देहरादून

Suicide प्रकरण में पुलिस liu की जांच की आंच पहुची गुप्ता बंधु के घर तक

 

*थाना राजपुर में पजीकृत मु0अ0सं0 119/ 24 धारा: 306 भादवि बनाम अनिल कुमार गुप्ता व अजय कुमार गुप्ता के केस में विवेचना के दौरान प्रकाश में आये साक्ष्यों के आधार पर अभियोग में बढाई गयी धारा 385/420 भादवि के सम्बन्ध में विवेचक द्वारा गुप्ता बन्धुओं के आवास से की जा रही साक्ष्य संकलन की कार्यवाही।*

*गुप्ता बन्धुओं के आवास पर लगे सीसीटीवी कैमरों की डीवीआर ली जा रही कब्जे में।*

*आवास पर नियुक्त कर्मचारियों से विस्तृत जानकारी लेते हुए दर्ज किये जा रहे उनके बयान।*

दिनांक 24.05.2024 को रनबीर सिंह साहनी द्वारा एक लिखित तहरीर बाबत उनके पिता सतेन्द्र सिंह साहनी को अनिल गुप्ता एवं अजय गुप्ता द्वारा डरा धमकाकर आत्महत्या करने विषयक दी गयी तथा साथ में मूल सुसाइड नोट भी दिया गया जिसके आधार पर *थाना राजपुर में मु0अ0सं0 119/2024 धारा 306 भादवि बनाम अजय गुप्ता आदि* में अभियोग पंजीकृत करते हुए विवेचना व030नि0 सुमेर सिंह के सुपुर्द की गयी थी। विवेचना के दौरान प्रकाश में आये तथ्यों के आधार पर अभियोग में *धारा: 385, 420 भादवि* की बढोतरी की गई थी। प्रकरण में प्रचलित विवेचना के क्रम में आज दिनाक: 30-05-2024 को विवेचक द्वारा डालनवाला स्थित अजय गुप्ता के आवास से साक्ष्य संकलन की कार्यवाही करते हुए आवास में लगे समस्त सीसीटीवी कैमरों के डीवीआर को विवेचना हेतु कब्जे पुलिस मैं लिया जा रहा। साथ ही आवास में नियुक्त कर्मचारियों से विस्तृत पूछताछ करते हुए उनके बयान दर्ज किए जा रहे है।

 

सत्येंद्र साहनी सुसाइड केस में प्रोजेक्ट कंपनी के खातों में गुप्ता परिवार व विभिन्न माध्यमों से संदिग्ध धनराशि के लेनदेन के दृष्टिगत एसएसपी देहरादून ने ED (प्रवर्तन निदेशालय) से किया पत्राचार

मनीलॉन्ड्रिंग की संभावनाओं की दृष्टिगत किया गया पत्राचार

प्रवर्तन निदेशालय की टीम कर सकती है विस्तृत जांच।

थाना राजपुर में पजीकृत मु0अ0सं0 119/ 24 धाराः 306,420,385 भादवि बनाम अनिल कुमार गुप्ता व अजय कुमार गुप्ता के केस में विवेचना के दौरान प्रोजेक्ट कंपनी के खातों में गुप्ता परिवार व विभिन्न माध्यमों से बड़ी धनराशि के ट्रांजैक्शन की जानकारी मिली है, उक्त कंपनियां कोई shell कंपनी ना हो या कंपनी में विभिन्न माध्यमों से धनराशि के संदिग्ध ट्रांजैक्शन के संबंध में मनीलॉन्ड्रिंग की संभावनाओं की दृष्टिगत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून द्वारा प्रवर्तन निदेशालय से पत्राचार किया गया

देहरादून के नामी बिल्डर सतेंद्र सिंह साहनी उर्फ बाबा साहनी की आत्महत्या के मामले में पुलिस आरोपी गुप्ता बंधु की संलिप्तता को लेकर ढील देने को तैयार नहीं है। साहनी को आत्महत्या के लिए उकसाने, जबरन वसूली, धोखाधड़ी के आरोप में जेल भेजे गए अजय गुप्ता और उनके बहनोई अनिल गुप्ता मामले में साक्ष्य एकत्रित करने के लिए पुलिस गुरुवार को फिर सक्रिय हुई। पुलिस की संयुक्त टीम ने गुप्ता बंधु के डालनवाला क्षेत्र में करें रोड स्थित आवास पर छापा मारा। इस दौरान टीम ने गहन जांच पड़ताल के साथ ही सीसीटीवी के रिकॉर्ड कब्जे में लिए। दूसरी तरफ प्रवर्तन निदेशालय भी पूरे प्रकरण पर बारीकी से निगाह बनाए हुई है। जो भविष्य में किसी बड़ी कार्रवाई की दिशा में आगे बढ़ सकती है।

बिल्डर साहनी की आत्महत्या के मामले में आरोपी गुप्ता बंधु के आवास पर जांच करती पुलिस की संयुक्त टीम।

बीते शुक्रवार को 02 आवासीय परियोजनाओं के निर्माण की पार्टनरशिप के विवाद में बिल्डर बाबा साहनी ने अपनी विवाहित बेटी के सहस्रधारा रोड पर पैसेफिक गोल्फ अपार्टमेंट में 08वीं मंजिल पर स्थित फ्लैट की बालकनी से कूदकर आत्महत्या कर ली थी। उनकी जेब से मिले सुसाइड नोट व उनके बेटे के बयान के आधार पर पुलिस ने सहारनपुर (उत्तर प्रदेश) के निवासी और चर्चित कारोबारी अजय कुमार गुप्ता व उनके बहनोई अनिल गुप्ता (गुप्ता बंधु) के विरुद्ध आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज कर लिया। त्वरित कार्रवाई करते हुए राजपुर थाना पुलिस ने दोनों आरोपितों को उनके कर्जन रोड स्थित आवास से हिरासत में लेते हुए पूछताछ के बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया था।

बाबा साहनी की ओर से एसपी सिटी प्रमोद कुमार को दिए शिकायती पत्र की जांच के बाद पुलिस ने मुकदमे में जबरन वसूली और धोखाधड़ी की धाराओं में बढ़ोतरी कर दी। इसी मामले में साक्ष्य जुटाने के लिए एसएसपी अजय सिंह ने गुरुवार को सीओ अनिल जोशी की देखरेख में एक संयुक्त टीम गठित की। इसमें राजपुर थाने से जांच अधिकारी सुमेर सिंह, डालनवाला कोतवाली से प्रभारी निरीक्षक राकेश गुसांई और एलआइयू से प्रदीप नेगी की देखरेख में एक टीम ने गुप्ता बंधु के घर डालनवाला के कर्जन रोड क्षेत्र स्थित कोठी पर छापा मारा।

गुप्ता के नजदीकी भी आ सकते हैं जांच के दायरे में
पुलिस के छापे के बाद अब गुप्ता बंधु के नजदीकी भी पुलिस जांच के दायरे में आ सकते हैं। इसमें कुछ राजनीतिक व कुछ कारोबार से जुड़े हुए हैं। बिल्डर की आत्महत्या के बाद इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो रही दो ऑडियो रिकार्डिंग की जांच में भी पुलिस जुट गई है। फोरेंसिक टीम इस बात की जांच कर रही है कि यह ऑडियो किस फोन से रिकॉर्ड हुए हैं। पहली ऑडियो रिकॉर्डिंग में अजय कुमार गुप्ता व एक कारोबारी की बातचीत है, जबकि दूसरे ऑडियो में अजय गुप्ता व एक राजनीतिक पार्टी से जुड़े नेता की बातचीत है। दोनों ऑडियो रिकार्डिंग में अजय गुप्ता कॉमन रूप से शामिल हैं। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि घटना से पूर्व गुप्ता बंधु के संपर्क में कौन-कौन था और गुप्ता के घर पर मिलने के लिए कौन-कौन आता था।

गुप्ता बंधु के लाकर की जांच में भी जुटी पुलिस।  

छापेमारी के बाद पुलिस आरोपित गुप्ता बंधु के लाकर की जांच में भी जुट गई है। पुलिस पता कर रही है कि उनके लाकर कहां-कहां हैं। बताया जा रहा है कि पुलिस ने गुप्ता बंधु की कोठी पर काम करने वाले कर्मचारियों से लाकर व अन्य जमीनों से जुड़े दस्तावेजों की जानकारी जुटाई है। आने वाले दिनों में गुप्ता बंधु के लाकर को भी खुलवाया जा सकता है।

ईडी की एंट्री से बदलेंगे समीकरण, बढ़ेगा कार्रवाई का दायरा
शहर के नामी बिल्डर सतेंद्र साहनी की आत्महत्या का मामला नया मोड ले सकता है। प्रकरण आत्महत्या के लिए उसकाने, जबरन वसूली और धमकाने से भी आगे बढ़ सकता है। क्योंकि, इस पूरे प्रकरण में प्रवर्तन निदेशालय बारीकी से नजर बनाए हुए है। हालांकि, ईडी अधिकारी सीधे हाथ डालने की जगह शिकायत का इंतजार कर रही है। केस में ईडी के लिए आगे बढ़ने में सबसे अनुकूल परिस्थिति यह होगी कि कोई पार्टनर मामले में शिकायत दर्ज कराए। सूत्रों की मानें तो ईडी के अधिकारियों ने मृतक सतेंद्र साहनी के मूल पार्टनर संजय गर्ग से संपर्क साधा था। जिसका मंतव्य यह था की यदि वह मामले में कोई शिकायत दर्ज कराते हैं तो ईडी दर्ज एफआइआर के आधार पर आगे बढ़ सकते हैं। क्योंकि, कुछ नियमों में ईडी सीधे एफआइआर पर कार्रवाई करने की जगह शिकायत को भी समानांतर रूप से तरजीह देती है। बड़ा सवाल यह भी है कि ईडी यदि मामले में एंट्री करती है तो उससे कहानी में किस तरह नया मोड़ आ सकता है।

यह है बिल्डर साहनी से जुड़ा पूरा मामला
रेसकोर्स निवासी बिल्डर सतेंद्र सिंह साहनी वर्तमान में साहनी स्ट्रक्चर एलएलपी व साहनी इंफ्रा एलएलपी के नाम से सहस्रधारा हेलीपैड के निकट और राजपुर रोड पर अम्मा कैफे के पास दो आवासीय परियोजनाओं का निर्माण करा रहे थे। इसमें पूर्व में दो पार्टनर थे, जिसमें एक सतेंद्र साहनी व दूसरा बिल्डर संजय गर्ग था। परियोजना का बजट काफी अधिक होने के कारण सतेंद्र साहनी ने अपने परिचित भाजपा नेता बलजीत सोनी से संपर्क कर उनकी परियोजना के लिए किसी बड़े फाइनेंसर की तलाश करने को कहा। बलजीत सोनी ने उनकी मुलाकात सहारनपुर के चर्चित कारोबारी अनिल गुप्ता से कराई। इसी क्रम में अजय गुप्ता भी सीन में आ गए और यहीं से मामला उलझता चला गया।

अजय कुमार गुप्ता के हस्तक्षेप से तनाव में आया बिल्डर
गुप्ता बंधु पूर्व में काफी विवादों में रह चुके हैं। ऐसे में सतेंद्र सिंह साहनी ने शर्त रखी कि परियोजना में रकम लगाने के बावजूद वह न तो निर्माण साइट पर आएंगे और न ही अपना नाम परियोजना की पार्टनरशिप में सार्वजनिक करेंगे। पुलिस के मुताबिक दोनों में इसका लिखित समझौता हो गया था। जिसके तहत सतेंद्र और संजय गर्ग की 40 प्रतिशत हिस्सेदारी में अनिल गुप्ता से 85 प्रतिशत फंडिंग के लिए समझौता किया। आरोप है कि इसके बाद समझौते का उल्लंघन करते हुए अजय कुमार गुप्ता ने परियोजना के कार्यों में हस्तक्षेप कर साइट पर आना-जाना शुरू कर दिया। उन्होंने साइट पर अपना प्रतिनिधि भी नियुक्त कर दिया। आरोप है कि इसके बाद आरोपितों ने बिल्डर साहनी व उनके दो अन्य पार्टनर पर परियोजना उनके नाम पर करने का दबाव बनाना शुरू कर दिया। आरोप है कि गुप्ता बंधुओं की धमकी से परेशान बिल्डर सतेंद्र साहनी शुक्रवार की सुबह रेसकोर्स स्थित आवास से किसी को बिना कुछ बताए चले गए और अपनी बेटी के पैसेफिक गोल्फ अपार्टमेंट की आठवीं मंजिल पर स्थित फ्लैट पर पहुंचे और बालकनी से छलांग लगा दी।

 

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