पौड़ी गढ़वालयमकेश्वर

पौड़ी : द्वारीखाल ब्लॉक के ग्राम पंचायत भलगांव, महर गांव, बरसूड़ी और नैणी के ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री से की गाँव में सड़क पहुंचाने की मांग

 

द्वारीखाल

जनपद पौड़ी के अंतर्गत द्वारीखाल ब्लॉक के ग्राम पंचायत भलगांव, महर गांव, बरसूड़ी और नैणी के ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से भिलडग़ांव, ग्राम पंचायत भलगांव (जिसे भलगड्डू के नाम से भी जाना जाता है, तक सड़क संपर्क मार्ग पहुंचाने की मांग की है। यही नहीं ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री से जंगली जानवरों के आतंक से भी निजात दिलाने की मांग की है।

गांव के राजेंद्र सिंह भंडारी ने मुख्यधारा को जानकारी देते हुए बताया कि ग्राम पंचायत भलगांव, महर गांव, बरसूड़ी और नैणी के ग्रामीणों ने सीएम पुष्कर सिंह धामी के नाम प्रेषित पत्र में अपनी समस्याओं का समाधान करने की गुहार लगाई है। उन्होंने कहा है कि गढ़वाल मंडल तहसील सतपुली और द्वारीखाल ब्लाक के अंतर्गत भिलडग़ांव, ग्राम पंचायत भलगांव (जिसे भलगड्डू के नाम से भी जाना जाता है, जिसमें मुख्य चार गांव भलगांव, छोटा भलगांव, भिलडग़ांव व महरगांव) आते हैं। हालांकि महरगांव को अब अलग ग्राम पंचायत बना दी गई है। ग्रामीणों ने अवगत कराया है कि उनका क्षेत्र आज भी बहुत पिछड़ा क्षेत्र रह गया है। यहां आज भी सड़क संपर्क मार्ग के बिना ग्रामीण पैदल ही आवाजाही करने को मजबूर हैं। सामान लाने से लेकर बीमार को भी सड़क तक पहुंचाने के लिए भारी समस्या का सामना करना पड़ता है। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री से यह भी अनरोध किया है कि इन गांवों की सुध ली जाए, अन्यथा ये गांव भी जन शून्य हो जाएंगे। इन गांवों को ब्लाक द्वारीखाल व तहसील सतपुली से सड़क संपर्क मार्ग से जोड़ते हुए स्वास्थ्य तथा शिक्षा से भी लाभान्वित करने की दिशा में प्रयास किए जाने की नितांत आवश्यकता है।
ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री को जंगली जानवरों के आतंक से भी निजात दिलाने की मांग की है। उनका कहना है कि आज गांव में सबसे बड़ी समस्या जंगली जानवरों (विशेषकर बंदर, लंगूर, सुवर, सरो, तेंदुवा और अन्य वन्य जानवर) से हो रही? इसका निवारण यदि सरकार की तरफ से जल्द नहीं किया गया तो खेती-मजदूरी पर निर्भर ग्रामीणों के समक्ष जीवन यापन का बड़ा संपर्क खड़ा हो जाएगा। ग्रामीणों ने तर्क देते हुए कहा है कि चूंकि वन्य जीव अधिनियम के अनुसार इन जानवरों को मारा नहीं जा सकता है, ऐसे में उनके समक्ष इनसे खेती और जान- माल की सुरक्षा का कोई उपाय नहीं है। इसके अलावा इनकी संख्या में दिन-प्रतिदिन इजाफा भी हो रहा है।

ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री धामी से ग्रामीणों की इन समस्याओं का शीघ्र समाधान करने की मांग की है। जिससे ग्राम पंचायत भलगांव, महर गांव, बरसूड़ी और नैणी क्षेत्र से पलायन रोकने में भी मदद मिल सकेगी और ग्रामीण इस क्षेत्र को इसी तरह आबाद रखने में प्रयासरत रहेंगे।

राजेंद्र सिंह भंडारी ने यह भी बताया कि ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री धामी के समक्ष विकल्प के तौर पर एक सुझाव भी रखा है, जिसके तहत यदि मुख्यमंत्री उनके भिलड़ गांव, पोस्ट द्वारीखाल, पट्टी लंगूर वल्ला, तहसील सतपुली को गोद ले लें तो उनके गांव का विकास भी हो जाएगा और मुख्यमंत्री दूसरे जिले के गांव को गोद लेकर प्रदेश के अन्य नेताओं के समक्ष एक बेहतरीन उदाहरण भी पेश कर सकते हैं। जिससे अन्य नेता भी अपने गांवों के विकास को लेकर प्रेरणा लेक सकेंगे।

बहरहाल, अब देखना यह होगा कि क्षेत्र की इस ज्वलंत समस्या का समाधान प्रदेश की धामी सरकार कब तक कर पाती है।

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