उत्तराखंडदेहरादून

उत्तराखंड में नंदा गौरा योजना के लिए 31 जनवरी तक हो सकेंगे आवेदन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 1 जनवरी तक मिल जाएगा मानदेय

 

देहरादून । उत्तराखंड में कोरोना काल के चलते नंदा गौरा योजना के लिए आवेदन करने से छूट गईं पात्र बेटियों को योजना का लाभ मिल सके, इसके लिए विभागीय राज्यमंत्री ने आवेदन की अंतिम तिथि को 31 जनवरी तक बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। वहीं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को एक जनवरी तक हर हाल में मानदेय दिए जाने के निर्देश दिए।

महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास राज्यमंत्री रेखा आर्य ने विधानसभा में विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों से कहा कि कोविड-19 के कारण नंदा गौरा योजना के लिए पात्र कई बालिकाओं के प्रमाण पत्र समय से नहीं बन पाए, जिससे वो आवेदन नहीं कर पाईं। उन्होंने कहा कि पात्र बालिका इस योजना का लाभ ले सकें, इसके लिए आवेदन की अंतिम तिथि 31 जनवरी तक बढ़ा दी जाए।

विभागीय मंत्री ने इस संबंध में आज ही शासनादेश जारी करने का निर्देश दिया। वहीं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पिछले तीन महीने से मानदेय न मिलने पर उन्होंने सख्त नाराजगी जताई, कहा कि एक जनवरी तक अनिवार्य रूप से मानदेय दे दिया जाए।
बैठक में सचिव महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास हरीश सेमवाल, अपर सचिव प्रशांत आर्य, संयुक्त सचिव लक्ष्मण सिंह, उप निदेशक एसके सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी अखिलेश मिश्रा, मोहित चौधरी, विक्रम आदि मौजूद रहे।

यह भी दिए निर्देश

बैठक में राज्यमंत्री रेखा आर्य ने आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से गर्भवती महिलाओं एवं शिशुओं को मिलने वाले राशन के हर महीने न बटने पर भी नाराजगी जताई। कहा कि अनिवार्य रूप से हर महीने राशन बांटा जाए। कहा कि तेजाब पीड़ित महिलाओं से संवाद कर उनकी मंशा के अनुरूप उन्हें रोजगार एवं स्वरोजगार से जोड़ने की व्यवस्था की जाए।

बैठक में जिलों में कुपोषित, अति कुपोषित बच्चों की जानकारी के लिए केंद्र सरकार की तर्ज पर प्रदेश में अपना सॉफ्टवेयर बनाने और इस तरह के समस्त बच्चों की जानकारी सॉफ्टवेयर के माध्यम से उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए।

विभागीय राज्य मंत्री ने यह भी कहा कि कुपोषित एवं अति कुपोषित बच्चों के मसले पर सामाजिक संगठनों को भी इन बच्चों को गोद लेने के लिए प्रेरित किया जाए। जिला अधिकारियों को भी निर्देश दिए गए कि स्वास्थ्य विभाग के मार्गदर्शन में कुपोषित एवं अति कुपोषित बच्चों का डाइट चार्ट तैयार किया जाए।

सचिव एवं समस्त अधिकारियों को विभागीय कार्यप्रणाली में सुधार लाने व जनहित से संबंधित समस्त कार्यों में कोताही बरतने पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए। इसके अलावा मुख्यमंत्री सौभाग्यवती किट योजना को भी शीघ्र मूर्त रूप दिए जाने के निर्देश दिए गए।

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