हल्द्वानी

मोटाहल्दू: दो बच्चो के अपहरण से मचा हड़कम, डेढ़ घण्टे की भारी मशक़्क़त के बाद हकीकत मालूम पड़ा, सबने माथा पकड़ लिया।

मोटाहल्दू। गोरापड़ाव रेलवे फाटक के पास दिन दहाड़े दो बच्चों के अपहरण की खबर ने क्षेत्रवासियों, जन प्रतिनिधितयों, पुलिस और मीडिया की लगभग डेढ घंटे खूब कसरत करवाई । अंतत: जिस वाहन में बच्चों को ले जाया जा रहा था उसे पुलसि ने पकड़ लिया। जब सच्चाई सामने हाई तो सबने माथा पीट लिया।

दरअसल हुआ यह कि आज दोपहर लगभग पौने दो बजे गोरापड़ाव रेलवे फाटक के नजदीक स्थित आटा चक्की के पास चार पांच बच्चे खेल रहे थे। दुकानें खुलीं थीं आसपास चहल पहल भी थी। इसी बीच सामने की ओर से एक छोटा हाथी आकर रूका। उसका चालक नीचे उतरा और उसने दो बच्चों को डांटते हुए अपने साथ वाहन में बिठा लिया। इसके बाद छोटा हाथी हल्द्वानी की ओर के लिए रवाना होगया। अपने साथियों को इस तरह अचानक छोटा हाथी में बिठा कर ले जाते देखकर शेष बच्चे घबरा गए। उन्होंने यह बात आसपास के दुकाानदारों को बताई तो दुकानदारों ने मान लिया कि दो बच्चों का अपहरण कर लिया गया है। आनन फानन में हाथीखाल के लोगों द्वारा बनाए गए व्हाट्सअप ग्रुप में यह खबर इस आग्रह के साथ शेयर कर दी गई कि एक छोटा हाथी में दो बच्चों को अपहरण हुआ है। इस छोटा हाथी को देखते ही रुकवाया जाए और बच्चों को बचाया जाए।

एक दुकानदार ने अपनी जागरूकता दिखाते हुए अपनी दुकान पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी चेक कर डाली जिसमें एक छोटा हाथी वाहन दिखाई भी पड़ रहा था। जिसमें साईड में बैठा एक बच्चा भी दिख रहा है। इस की स्क्रीन शॉट भी सोशल मीडिया पर शेयर किया जाने लगा। कुछ सतर्क लोगों ने छोटा हाथी का नंबर भी खेाज निकाला

कुछ लोगों ने घटना की जानकारी हाथीखाल की ग्राम प्रधान नीता भट्ट को दी। उनके परिवार के सदस्य भी बच्चों के अपहरण की जानकारी लेने के लिए मौके पर पहुंचे।

इस बीच हमें भी घटना की जानकारी मिल गई। हम भी मामले की तहकीकात करने में जुट गए। खबर को ब्रेक करने से पहले उसकी एक बार पुष्टि किया जाना आवश्यक था। जितने भी लोगों से बातचीत हुई सभी ने बताया कि उन्होंने कुछ नहीं देखा बस सुना अवश्य है कि दो बच्चों को अपहरण किया गया है। सैकड़ों की संख्या में लोग अपने अपने स्तर पर बच्चों की तलाश में निकल पड़े। अचरज की बात यह है कि दोनों बच्चे किसके थे यह किसी को पता नहीं था। सूचना बगल की पंचायत हरिपुर पूर्णानंद के ग्राम प्रधान सचिन जोशी को भी दी गई। वे भी निकल पड़े छोटा हाथी की तलाश में।

मामला बिगड़ता जा रहा था, मंडी पुलिस को भी कुछ जागरूक ग्रामीणों ने छोटा हाथी सवार द्वारा बच्चों के अप​ह​रण की जानकारी दे दी गई थी। पुलिस भी सड़क पर आ डटी थी। इसबीच 3 बजे राहत देने वाली खबर आई कि छोटा हाथी को पकड़ लिया गया है। लेकिन उसमें बच्चे नहीं मिले हैं। लगभग डेढ घंटे के आपरेशन के बाद आधी सफलता के बाद हर शख्स यह जानना चाह रहा था कि बच्चे कहां हैं।

इस बीच पुलिस ने छोटा हाथी ढूंढ निकाला था, चालक से पूछताछ के बाद जो जानकारी सामने आई उसे सुनकर सबने अपना माथा पीट लिया। दरअसल छोटा हाथी चालक ने बताया कि वह ही उन बच्चों का पिता है और हाथीखाल पंचायत के तहत आने वाले खन्ना फार्म में रहता है। आज जब वह वाहन से घर जा रहा था तो उसने अपने दो बच्चे रेलवे फाटक के पास और बच्चों के साथ खेलते देखे तो उसने नीचे उतर कर उन्हें डांटा और फिर दोनों को जबदस्ती गाड़ी में बिठा लिया। उसकी डांट से बच्चे रोने लगे। हो सकता है कि साथ खेल रहे बच्चे भी रोने लगे होंं।मामले की सच्चाई सामने आने के बाद पूरे आपरेशन से जुड़े हर व्यक्ति ने राहत की सांस ली है। ग्राम प्रधान सचिन कहते हें कि घटना भले ही गलत निकल गई हो लेकिन इससे ग्रामीणों, जन प्रतिनिधियों, पुलिस और मीडिया की जागरूकता का पता चल गया।

 

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