उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारियों 23 सितंबर को विधानसभा पर प्रदर्शन करेगी।
देेेहरादून :-उत्तराखंड चिन्हित राज्य आंदोलनकारी सयुकंत समिति के बैनर तले आज 2 घंटा चली वीडियो कॉन्फ्रेंस में उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारियों ने भारी बहस के बाद विधानसभा सत्र के पहले दिन 23 सितंबर को विधानसभा पर प्रदर्शन करने का फैसला लिया।
समिति के मुख्य केंद्रीय संरक्षक धीरेंद्र प्रताप के संयोजन में हुई आज वीडियो कांफ्रेंस में यह तय किया गया कि 23 सितंबर को समिति के केंद्रीय अध्यक्ष हरि कृष्ण भट्ट और महिला शाखा की अध्यक्ष सावित्री नेगी के नेतृत्व में राज्य आंदोलनकारी देहरादून कचहरी स्थित शहीद स्मारक पर सुबह 9:00 बजे इकठ्ठा होंगे
वहां से आंदोलनकारियों के चिन्हीकरण गैरसेंण स्थाई राजधानी दिवंगत आंदोलनकारियों के आश्रितों को पेंशन मुजफ्फरनगर खटीमा और मसूरी कांड के दोषियों को सजा दिलाई जाने और 10% आरक्षण की मांगों को लेकर विधानसभा कूच करेंगे
धीरेंद्र प्रताप और हरी कृष्ण ने भट्ट ने बताया कि यद्यपि देहरादून में कोरोना की बिगड़ती स्थिति को लेकर आंदोलनकारियों में प्रदर्शन को लेकर काफी वैचारिक मतभेद दिखाई दिए परंतु आंदोलनकारियों की नाराजगी आखिर में प्रदर्शन के पक्ष मे राय के समर्थन में भारी पड़ी और तय किया गया कि 23 मार्च को सत्याग्रह होकर रहेगा ।
इस वीडियो कॉन्फ्रेंस में जिसमें उत्तराखंड के 13 जिलों और दिल्ली एनसीआर के प्रतिनिधियों अनिल पंत मनमोहन शाह प्रेमा धोनी, बृज मोहन सेमवाल ने भाग लिया ।दिल्ली एनसीआर के प्रतिनिधियों द्वारा दिल्ली उत्तराखंड सदन के बाहर 23 सितंबर को प्रदर्शन का ऐलान किया गया।
उत्तराखंड से पिथौरागढ़ से राजेंद्र बिष्ट और चंद्रशेखर कपरवाण, चमोली से हरीकृष्ण भट्ट रुद्रप्रयाग से सूरज नेगी देहरादून से सावित्री नेगी अरुणा थपलियाल और मनीष नागपाल उधम सिंह नगर से अवतार सिंह बिष्ट अनिल जोशी जानकी गोस्वामी जानकी प्रसाद नैनीताल से राजेंद्र बिष्ट नरेश भट्ट रईस अहमद और लीला गोरा चंपावत से भागीरथ प्रसाद भट्ट और नवीन मुरारी पौड़ी से विशंभर खनक्रियाल और सरिता नेगी टिहरी से हुकम सिंह कंडारी और जय सिंह रावत उत्तरकाशी से बाल गोविंद डोभाल डॉ वीरेंद्र पोखरियाल शिव प्रसाद नौडियाल अल्मोड़ा से विजया जोशी और वीरेंद्र बजेठ ऋषिकेश से देवी प्रसाद व्यास और कृपाल सिंह रावत समेत अनेकों नेताओं ने भाग लिया सर्वसम्मति से अंततः 23 सितंबर को सुबह 9:00 बजे शहीद स्मारक से देहरादून विधानसभा कूच करने का फैसला लिया गया यह तय किया गया कि सभी प्रदर्शनकारी सरकार की आंदोलनकारी विद विरोधी नीतियों के विरुद्ध काला झंडा लेकर प्रदर्शन करेंगे और अपनी मांगों को लेकर सरकार के समक्ष जबरदस्त विरोध दर्ज करेंगे पिछले साढे 3 साल में त्रिवेंद्र सरकार द्वारा आंदोलनकारियों के हक में एक भी फैसला लिए जाने के विरोध में सभी आंदोलनकारियों के स्वर्ग तल्ख दिखे और उन्होंने अंततः प्रदर्शन करने का एलान किया ।