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देहरादून आईएसबीटी के भीतर बस में किशोरी के साथ गैंगरेप, दून पुलिस ने दो व्यक्तियों को हिरासत में लिया।

 

देहरादून : उत्तराखंड की राजधानी दून में एक 16 साल की किशोरी के साथ गैंग रेप जैसी जघन्य घटना सामने आई है। सबसे गंभीर बात यह है कि गैंग रेप की इस घटना को राजधानी दून के आईएसबीटी जैसे सार्वजानिक स्थल पर बस के भीतर अंजाम दिया गया है। घटना 12-13 अगस्त 2024 की मध्य रात्रि की बताई जा रही। किशोरी पंजाब की निवासी है। वह पंजाब से दिल्ली पहुंची और वहां से मुरादाबाद। इसके बाद परिवहन निगम की बस से देहरादून पहुंची थी। बताया जा रहा है कि किशोरी मानसिक रूप से अस्वस्थ है। इसी कारण वह बस में देहरादून आ पहुंची और संभवतः उसकी इसी अवस्था को देखते हुए दरिंदों ने अपनी करतूत में अंजाम दिया।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक किशोरी को चाइल्ड वेलफेयर कमिटी (सीडब्ल्यूसी) ने रेस्क्यू किया। कमेटी के सदस्यों ने जब किशोरी की काउंसिलिंग की तो घटना का पता चला। शनिवार शाम कमेटी ने आइएसबीटी पुलिस चौकी में सामूहिक दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज कराई। राहत की बात यह है कि कमेटी जिस घटना को पुलिस तक शनिवार को पहुंचा सकी, वह जानकारी जब वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह को मिली तो उन्होंने बिना देर किए प्रकरण में अति संवेदनशीलता दिखाते हुए सख्त कार्रवाई के निर्देश जारी किए।

दून पुलिस ने भी तत्परता दिखाते हुए न सिर्फ तत्काल मुकदमा दर्ज किया, बल्कि 02 व्यक्तियों को हिरासत में भी लिया। जिनसे पूछताछ की जा रही है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने स्वयं आइएसबीटी चौकी पहुंचकर घटना की जानकारी ली और मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए थे। प्रकरण में पुलिस ने 04 अज्ञात आरोपियों पर सामूहिक दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कर लिया है। मामले में चाइल्ड वेलफेयर कमेटी की सदस्य प्रीति थपलियाल के मुताबिक 13 अगस्त की शाम आइएसबीटी के बाहर हेल्पलाइन की टीम ने एक किशोरी को बदहवास स्थिति में देखा था।

जिसके बाद टीम उसे आइएसबीटी परिसर में बने चाइल्ड हेल्पलाइन बूथ पर ले गई। वहां किशोरी से पूछताछ कर उसकी जानकारी जुटाने का प्रयास किया गया, लेकिन वह रोती रही और बताया कि उसके साथ गलत काम किया गया है। मामले की गंभीरता देख कमेटी की टीम किशोरी को बालिका निकेतन ले गई और उसकी कई दौर की काउंसिलिंग कराई गई। काउंसलिंग के दौरान किशोरी ने बताया कि वह पंजाब की रहने वाली है और मुस्लिम है। उसकी आयु करीब 16 वर्ष के आसपास बताई जा रही है।

किशोरी ने बताया कि उसके माता-पिता का देहांत हो चुका है और वह अपनी बहन व जीजा के साथ रहती थी। बहन व जीजा ने 11 अगस्त को उसे घर से निकाल दिया। जिसके बाद वह बस से दिल्ली पहुंची। वहां से वह दूसरी बस से मुरादाबाद उत्तर प्रदेश पहुंची। फिर 12 अगस्त की शाम उसे देहरादून जाने वाली बस दिखी तो वह उसमें बैठ गई। रात करीब 2.30 पर देहरादून पहुंचने पर जब बस आइएसटीबी के भीतर गई तो सभी लोग उतर गए। पीड़िता ने बताया कि वह बस में ही बैठी थी। उसके अतिरिक्त 02 लोग (शायद चालक व परिचालक) बस में और थे।

 

 

पीड़िता ने बताया कि कुछ देर में 02 लोग बस में और आ गए और उन सभी ने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। चाइल्ड वेलफेयर की टीम ने कई बार किशोरी की काउंसिलिंग की, लेकिन हर बार उसने यही बताया कि उसके साथ गलत काम हुआ है और कैसे हुआ। इसके बाद शनिवार को हेल्पलाइन की टीम ने पटेलनगर कोतवाली की आइएसबीटी पुलिस चौकी पुलिस को लिखित रिपोर्ट दी। पुलिस के पास मामला पहुंचते ही एसएसपी अजय सिंह भी सकते में आ गए और उन्होंने इसे गंभीरता से लेते हुए अधीनस्थों को कोताही न बरतने को कहा।

 

 

उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की हो सकती है बस, पुष्टि होना बाकी
चाइल्ड वेलफेयर कमेटी की सदस्य प्रीति थपलियाल ने बताया कि पीड़िता ने काउंसिलिंग के दौरान बस लाल रंग की होने का जिक्र किया है। इसके बाद हेल्पलाइन की टीम उसे आइएसबीटी परिसर भी ले गई और वहां खड़ी बसों को दिखाया। जिसमें किशोरी ने उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की लाल बस की ओर इशारा भी किया। ऐसे में जांच टीम मान रही है कि घटना में प्रयुक्त बस उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की हो सकती है। पुलिस सीसीटीवी कैमरों की पड़ताल से पता लगा रही है कि घटना की रात कौन-कौन सी बसें आइएसबीटी में प्रवेश हुई थी।

परिवहन निगम के कैशियर को हिरासत में लिया, पुलिस सघनता से जुटी
घटना का पता लगते ही जांच में जुटी पुलिस ने आइएसबीटी में उत्तराखंड परिवहन निगम के एक काउंटर पर बैठे कैशियर को हिरासत में ले लिया है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि उक्त कर्मचारी परिचालक है, लेकिन उससे कैशियर का कार्य लिया जा रहा है। पुलिस उससे सघन पूछताछ कर रही है। सूत्र बता रहे हैं कि घटना की रात संबंधित कर्मचारी आइएसबीटी पर मौजूद था। इसके अतिरिक्त एक और व्यक्ति को पुलिस ने हिरासत में लिया है। हालांकि, अभी इस बात का पता नहीं चल पाया है कि पीड़िता का मेडिकल कराया गया है या नहीं या उसके मजिस्ट्रेटी बयान की स्थिति क्या है।

 

 

 

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