारियों से मिल चुके है लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हो रही है। उन्होंने शासन, प्रशासन व पुलिस विभाग से मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की।
एएसआई जोशी की खोज के हरसम्भव प्रयास किये जा रहे है उस समय नदी का जलस्तर अधिक होने के कारण सफलता नहीं मिल पाई थी। अब नदी का जलस्तर कम होने पर दोबारा खोज की जाएगी एएसआई को लेकर विभागीय स्तर पर भी जांच चल रही है। (परिवार का पूरा सहयोग किया जा रहा है डा. विशाखा अशोक भदाणे, पुलिस अधीक्षक रुद्रप्रयाग।
पौड़ी जिले के यमकेश्वर के परन्दा गांव निवासी मंगतराम जोशी व मंजू देवी की पाँच सन्तानो में जगत बन्धु जोशी चौथे नंबर के थे। वह वर्ष (2013) से रुद्रप्रयाग जिले में ही सेवा दे रहे थे। इसी वर्ष मई में उनका विवाह हुआ था। वह अपने परिवार के अकेले कमाउ थे बीते पांच माह से परिवार की स्थिति खराब है।