मूल निवास और उत्तराखंड भू कानून अनिवार्य क्यों
आज बड़े ही संयोजित तरीके से उत्तराखंड वासियों से उनके अधिकारों का हनन किया जा रहा है ।राज्य के मूल निवासियों की पहचान बचाए रखने के लिए मूल निवास की व्यवस्था को लागू करना बहुत जरूरी है ,यदि ऐसा ना हुआ तो एक दिन पहाड़ के लोग अपनी मूल पहचान और अपनी संस्कृति को खो देंगे । जिस तरह राज्य के संसाधनों पर बाहरी राज्यों से आए लोगों का कब्जा हो रहा है यह राज्य के बेहतर भविष्य के लिए शुभ संकेत नहीं है। हमारी स्पष्ट मांग है कि सरकार 6 सितंबर 1950 को जारी नोटिफिकेशन के अनुसार लागू करें। ताकि मूल निवास की मूल अवधारणा जीवित रहे। साथ ही साथ हिमाचल की तर्ज पर सशक्त भू कानून बनाकर उसे लागू करें।
सभी उद्योगों में मूल निवासियों को 80% रोजगार सुनिश्चित करें। इन मांगों को लेकर 24 दिसंबर 2023 को परेड ग्राउंड देहरादून में होने वाली मूल निवास स्वाभिमान महारैली मैं बढ़ चढ़कर हिस्सा ले और पहाड़ी अस्मिता को बचाए रखने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें।