Sunday, September 8, 2024
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देहरादून

गौसेवा आयोग अध्यक्ष ने गौशाला शरणालयों की व्यवस्था के लिए सबंधित विभागों व डीएम को पत्र जारी कर दिए दिशा निर्देश

देहरादून :- जैसा कि आप विदित है कि उत्तराखण्ड राज्य में माह मई-जून, 2023 में जी-20 सम्मेलन का आयोजन प्रस्तावित है, जिसके क्रम में राज्य के अन्तर्गत सड़कों पर विचरण कर रहे सभी निराश्रित गौ एवं गौवंश के प्रबंधन हेतु गौशाला शरणालयों की शीघ्रातिशीघ्र स्थायी व्यवस्था करायी जानी आवश्यक है।

पशु अधिकारों के संरक्षण एवं सामान्य नागरिकों में तत्सम्बन्धी जागरूकता तथा आवारा पशुओं के यथोचित प्रबन्धन हेतु Cr Misc Application. no. 1526/2016 (Pooja Bahukhandi Vs State of Uttarakhand and another) में मा0 उच्च न्यायालय, उत्तराखण्ड नैनीताल द्वारा दिनांक 27-10-2016 को पारित आदेश में राज्य के सभी शहरी क्षेत्रों में समस्त नगर निकायों द्वारा तथा ग्रामीण क्षेत्रों में जिला पंचायतों द्वारा गौशाला / शरणालयों की स्थापना करने के निर्देश दिए गये थे, जिसके क्रम में शासन के पत्र संख्या-1930/XX(3) / 2016-11 (129) 2016 दिनांक 11 नवम्बर 2016 के द्वारा सभी सम्बन्धित विभागों को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गये किन्तु उक्त आदेशों का अनुपालन अपेक्षित है।

इसी सन्दर्भ में मा० उच्च न्यायालय, नैनीताल द्वारा जनहित याचिका सं0-112/2017 (Alim Vs State of Uttarakhand) में दिए 10-10-2018 को पारित नवीन आदेश में राज्य के सभी शहरी क्षेत्रों में समस्त नगर निकायों द्वारा एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जिला पंचायतों द्वारा 25-25 ग्रामों के समूह में एक-एक गौशाला / शरणालयों की स्थापना किए जाने के आदेश पारित करते हुए सभी सम्बन्धित विभागों / जिलाधिकारियों के दिशा-निर्देशन में निराश्रित पशुओं का प्रबंधन सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए गये। किन्तु खेद का विषय है कि राज्य के “शहरी विकास विभाग तथा पंचायतीराज विभाग द्वारा अपने क्षेत्रान्तर्गत सड़कों पर विचरण कर रहे निराश्रित गौवंश को शरण दिए जाने हेतु अपेक्षित संख्या में गौशालाओं / शरणगृहों का निर्माण न कराये जाने के कारण आज भी बड़ी संख्या में निराश्रित गोवंश सड़कों पर विचरण कर रहे हैं।

अतः आपसे अपेक्षा है कि मा० उच्च न्यायालय नैनीताल द्वारा पारित आदेशों के क्रम में तथा उत्तराखण्ड राज्य में माह मई-जून, 2023 में प्रस्तावित जी-20 सम्मेलन को दृष्टिगत रखते हुए राज्य के सभी शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क मार्गों एवं सार्वजनिक स्थलों पर विचरण कर रहे निराश्रित गौवंश हेतु स्थायी गौशाला / शरणगृहों का उचित प्रबंधन किए जाने हेतु सभी सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित करने का कष्ट करें तथा अपने-अपने विभाग / अधिकार क्षेत्रान्तर्गत एक अभियान के तहत सभी सड़क मार्गों एवं सार्वजनिक स्थलों से गौवंश को खाली कराकर उन्हें गौशालाओं / शरणगृहों में शरण दिलायी जाय। साथ ही सड़कों पर गौवंश छोड़ने वाले पशुपालक / डेरी संचालकों की पहचान सुनिश्चित कर उनके विरूद्ध भी कानूनी प्रावधानों के अन्तर्गत प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करायी जाय।

 

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