विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर राजकीय महाविद्यालय भत्रोंजखान ने दी श्रद्धांजलि: मानवीय संवेदनाओं को बड़ाने पर दिया जोर
अल्मोड़ा: भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा अधिसूचित 14 अगस्त जिसे विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस घोषित किया गया है उसके अनुपालन में माननीय प्राचार्य प्रो सीमा श्रीवास्तव के मार्गदर्शन एवम डॉ केतकी तारा कुमैय्यां, कार्यक्रम अधिकारी के नेतृत्व में आज महाविद्यालय परिवार द्वारा विभाजन के शोक संतप्त परिवारों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई ।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में प्राचार्य द्वारा 1947 के भारत विभाजन को एक खेदजनक घटना बताया गया तथा इसकी पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला गया । तत्पश्चात संवेदना प्रकट करते हुए दो मिनट का मौन रखा गया।
कार्यक्रम को आगे बड़ते हुए कार्यक्रम अधिकारी डॉ केतकी द्वारा माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का संदेश पढ़ा गया जिसमे उन्होंने अवगत कराया की * यह दिवस सामाजिक विभाजन एवम वैमनस्यता के जहर को दूर करने और एकता, सामाजिक सदभाव और मानवीय शक्तिकरण की भावना को मजबूत करने की आवश्यकता को याद दिलाता है *
तत्पश्चात डॉ अजय द्वारा प्रसिद्ध लेखक खुशवंत सिंह की पुस्तक ट्रेन टू पाकिस्तान का उल्लेख किया गया जिसमे बताया गया कि किस प्रकार भारत विभाजन एक अपूर्णीय क्षति रही है भारत के लिए ।
इसी क्रम में डॉ रूपा, डॉ रवींद्र , डॉ अलका द्वारा विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के अवसर पर वर्तमान और भावी पीढ़ियों को विभाजन के दौरान लोगो द्वारा सही यातनाओं एवम वेदनाओं के बारे में बताया गया तथा उन्हें अश्रुपूरित नमन किया गया।
अंत में छात्र प्रतिनिधि रवींद्र द्वारा विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर कविता पाठ किया गया
” 14 अगस्त होगा सबकी याद में , काफी दुख भरा था ये दिन, देश का विभाजन हुआ विभीषिका आई , सबकी यादों में रहेगा ये दिन। लड़े थे सब एक साथ मिलकर देश को आजाद कराने के लिए लेकिन बट गया भारत,भारत और पाकिस्तान में सत्ता और लालच के लिए “
इस कार्यक्रम में महाविद्यालय स्टाफ श्री भूपेंद्र, श्री ललित ,श्री सुनील,श्री अरुण , श्री गिरीश, श्री रोहित श्री जगदीश समेत विद्यार्थी दीपक, रवींद्र,दीपश,गौतम,दीपिका, भ्वावना,गीता, किरण ,विनोद, प्रेरणा ,प्रीति , मानसी, निलक्षी, दीक्षा हिमाशी ,भावना समेत लगभग 42 लोग मौजूद रहे