Uttarakhand Newsदेहरादून

पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक जी का जन्म दिवस हरेला पर्व पर पौधरोपण व विभिन्न कार्यक्रमों के साथ मनाया गया।

 

सुप्रसिद्ध साहित्यकार, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भारत के पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ जी के जन्म दिवस पर अनेक कार्यक्रम आयोजित किए गए.


एक ओर थानों स्थित अटल लेखक ग्राम में नगर के अनेक स्कूल एवं कॉलेज के छात्र-छात्राओं, लेखक एवं बुद्धिजीवियों द्वारा वृक्षारोपण कार्यक्रम किया गया, वहीं दूसरी ओर स्पर्श हिमालय विश्वविद्यालय में एक वृहद रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया.
डॉ. निशंक के डालनवाला स्थिति कार्यालय मे शहरों अनेक साहित्यकारों ने एक शुभकामना संगोष्ठी का आयोजन किया और डॉ. निशंक को शुभकामनायें दी. दिल्ली मे होने के कारण डॉ. निशंक ने ऑन लाइन आकर सबका धन्यवाद किया. इस कार्यक्रम मे पद्मश्री डॉ. बी. के. ऐस. संजय, पद्मश्री माधुरी बर्थवाल, डॉ. निशंक की कनिष्ठ पुत्री विदुषी निशंक, लेखक रमाकांत वेंजवाल, भाषाविद बीना वेंजवाल, लेखिका उषा कोटानाला, साहित्यकार मुकेश नौटियाल, उत्तराखंड उच्च शिक्षा निदेशालय की पूर्व निदेशक डॉ. सविता मोहन, एवं डॉ. बेचैन कंडियाल सहित अनेक वर्ष साहित्यकार एवं गणमान्य लोग उपस्थित थे.

डॉ. निशंक को जन्मदिवस की शुभकामना देने के लिए एक ऑनलाइन कार्यक्रम भी आयोजित किया गया जिसमें देश एवं विदेशों के अनेक साहित्यकारों ने सम्मिलित होकर डॉ. निशंक के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर चर्चा की. साथ ही उन्हें जन्मदिवस की शुभकामनाएं दी और उनकी दीर्घायु की कामना की.
हिमालय विरासत न्यास द्वारा आयोजित साम 7.30 पर शुरू हुए इस कार्यक्रम में भारत सहित विश्व के अनेक देशों के प्रवासी साहित्यकार, लेखक और हिंदी सेवियों ने डॉ. निशंक को अपनी शुभकामनाएं दी.
डॉ. निशंक खुद इस पटल पर हाजिर रहे और अंत मे सभी का धन्यबाद ज्ञापित किया.उन्होंने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि लोग मुझे इतना स्नेह देते हैं और मेरे जन्म दिवस पर जगह- जगह स्वयं कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यही मेरी ऊर्जा और ताकत है.
कार्यक्रम के अंत में आयोजक संस्था हिमालय विरासत न्यास की अध्यक्ष आशना नेगी ने सबका धन्यवाद किया.
कार्यक्रम देर रात 11 बजे तक चलता रहा. कार्यक्रम का संचालन वरिष्ट लेखक डॉ. वेद प्रकाश ने किया.
कार्यक्रम भारत से डॉ. योगेंद्रनाथ शर्मा ‘अरुण’
प्रख्यात शिक्षाविद् एवं वरिष्ठ साहित्यकार, डॉ. बनवारी लाल गौड़ वरिष्ठ साहित्यकार एवं उद्योगपति, प्रोफे. अजय कुमार भागी अध्यक्ष,दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ, डॉ. कीर्ति काले
ख्याति प्राप्त कवयित्री, प्रो. रमा, प्राचार्य हंसराज कॉलेज दिल्ली विश्वविद्यालय, डॉ. बी.एल. गौड, वरिष्ठ साहित्यकार एवं गौड़संस इंडिया के स्वामी, प्रो. मंजुला राणा केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर, डॉ. किरण खन्ना, पंजाब विश्वविद्यालय, डॉ. परमजीत कुमार पंजाब, डॉ. रवि कुमार, डॉ. विजय मिश्रा हंसराज कॉलेज दिल्ली विश्वविद्यालय, डॉ. ममता कुँवर, स्पर्श हिमालय विश्वविद्यालय उत्तराखंड, प्रो. अजय पाल सिंह देशभक्ति विश्वविद्यालय पंजाब, प्रिया राय, लेखिका अगरतला, डॉ. राम शर्मा मध्य प्रदेश, डॉ. नीरज भारद्वाज दिल्ली सहित अनेकों वरिष्ट साहित्यकार सामिल थे.
विदेशों से जय वर्मा, वरिष्ठ साहित्यकार एवं हिंदीसेवी ब्रिटेन, डॉ. राम प्रसाद भट्ट, साहित्यकार जर्मनी, डॉ. अश्विनी के. गाँवकर, लेखिका नीदरलैंड, डॉ. अभिषेक त्रिपाठी, साहित्यकार आयरलैंड, रामा शर्मा सम्पादक हिन्दी की गूंज जापान, डॉ. इंद्रजीत सिंह वरिष्ठ साहित्यकार रूस, प्रो. पुष्पिता अवस्थी प्रसिद्ध लेखिका नीदरलैंड, डॉ. विवेक मणि त्रिपाठी, वरिष्ठ लेखक चीन, डॉ. शिप्रा शिल्पी अध्यक्ष सर्जनी,जर्मनी, डॉ. शैलजा सक्सेना, प्रसिद्ध कवयित्री कनाडा, डॉ. योजना शाह जैन कवयित्री जर्मनी, अर्चना पैनूली कथाकार यू. एस. सहित अनेकों वरिष्ठजन सामिल थे.

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