यमकेश्वर में आई भीषण आपदा के 22 दिन बाद भी वीर काटल की सुध लेने कोई नही आया प्रशासनिक आमला,
क्षेत्र पंचायत सदस्य बुंगा, भूतपूर्व सैनिक व पर्वतारोही सुदेश भट्ट ने प्रशासन को दी चेतावनी।
यमकेश्वर :- आपदा के 22 दिन बाद भी वीर काटल की स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुयी है लेकिन अभी तक आश्वासनों के अलावा किसी ने सुध तक नही ली गांव को जोडने वाला चार किमी लम्बा मार्ग जमींदोज हो चुका है गांव मे कई बुजुर्ग बीमार पडे हैं लेकिन उनको दवाखाना और चिकित्सालय तक पहुंचाने के सारे रास्ते बंद हैं !
वीर काटल के साथ हो रहे सौतेले व्यवहार ने अब हमे लोक तंत्र मे जनता की मांग को लेकर , ब्लाक ,एवं अन्य विभागीय कार्यालयों मे धरना प्रदर्शन के लिये बाध्य कर दिया है हमारे आदमी तो घिरे ही हैं हमारे पालतु जानवर भी चारों ओर से घिर गये ईसलिये अब हमारे द्वारा जनता के साथ बातचीत कर निर्णय लिया गया है यदि शीघ्र ही राहत व बचाव कार्य आरम्भ नही किये जाते तो हमारे समस्त ग्रामीण अनिश्चित काल के लिये ब्लाक व तहसील मुख्यालय मे धरने को बाध्य होंगे !
वहीं पशुओं को गांव से बहार निकालने के लिये एक बैकल्पिक मार्ग निकालने पर चर्चा हुयी जिससे हम किसी तरह अपने पशुओं को ब्लाक व अन्य जिम्मेवार कार्योलयों तक पहुंचा सके व मुख्यालय के प्रांगणों मे बांध सकें व लोक तंत्र मे अपनी मांग को लेकर डेरा डाल सकें लोक तंत्र मे एक यैसा आंदोलन होगा जिसे यमकेश्वर हमेशा याद किया जायेगा ताकी कभी किसी दुसरे वीर काटल जैसे गांवों के प्रति इस तरह की उदासीनता नजर ना आये ! जिन स्थानीय भाईयों से मेरी बात नही हो पाई रैबासी प्रवासी सभी से निवेदन है क्षेत्र हित मे अपनी मांगो को लेकर एकजुटता का परिचय दें !