19 साल की अंकिता भंडारी की हत्या से लेकर अंतिम संस्कार तक कई ऐसे पहलू हैं. जो गंभीर सवाल खड़े कर रहे हैं। दरअसल, हत्या के बाद 4 दिन तक पूर्व भाजपा मंत्री विनोद आर्य का बेटा हत्यारोपी पुलकित पुलिस की गिरफ्त में नहीं आया था, क्योंकि उसे तलाशा ही नहीं गया। उसके फोटो वायरल होने के बाद जब लोग सड़कों पर उतरे तो उसे जनता के गुस्से से बचाने के लिए परिवार ने ही पुलिस को सौंपा। फिर उसकी निशानदेही पर अंकिता का शव बरामद कर लिया गया। इसी दौरान एक महिला भाजपा विधायक काफी सक्रिय रहीं। वहीं, पुलिस की लेटलतीफी से जुड़ी कई ऐसी कड़ियां हैं, जिनके जवाब पुलिस और प्रशासन के पास नहीं हैं।
भाजपा नेता के बेटे पुलकित के रिसॉर्ट में बतौर रिसेप्शनिस्ट काम करने वाली अंकिता की हत्या का मामला अब एसआईटी देख रही है।
पुलकित अंकिता को वेश्यावृत्ति में धकेलना चाहता था। अंकिता ने इसका विरोध किया तो मार दिया।
ये सवाल? जिनके जवाब पुलिस नहीं दे रही, इसलिए मामला संदिग्ध होता जा रहा
सवाल – 1…. जिस वीआईपी को खुश करने के लिए कहा. उसका नाम अब तक जांच में क्यों नहीं?
अंकिता ने अपनी दोस्त को वॉट्सएप चैट में बताया था कि एक वीआईपी गेस्ट आने वाला है। रिसॉर्ट मालिक
पुलकित आर्य दबाव बना रहा है कि. तरक्की चाहिए तो उस गेस्ट को एक्स्ट्रा सर्विस देनी पड़ेगी। इसके 10 हजार रुपए मिलेंगे। अंकिता ने साफ इनकार कर दिया। इसी बात को लेकर पुलकित और अंकिता में झगड़ा हुआ। इसी झगड़े के दौरान उसे नहर में धकेलकर मार दिया गया। लेकिन, पुलिस की जांच में अभी तक यह नहीं आया है कि आखिर वह वीआईपी गेस्ट कौन था। अंकिता ने अपनी दोस्त को यह भी बताया था कि वह वीआईपी गेस्ट पहले भी कई बार रिसॉर्ट में आता रहा है।
सवाल- 2... जो कमरा वीआईपी के लिए बुक था, उसी कमरे में सबसे पहले आग क्यों लगाई?
लोग जब रिसॉर्ट के बाहर विरोध कर रहे थे, तब भाजपा विधायक रेणु विष्ट भी यहीं थी। आगजनी शुरू करने वाले कौन थे, यह कोई नहीं जानता। लेकिन, सबसे 1. पहले उसी कमरे में आग लगाई गई, जो उस बीआईपी गेस्ट के लिए बुक किया गया था। वह वहां आकर ठहरी या नहीं, इसका भी अब पुख्ता रिकॉर्ड नहीं है। 3 अहम बात यह है कि फॉरेंसिक टीम उस को ही जलाकर खाक कर दिया गया. था। हालांकि, पौड़ी के एएसपी शेखर सुयाल कह रहे हैं कि उनकी टीम ने 22 सितंबर को ही रिसॉर्ट की वीडियोग्राफी करा ली थी।
कमरे में जांच के लिए सोमवार (26 सितंबर) को पहुंची जबकि इसे शनिवार
सवाल- 3... पानी में शव 5 दिन तक न फूला, न ही मछलियों ने नुकसान पहुंचाया, जबकि चोटें थीं
पुलिस के अनुसार, हत्या 19 सितंबर को हुई। शव 24 सितंबर को मिला। वो भी उसी जगह जहाँ उसे फेंका गया था। ऐसे में सवाल उठते हैं कि बहती नहर में 5 दिन तक शव एक ही जगह कैसे पड़ा रहा? अगर एक ही जगह रहा भी तो उस पर किसी की नजर क्यों नहीं पड़ी? 5 दिन तक शव फूला क्यों नहीं? जबकि, अक्सर ऐसा होता है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, अंकिता के शरीर पर चोटें थीं. खून बहा था, एक दांत भी टूटा था। तो फिर 5 दिन तक मछलियों ने शव को नुकसान क्यों नहीं पहुचाया? यह बात विशेषज्ञों को भी समझ नहीं आ रही है। (यानी अंकिता की हत्या का समय भी संदिग्ध है।)