उत्तराखंड

ख़ौफ़नाक : 9 साल के भाई व पिता की बेरहमी से हत्या कर प्रेमी संग फरार नाबालिग को हरिद्वार पुलिस ने किया गिरफ्तार, प्रेमी की तलाश जारी

मध्यप्रदेश के जबलपुर में अपने पिता और 9 साल ले भाई की हत्या कर उनके शवों के टुकड़े फ्रीज़ में भरकर फरार होने वाली नाबालिग बेटी को हरिद्वार से गिरफ्तार किया गया है। वहीं प्रेमी मुकुल सिंह फरार होने में कामयाब हो गया। जिसकी तलाश की जा रही हैं। हरिद्वार पुलिस को यह बड़ी कामयाबी मिली है।

काया विश्वकर्मा को उत्तराखंड की हरिद्वार पुलिस ने हिरासत में लिया। जिसे लेने के लिए जबलपुर एसपी ने पुलिस की एक टीम हरिद्वार रवाना कर दी है, जो संभवत लड़की को लेकर कल तक जबलपुर पहुंचेगी। जिसके बाद लड़की से पूछताछ की जाएगी

।14-15 मार्च की रात जबलपुर के सिविल लाइन्स स्थित रेलवे की मिलेनियम कॉलोनी में खौफनाक हत्याकांड हुआ था। कॉलोनी के 363-3 ब्लॉक में जबलपुर रेल मंडल में हेड क्लर्क 52 साल के राजकुमार विश्वकर्मा और उनके 9 साल के बेटे तनिष्क की निर्मम तरीके से हत्या हुई थी। आरोप है कि दोनों की हत्या किसी और ने नहीं बल्कि उनकी बेटी और उसके दोस्त मुकुल सिंह ने की थी। मुकुल ने हेड क्लर्क राजकुमार के शव को पन्नी में बांधकर किचन में फेंक दिया था। जबकि, तनिष्क के शव को कपड़े में बांधकर फ्रिज में बुरी तरह से ठूंस दिया था। मौके पर पहुंची पुलिस ने जब सीसीटीवी फुटेज देखा तो यहां रहने वाले सेफ्टी ओएस राजपाल सिंह का बेटा मुकुल सिंह अपनी स्कूटर से मृतक की नाबालिग बेटी के साथ दोपहर करीब 12:23 बजे कॉलोनी से निकलता हुआ नजर आया था।

पैसे खत्म होने पर मंदिर और आश्रम में काट रहे थे दिन

बताया यह जा रहा है कि पुलिस के द्वारा मृतक का अकाउंट सीज करने के बाद आरोपी के पास पैसे खत्म हो गए थे। लिहाजा वह एक जगह से दूसरी जगह पर मूवमेंट नहीं कर पा रहा था और इसीलिए वह आश्रम या फिर धार्मिक स्थल पर रहकर फरारी काट रहा था। लड़की से अभी तक की पूछताछ में पता चला है कि, पैसे खत्म होने के बाद दोनों इसी तरह धार्मिक स्थान या आश्रम में ही खाना खाते और वहीं पर रह कर किसी तरह दिन काट रहे थे।

SP के बोल्ड डिसीजन ने दिलाई पहली कामयाबी

जबलपुर SP आदित्य प्रताप सिंह और पुलिस अधिकारियों के एक अहम निर्णय के चलते ही नाबालिग लड़की को खोजा जा सका है। दरअसल, हत्याकांड के बाद जब दोनों लड़का लड़की यहां से फरार हुए थे तो उनके पास काफी पैसे थे। साथ ही नाबालिग लड़की के मृत पिता के अकाउंट में भी 8 लाख रुपये थे। जिसे थोड़ा-थोड़ा निकाल कर आरोपी फरारी काट रहा था। आरोपी मृतक के अकाउंट से एक बार में 40 हजार रुपये निकालता और फिर पुलिस को चकमा देने के लिए वह शहर छोड़ देता। पुलिस जब तक आरोपी के पैसे निकालने वाले पर जगह पर पहुंचती तो आरोपी काफी दूर जा चुका होता।

पुलिस से भी आगे निकला आरोपी

इसी तरह से आरोपी पुलिस को गुमराह कर रहा था। पुलिस यह सोचकर अकाउंट सीज नहीं कर रही थी कि आरोपी के पैसे निकालने पर पुलिस को उसकी लोकेशन मिलती थी लेकिन वह इस मामले में पुलिस से भी आगे निकला। आखिरकार पुलिस ने बोल्ड फैसला लेते हुए मृतक का अकाउंट सीज कर दिया और दोनों पैसे ना होने के चलते इस तरह आश्रम और धार्मिक स्थान पर दिन गुजारने के लिए मजबूर हो गए। लड़की के हिरासत में आने के बाद अभी पुलिस को उम्मीद जगी है कि जल्दी मास्टरमाइंड मुकुल को भी खोज निकाला जाएगा।

14 मार्च की दरमियानी रात की थी हत्या

बता दे की 14 मार्च की दरमियानी रात को हुई इस वारदात के बाद से ही मुख्य आरोपी मुकुल सिंह अपने साथ रेल कर्मचारी की नाबालिग बेटी को लेकर फरार हो गया था। इस दौरान दोनों ही आरोपियों की लोकेशन गोवा से लेकर विशाखापट्टनम, बिहार, उत्तर प्रदेश और नेपाल तक में मिली थी। दोहरे हत्याकांड को अंजाम देने के बाद फरार हुए दोनों ही आरोपी जिन-जिन शहरों में गए हैं वहां के कई सीसीटीवी फुटेज भी सामने आए हैं। जिसमें दोनों ही आरोपी बड़े ही बेखौफ अंदाज में घूमते हुए कैमरे में कैद हुए हैं।

नेपाल में भी पुलिस कर रही थी खोजबीन

आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस ने नेपाल में भी डेरा डाल रखा था और तस्वीरों के जरिए उनकी खोजबीन की जा रही थी लेकिन कल मंगलवार की रात में दोनों ही आरोपियों को हरिद्वार में घूमते हुए देखा गया और पुलिस द्वारा जारी किए गए तस्वीरों के जरिए स्थानीय लोगों ने उनकी पहचान कर हरिद्वार पुलिस को खबर दी। जैसे ही पुलिस दोनों को पकड़ने गई तो यहां भी मुख्य आरोपी मुकुल सिंह पुलिस को चकमा देकर भाग निकलने में कामयाब हो गया।

पिता और भाई को उतारा था मौत के घाट

जबकि आरोपी के साथ फरारी काट रही रेल कर्मचारी की नाबालिग बेटी काया पुलिस के हाथ लग गई। जिसे लेने के लिए जबलपुर पुलिस हरिद्वार रवाना हो गई है। फिलहाल, दोहरे हत्याकांड के मुख्य आरोपी मुकुल सिंह की खोजबीन के लिए जबलपुर पुलिस हरिद्वार पुलिस के साथ मिलकर काम कर रही है। गौरतलब है कि 15 मार्च को जबलपुर के मिलेनियम रेलवे कॉलोनी में रहने वाले रेल कर्मचारी राजकुमार विश्वकर्मा और उनके 8 वर्षीय मासूम बेटे तनिष्क को कॉलोनी में ही रहने वाले मुकुल सिंह नाम के आरोपी ने बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया था। हत्याकांड की वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी ने रेल कर्मचारी की बेटी के साथ मिलकर मासूम की लाश को फ्रिज में छुपा दिया था।

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