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एम्स ऋषिकेश में कार्यरत ड्रोन सेवा के नॉडल ऑफिसर डॉ. जितेंद्र गैरोला को सत्र 2023-2024 के लिए राष्ट्रीय कौशल विकास फोरम (एन.एस.डी.एफ) द्वारा शिमला में सम्मानित किया गया।

एम्स ऋषिकेश में कार्यरत ड्रोन सेवा के नॉडल ऑफिसर डॉ. जितेंद्र गैरोला को सत्र 2023-2024 के लिए राष्ट्रीय कौशल विकास फोरम (एन.एस.डी.एफ) द्वारा शिमला में सम्मानित किया गया

 

*यह सम्मान उन्हें एन.एस.डी.एफ के चेयरमैन इंजीनियर श्री विश्व मोहन जोशी जी द्वारा दिया गया।*
*इंजीनियर श्री विश्व मोहन जोशी जी ने डॉ. जितेंद्र गैरोला जी को कहा कि जब भी एन.एस.डी.एफ को ड्रोन टेक्नोलॉजी में काम करने की आवश्यकता होगी तो ड्रोन गुरु की भूमिका में आप का सदुपयोग और आपकी सलाह ली जाएगी।*
*साथ ही एन.एस.डी.एफ के चेयरमैन इंजीनियर श्री विश्व मोहन जोशी जी ने कहा कि आज वैज्ञानिक आत्मनिर्भरता के लिए डॉक्टर्स, साइंटिस्ट और इंजीनियरों को साथ में काम करना चाहिए सबकी सहभागिता राष्ट्रीय निर्माण में उपयोगी सिद्ध होगी, और साथ ही टैक्नॉलॉजी का भी सदुपयोग होगा यदि हम अलग-अलग विषयों के विषेशज्ञ साथ में काम करें।
*डॉ. जितेंद्र गैरोला ने बताया कि नेशनल स्किल डेवलपमेंट फोरम (एन.एस.डी.एफ) इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) के तत्वावधान में स्थापित यह संस्थान सीखने के लिए लिहाज से एक ‘अत्याधुनिक’ सुसज्जित एवं उत्कृष्ट केंद्र है।*
*इस अवसर पर डॉक्टर गैरोला ने बताया कि भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भारत विश्व गुरु बने इस पर मल्टी सेक्टर पॉलिसी बनायी जानी चाहिए।उन्होंने बताया कि साथ ही वह स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में प्रौद्योगिकी के कार्यान्वयन के साथ-साथ राष्ट्रीय कौशल विकास और उत्थान के लिए देशभर के डॉक्टरों, वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के बीच एकीकरण को बढ़ाने में योगदान देना चाहते हैं।*
*एन.एस.डी.एफ. 1920 में स्थापित इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) [IEI] के तत्वावधान में कार्य कर रहा है। आई.ई.आई इंजीनियरों का सबसे बड़ा बहु-विषयक पेशेवर निकाय है, वर्तमान में पूरे भारत में इनके 124 केंद्र स्थापित किये जा चुके हैं।*

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