Sunday, September 8, 2024
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स्वाति ध्यानी की दर्दनाक मौत को लेकर लेकर 11 जुलाई को आंदोलनकार राज्य भर में करेंगे सत्याग्रह

स्वाति ध्यानी की दर्दनाक मौत को लेकर लेकर 11 जुलाई को आंदोलनकार राज्य भर में करेंगे सत्याग्र

   देहरादून। चिन्हित राज्य आंदोलनकारी समिति के केंद्रीय मुख्य संरक्षक और कांग्रेस के उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने ऐलान किया है कि तमाम राज्य,आन्दोलनकारी पौड़ी गढ़वाल जनपद की रिखणीखाल विकासखंड की 23 वर्षीय बेटी स्वाति ध्यानी की प्रसव अवस्था के दौरान हाल मे हुई मौत और उनके मृतक बच्चे की स्मृति में राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को निशाना बनाने के लिए आगामी 11 जुलाई को सुबह 11:00 बजे राज्य के तमाम स्वास्थ्य केंद्रों के बाहर 2 मिनट का मौन रखेंगे और एक दिया स्वाति ध्यानि की स्मृति में जलाया जाएगा।

धीरेंद्र प्रताप ने बताया कि उक्त फैसला यहां उत्तराखंड विमर्श द्वारा आयोजित एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में लिया गया जिसे राज्य आंदोलनकारी प्रेम बहुखंडी ने आयोजित किया था और जिसमें दो पूर्व स्वास्थ्य मंत्रियों तिलकराज बेहड़ और सुरेंद्र सिंह नेगी पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय देवेश आदमी मीनाक्षी घिल्डियाल सविता ध्यानी समेत अनेक अनेक प्रमुख राजनीतिक और सामाजिक नेताओं ने भाग लिया था ।धीरेंद्र प्रताप ने कहा सविता ध्यानी की कोई स्वाभाविक मौत नहीं हुई थी बल्कि डॉक्टरों की लापरवाही और सिस्टम की एक प्रसव अवस्था मै बेटी के साथ दुखद व्यवहार ,उसकी मौत का कारण बना ।उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो व राज्य सरकार को यह संदेश जाए कि राज्य की बेहाल स्वास्थ्य सेवाएं तत्काल ठीक होनी चाहिए और कोरोना का भी ठीक से इलाज नहीं हो पा रहा है। इस पर भी सरकार का ध्यान जाए इस सवाल को लेकर राज्य आंदोलनकारी और समान विचारधारा के लोग राज्य भर में स्वाति ध्यानी के निधन पर शोक मनाएंगे । धीरेंद्र प्रताप और प्रेम बहुखंडी ने बताया कि 11 जुलाई को स्वर्गीय स्वाति ध्यानी की तेरहवीं को देखते हुए उक्त दिन का चुनाव किया गया है। 11 जुलाई, ठीक 11 बजे, 1 दिया और 2 मिनट का मौन,अपने नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र के बाहर, स्वर्गीय स्वाति ध्यानी और उन तमाम महिलाओं के लिए, जो सृष्टि सृजन की पवित्र प्रक्रिया के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं की लापरवाही का शिकार बनी। 11 जुलाई को स्वर्गीय स्वाति ध्यानी की तेरहवीं है। विदित हो कि 23 वर्षीय स्वाति ध्यानी की प्रसव के दौरान, अत्यधिक रक्तस्राव के कारण मृत्यु हो गयी थी। उससे पहले उन्होंने मृत बच्चे को जन्म दिया था। कल के उत्तराखंड विमर्श में सर्वसम्मति से तय किया गया था, कि इस पुण्यात्मा के बलिदान को बेकार नहीं जाने दिया जाएगा । और उनकी तेरहवीं के दिन 11 जुलाई 2020 को उत्तराखंड राज्य के सभी जगह पर (जहाँ भी लोग जागरूक होंगे), नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र के बाहर एक दिया जलाएंगे, 2 मिनट का मौन रखेंगे और राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को ठीक करने की सरकार से मांग करेंगे।  जब तक मांग नहीं करेंगे तब तक कोई सरकार कुछ नही देगी। मांगोगे तभी मांग पूरी होगी। ये कार्यक्रम किसी एक सरकार या पार्टी के खिलाफ नहीं है बल्कि पिछले 20 वर्षों के लचर स्वास्थ्य सेवाओं की सामूहिक जिम्मेदारी लेने का मनवचन सुद्धि यज्ञ होगा। इस लचर व्यवस्था के हम सब जिम्मेदार है, हर वो व्यक्ति जो इस प्रदेश का नागरिक है और सरकार चुनने के लिए मतदान करता है लेकिन अपने चुने प्रतिनिधि या सरकार से सवाल नहीं पूछता। उत्तराखंड के सभी जागरूक नागरिकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, राजनीतिक दलों से निवेदन है कि स्वास्थ्य को एक मुद्दा बनायें। वरना आज एक परिवार ने अपनी 23 वर्षीय बेटी-ब्वारी खोई है, कल किसी और का नंबर आएगा।

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