“सीएसआईआर-आईआईपी हीरक जयंती और भारत रत्न डॉ भीम राव अम्बेडकर जयंती समारोह, सीएसआईआर-भारतीयपेट्रोलियम संस्थान, देहरादून में (वर्चुअल) माध्यम से मनाया
देहरादून-: दिनांक 14/04/2021 को सीएसआईआर – भारतीय पेट्रोलियम संस्थान, देहरादून ने अपना हीरक जयंती स्थापना दिवस भौतिक तथा आभासी–हाइब्रिड रूप में मनाया। इस वर्ष स्थापना दिवस समारोह का विषय था “आत्मनिर्भर भारत : स्वदेशी कार्बन संसाधन का उपयोग – कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता को कम करना” ।
इस अवसर पर डॉ संजीव कट्टी, प्रमुख, ऊर्जा केंद्र, ओएनजीसी इस समारोह के मुख्य अतिथि थे तथा डॉ शेखर सी मांडे, महानिदेशक, सीएसआईआर इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि थे। सर्वप्रथम संस्थान के डॉ. बी आर अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण केंद्र में भारत रत्न डॉ. बी आर अंबेडकर जी को पुष्पांजलि अर्पित कर इस समारोह की शुरुआत की गई। डॉ. शेखर सी मांडे, महानिदेशक, सीएसआईआर तथा डॉ अंजन रे, निदेशक, आईआईपी ने भारत रत्न बाबा साहब डॉ भीम राव अंबेडकर के चित्र पर माल्यार्पण किया और सभी को बाबा साहब की 130 वीं जयंती की शुभकामनाएं दीं। संस्थान के अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति कर्मचारी कल्याण संघ के कार्यकारिणी सदस्य भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
इस शुभ अवसर पर डॉ शेखर सी मांडे ने आई आई पी में स्थापित अपशिष्ट प्लास्टिक से डीज़ल निर्माण संयंत्र से उत्पादित डीज़ल से प्रचालित वाहन(बस) के प्रथम ऑन रोड प्रदर्शन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
तदुपरान्त महानिदेशक ने संस्थान के बायोजेट प्लांट का दौरा किया और ग्रीन डीज़ल निर्माण प्रक्रम का मुआयना किया। सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ. मांडे ने स्वयं इस ग्रीन डीज़ल प्रचालित प्रथम वाहन टियागो कार को स्वयं चला कर इस ग्रीन डीज़ल के वाहनों में प्रयोग का शुभारम्भ किया। आईआईपी के निदेशक डॉ अंजन रे ने बताया कि इस ग्रीन और पर्यावरण सौम्य ईंधन को ‘दिलसाफ़’ (ड्रॉप इन लिक्विड सस्टेनेबल एविएशन और ऑटोमोटिव फ्यूल)नाम दिया गया है।
इसके उपरांत संस्थान के एम जी कृष्णा सम्मेलन कक्ष में संस्थान के स्थापना दिवस कार्यक्रम के आगामी अंश का आयोजन किया गया। संस्थान गीत के साथ यह कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ। तत्पश्चात संस्थान के वरिष्ठतम वैज्ञानिक डॉ सुदीप गांगुली ने संस्थान की स्थापना की संकल्पना से अब तक की 60 वर्षों की यात्रा तथा संस्थान द्वारा पेट्रोलियम और हाइड्रोकार्बन के क्षेत्र में विकसित प्रौद्योगिकियों/उत्पाद, इनसे होने वाले साम – आर्थिक व औद्योगिक हितलाभ के बारे में बताया और इस क्षेत्र में संस्थान की उपलब्धियों का संक्षिप्त उल्लेख भी किया।
डॉ अंजन रे, निदेशक, आईआईपी ने मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि तथा अन्य सभी अतिथियों का परिचय दिया तथा सभी संस्थान कर्मियों को स्थापना दिवस की शुभकामनाएँ दीं । उन्होने कहा कि ऊर्जा मांग तथा पर्यावरण संरक्षण का सक्षम समाधान है देशीय अपशिष्ट कार्बन स्रोत और इनके उपयोग से न केवल हम आयात पर अपनी निर्भरता को कम कर देश की आर्थिक प्रगति में सहायक हो सकते हैं अपितु गाँव – गाँव – जन जन ग्रीन डीज़ल की को इस क्रांति का भागीदार बना कर साम-आर्थिक विकास में सहयोग दे सकते हैं ।
मुख्य अतिथि डॉ संजीव एस कत्ती ने सर्वप्रथम ऊर्जा केंद्र, ओ एन जी सी की गतिविधियों की संक्षिप्त जानकारी दी और तत्पश्चात उन्होने आई आई पी एवं अन्य सीएसआईआर प्रयोगशालाओं के साथ साझेदारी और संयुक्त रूप से ऊर्जा क्षेत्र में किए जा रहे अनुसंधान कार्यों तथा संभावित अनुसंधान परियोजनाओं की जानकारी भी दी। उन्होने लद्दाख में प्रारम्भ प्रथम जियो थर्मल परियोजना के बारे में जानकारी भी दी। इसे प्रधान मंत्री जी की कार्बन मुक्त और विकिसित लद्दाख की संकल्पना का प्रथम चरण माना जा सकता है, जो लद्दाख के सर्वांगीण विकास में सहायक होगा।
इस अवसर पर डॉ. शेखर सी मांडे, महानिदेशक, सीएसआईआर ने उद्योग और शिक्षा के बीच के अंतर को कम करने में सीएसआईआर की भूमिका पर प्रकाश डाला और सीएसआईआर की उपलब्धियों के माध्यम से भारत को वैश्विक मानचित्र पर प्रस्तुत करने के अपने दृष्टिकोण को साझा किया। उन्होंने वैश्विक महामारी कोविड के संक्रमण और इसके बाद की अवधि के दौरान सीएसआईआर की प्रमुख उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि सीएसआईआर के दिल्ली स्थित आईजीआईबी संस्थान द्वारा विकसित ‘फेलुदा’ परीक्षण ने कोरोना संबंधी अध्ययनों/परीक्षण में बहुत योगदान दिया है और टाटा एम डी जाँच किट के नाम से व्यावसायिक रूप से उपलब्ध है, आईसीएमआर ने सीडीएफडी, हैदराबाद और आईआईएसआईआर, उड़ीसा द्वारा मान्य ड्राई स्वेब आधारित नैदानिक तकनीक और सिपला के सहयोग से सीएसआईआर – आईआईसीटी द्वारा विकसित सिप्लेंजा (पुनरुद्देशित जेनेरिक दवा) को मंजूरी दे दी है। डॉ. मांडे ने सीएसआईआर की प्रौद्योगिकियों के व्यावसायीकरण में उद्योग जगत की भागीदारी की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने नवीकरणीय और हरित ईंधन उत्पादन के क्षेत्र में सीएसआईआर – आईआईपी के योगदान और प्रयासों की सराहना की।
इस अवसर पर आईआईपी की प्रौद्योगिकी पर आधारित मोहाली में स्थित तथा नवरंग पुर, उड़ीसा में स्थापना हेतु प्रस्तावित पराली से ग्रीन ईंधन मोबाइल बायोमास पेलेटाइजर बनाने के संयंत्र का आभासी उदघाटन भी किया गया तथा इसके अतिरिक्त संस्थान की वैज्ञानिक डॉ भव्या बालगुरुमूर्ती ने कृषि तथा वन उपज तथा हिमालय क्षेत्र की बायोमास के अवशिष्ट से आईआईपी की प्रौद्योगिकी से बनने वाले बायो तेल(हर्बल तेल) व अन्य उत्पाद जैसे कि स्नेक रेपलेंट आदि के बारे में विस्तार से बताया और चेन्नई स्नेक पार्क के सहयोग से संचालित इस स्नेक रेपलेंट के परीक्षण का वीडियो भी दिखाया गया। इस अवसर पर इंडियन हर्ब्स, सहारनपुर ने आईआईपी की प्रौद्योगिकी पर आधारित तकनीक से प्राप्त बायो-ऑयल का उपयोग करके विकसित किए गए कई हर्बल उत्पादों जैसे कीट रेपेलेंट, दर्द निवारक मलहम, घरेलू साफ –सफाई के लिए उपयोगी क्लीनर आदि को भी प्रदर्शित किया ।
डॉ. नीरज अत्रे और डॉ. जयति त्रिवेदी ने संस्थान द्वारा विकसित प्रयोग किए हुए खाना बनाने के तेल से सामान्य तापमान पर बायो-डीजल निर्माण के 50 लीटर के मोबाइल संयंत्र का भी प्रदर्शन किया। डॉ. सौमेन दासगुप्ता और उनकी टीम ने चिकित्सा अनुप्रयोगों के लिए विकसित ऑक्सीजन सांद्रक और ड्राई आइस यूनिट का प्रदर्शन किया। डॉ. शेखर मांडे ने निकट भविष्य में उपरोक्त तकनीकों में गहरी रुचि व्यक्त की तथा इनके व्यापक व्यावसायिक विस्तार में सहयोग का आश्वासन दिया ।
अंत में श्री जसवंत राय, प्रशासन नियंत्रक द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ यह समारोह सम्पन्न हुआ। श्री डी के पाण्डेय ने इस कार्यक्रम का संचालन किया। श्री अनिल जैन , श्रीमती पूनम गुप्ता, डॉ डी सी पाण्डेय, श्री सूर्यदेव, श्रीमती अंजली भी इस अवसर पर उपस्थित थे । 200 से अधिक लोगों ने आभासी रूप से इस कार्यक्रम में भाग लिया।