ग्राफ़िक एरा हिल यूनिवर्सिटी में “उत्तरजन”संस्था द्वारा संयुक्त रूप से ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी में मोटे अनाज पर एक बृहद सम्मेलन आयोजित किया गया।
![डॉ० हरीश चन्द्र अन्डोला](https://uttarakhandkesari.in/wp-content/uploads/2022/12/IMG-20221208-WA0017.jpg)
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वर्ष 2023 अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष घोषित किये जाने के उपरांत देश विदेश में मोटे अनाज की महत्ता बखूबी अपनी पेहचान बना चुके है। इसी क्रम में उत्तराखंड जो कि मोटे अनाज के उपयोग में सबसे आगे रहा है , इस वैश्विक परिदृश्य में उत्तराखंड के पहाड़ के किसानों की आजीविका में बढ़ोतरी होना स्वभाविक है।
इसी विषय पर उत्तराखंड की जानी मानी नम्बर एक पर कायम हिल यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ़ एग्रीकल्चर, ग्राफ़िक एरा हिल यूनिवर्सिटी, देहरादून एवं “उत्तरजन”संस्था द्वारा संयुक्त रूप से ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी में दिनांक 20.10.23 को अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज विषय पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में प्रोफेसर आर के मैखुरी एवं प्रोफेसर एम सी सती, एच एन बी गड़वाल युनिवर्सिटी द्वारा मोटे अनाजों की महत्ता पर व्याख्यान दिया गया। सम्मेलन की अध्यक्षता ग्राफिक हिल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर संजय जसोला ने की एवं कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु शुभकामनाएं दीं । इस उपलक्ष्य पर डॉ हरीश अंडोला, दून यूनिवर्सिटी एवं डॉ. विजयकांत पुरोहित, एच एन बी गड़वाल युनिवर्सिटी द्वारा प्रकाशित पुस्तक “मोटे अनाज एवं महत्व “ का विमोचन किया गया। इसी अवसर पर डॉ बलवंत रावत एवं डॉ अरविंद सिंह नेगी, स्कूल ऑफ़ एग्रीकल्चर, ग्राफ़िक एरा हिल यूनिवर्सिटी, देहरादून द्वारा प्रकाशित वार्षिक पत्रिका “हमारी खेती”का भी विमोचन किया गया। प्रोफेसर एम के नौटियाल, अधिष्ठाता, स्कूल ऑफ़ एग्रीकल्चर द्वारा धन्यवाद ज्ञापन दिया गया।