चीन की तरक्की का राज़ क्या है?
चीन जो 1978 तक एशिया औरअफ्रीका के पिछड़े देशों से भी पिछड़ा था। लेकिन इसने पिछले 25 सालों में अपने देश के 800 मिलियन यानि 80 करोड़ लोगों को गरीबी दर से बाहर लाकर उन्हें रोजगार और एक अच्छी जीवनशैली प्रदान की।
चीन आज दुनिया का सबसे बड़ा निर्यातक देश बन चूका है। दुनिया की 80 % ए. सी. , 70% स्मार्टफोन, 60 % जूतें, 74% सोलर सेल, 60% सीमेंट, 45% पानी का जहाज, 50% स्टील चीन ही बनाता है। 50% कोयला का उत्पादन भी चीन ही करता है।
आइये अब चीन की तरक्की का राज देखते हैं।
चीन की तरक्की की शुरआत वहां से होती है जब साम्यवादियों ने 1949 में अपना वर्चस्व स्थापित करके चीनी गणराज्य की स्थापना करता है। उस समय साम्यवाद पार्टी के नेता माओ जेदांग थे जिन्होंने अपनी शासन प्रणाली पुरे देश में लागु कर दी जिसे माओवाद कहते हैं और यह साम्यवाद को बढ़ावा देता था। लेकिन कुछ साल बाद माओ के मिर्त्यु हो जाने पर वहाँ के लोगो को समझ में आ गया सिर्फ साम्यवाद से देश की उन्नति और जनता का विकास नहीं होने वाला है, इसलिए उन्होंने पूंजीवाद देश अमेरिका से नजदीकियाँ बढ़ा ली और औधोगिकरण को बढ़वा देने लगे।
चीन ने 1978 में 23 एफ.डी.आई शुरू किया जिससे वहाँ बहुत ज्यादा फैक्टरियाँ लगनी शुरू हो गयी। चुकीं उस समय चीन बहुत गरीब था और वहाँ सबसे सस्ते मजदूर मिलते थे जिसके कारण दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियों ने चीन में आकर अपनी फैक्टरियाँ खोल दिए। इससे चीन में नौकरियां बहुत बढ़ गयी, लोगो को रोजगार मिलने लगा और चीन का विकास बहुत तेजी के साथ बढ़ने लगा। फिर चीन ने पुरे देश का औधोगिकरण कर दिया और अपनी उत्पादक क्षमता कई गुना बढ़ा ली जिसके कारण आज दुनिया का सबसे बड़ा निर्यातक देश बन गया। चीन कंपनियों को बिजली ,ट्रांसपोर्टेशन के साथ-साथ इतनी ज्यादा सुविधाएँ देता है की आज यह निवेशकों और बड़ी कंपनियों की पहली पसंद बन चूका है। चीन को अब ग्लोबल फैक्ट्री कहा जाने लगा है और चीन अरबपतियों के मामले में दूसरे नम्बर पर पहुँच चूका है।
जब चीन ने अपने बाजार को व्यापार के लिए खोला था उस समय तक उसके आसपास के देश जापान, ताइवान, हांगकांग और रूस इतने विकसित हो चुके थे की चीन उनके साथ व्यापार कर बहुत तेजी से उन्नति करने लगा और आज सबसे तेजी से बढ़ने वाली और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकॉनमी बन गया।
यह एक ऐसा देश है जहाँ सरकार और बिजनेसमैन साथ मिलकर पार्टनरशिप में काम करते है जिसके कारण दोनों एक दूसरे का साथ देते हैं। वहाँ की सरकार खुद दूसरे देश में जाकर अपने देश की कंपनियों के लिए ब्रांडिंग करती है तथा निवेशकों को अट्रैक्ट करती है। यही कारण ही की आज चीन बुलेट की गति से तरक्की कर रहा है।
आज शायद ही कोई चीज है जो चीन नहीं बनाता है। चीन पूरी दुनिया में झाँकता है की सबसे ज्यादा बिकने वाली चीज़ क्या है और किस चीज़ की माँग सबसे ज्यादा होने वाली है?–उसे सबसे पहले सीखता है, फिर बनाता है और सबसे सस्ते दामों पर बेचता है।
चीन अपने सामानों को इतनी बड़ी मात्रा में बनाता है की उत्पादों के दाम बहुत क़म हो जाते है। उनके लेबर बहुत निपुण होते है और उनके पास एडवांस टेक्नोलॉजी होती है जो की उनके उत्पादन की क्षमता को कई गुना बढ़ा देते है जिससे उत्पादन की तुलना में लेबर की लागत बहुत कम हो जाती है।
चीन की तरक्की का एक बड़ा कारण उसकी राजनितिक स्थिरता भी है। चीन के नेता हमेशा से अपने देश के प्रति वफादार रहे हैं और देश की उनत्ति को बढ़ावा दिया है। उनलोगो ने विरोध में उठने वाली आवाज को गोलियों से उड़ा दिया। जो जनता की स्वतंत्रता के खिलाफ है लेकिन एक बार फिर देश की उन्नति का एक बहुत बड़ा कारण है।
यहाँ की ज्यादातर औरतें शिक्षित हैं और बड़ी मात्रा में पुरुषों के साथ काम करती है और आपलोग तो जानते ही होंगे की महिलओं की हिस्सेदारी किसी देश को बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाती है।
इसकी 52 % आबादी नास्तिक है यानि की आधी से ज्यादा आबादी को धर्म के लफड़े से कोई मतलब ही नहीं है। जिस कारण वहाँ के लोग अपना पैसा और समय कर्म करने में लगाते हैं। वो धर्म पर नहीं कर्म पर विस्वास करते हैं और हमेशा अपनी उन्नति के बारे में सोचते हैं जिससे वो सबसे आगे निकल सकें।
चीन जानता था की उसकी जनसँख्या सबसे ज्यादा है और बहुत तेजी से बढ़ भी रही है इसलिए उसने जनसँख्या को नियंत्रित करने के लिए सख्त कदम उठाया। उसने इसके लिए कानून बनाये तथा एक बच्चे से ज्यादा पैदा करने वालों के साथ कठोरता से पेश आया। अगर सरकार जनसँख्या नियंत्रित न करती तो शायद आज चीन इतना आगे न होता।
चीन की विस्फोटक उन्नति के और भी कई राज हैं जैसे:-चीन में हड़ताल और संघबाजी का न होना, अपने लक्ष्य के प्रति दूर की सोच और कड़ी मेहनत, देश के प्रति अपार देशभक्ति और लगन, बढ़िया शिक्षा होना और बड़ो से लेकर बच्चों तक को टेक्नोलॉजी की सही समझ और ज्ञान, …………….
कोई भी देश तरक्की करे यह अच्छी बात है लेकिन (चीन की मानसिकता और हरकत को देखते हुए) चीन की तरक्की दुनिया के लिए खतरा पैदा कर सकता है और भारत के लिए तो ये सबसे बुरी बात है। इसलिए हमें भी अपने देश को तेजी से तरक्की के रास्ते पर लाना होगा।