देहरादून : जिला कारागार को ‘ईट राइट कैंपस’ बनाने की कवायद शुरू
खाद्य सुरक्षा एवं प्रमाणीकरण आधारित प्रशिक्षण का आयोजन
ईट राइट कैंपस अभियान के तहत 30 बंदियों को दिया प्रशिक्षण
सुभाष रोड स्थित एक होटल में फूड सेफ्टी संवाद को संबोधित करते डिप्टी फूड कमिश्नर गणेश कडवाल
देहरादून: जिला कारागार को ‘ईट राइट कैंपस’ बनाने की कवायद शुरू कर दी गई है। विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस पर यहां खाद्य सुरक्षा एवं प्रमाणीकरण (फोस्टैंक) पर आधारित प्रशिक्षण का आयोजन • किया गया। इंट राइट कैंपस अभियान के तहत 30 बंदियों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
यह प्रशिक्षण भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण की ओर से अधिकृत ट्रेनिंग पार्टनर एकेडमी आफ मैनेजमेंट स्टडीज ने प्रदान किया। प्रशिक्षकों ने बंदियों को खाद्य सुरक्षा की अनदेखी पर होने वाले खतरों के बारे में विस्तारपूर्वक बताया। स्वच्छता के नियमों का सख्ती से पालन किए जाने की हिदायत दी।
खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन के उपायुक्त गणेश कंडवाल ने कहा कि यह प्रशिक्षण सभी के लिए उपयोगी साबित होगा। क्योंकि कैदी जब भी मुक्त होकर जेल से बाहर जाएंगे तो खाद्य कारोबार जैसे भोजनालय, रेस्टोरेंट आदि के संचालन में फोस्टैंक प्रशिक्षण प्रमाण पत्र लाभकारी होगा।
कंडवाल बंदियों से कहा कि इस प्रशिक्षण के उपरांत उन्हें जेल के अन्य कैदियों के लिए भोजन तैयार करने के दौरान स्वच्छता, गुणवत्ता एवं शुद्धता के बारे में जानकारी रहेगी और वह बेहतर गुणवत्ता का भोजन तैयार करने सक्षम होंगे। बता दें कि भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक
प्राधिकरण ने सरकारी व निजी क्षेत्र में भोजनालय, रेस्टोरेंट, कैंटीन आदि में तैनात कर्मचारियों, सुपरवाइजर के लिए फोस्टैक प्रशिक्षण अनिवार्य किया है। इसी क्रम में इंट राइट कैंपस अभियान के तहत. प्रशिक्षण एवं खाद्य आडिट का कार्य किया जा रहा है।
देहरादून के कुछ लोकप्रिय कैफे व रेस्टोरेंट के 25 सुपरवाइजर को प्रशिक्षण प्रदान किया जा चुका है। जेल परिसर में संचालित भोजनालय व कैंटीन में फूड हैंडलिंग का कार्य बंदी ही करते हैं।