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उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय कर्मचारी महासंघ ने विश्वविद्यालयों में शीघ्र रिक्त पदों पर नियुक्ति न होने पर बड़े आंदोलन की दी चेतावनी।

 

देहरादून :- उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय कर्मचारी महासंघ ने विश्वविद्यालयों में शीघ्र रिक्त पदों पर नियुक्ति न होने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी देते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन को पत्र लिखकर 31 जुलाई 2024 तक कार्यवाही सुनिश्चित करने का आग्रह करते हुए चेतावनी दी है।

पत्र में साफ साफ शब्दों में लिखकर बताया गया कि उक्त रिक्त पदों पर शीघ्र नियुक्ति हेतु विश्वविद्यालयों को जारी निर्देशों के उपरान्त भी विश्वविद्यालयों में नियुक्त प्रक्रिया प्रारम्भ नहीं हुई है। संगठन को प्राप्त जानकारी के अनुसार, इन रिक्त पदों में वर्तमान में दून विश्वविद्यालय में 56 पद रिक्त हैं, कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल में 56, मुक्त विश्वविद्यालय हल्द्वानी में लगभग 15 पद, सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा में लगभग 58 एवं श्री देव सुमन विश्वविद्यालय बादशाहीचील में कर्मचारियों के सभी सृजित पद रिक्त हैं वहीं तकनीकी विश्वविद्यालय में लगभग 20 पद, वीर चंद्र सिंह गढ़वाली औद्यानिकी एव वानिकी विश्वविद्यालय भरसार में लगभग 280, आयुर्वेद विश्वविद्यालय देहरादून में लगभग 72 पद तथा चिकित्सा विश्वविद्यालय में सभी सृजित पद रिक्त हैं, संस्कृत विश्वविद्यालय हरिद्वार में 04 पद एवं जी०बी०यंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में 400 से भी अधिक पद रिक्त हैं। विश्वविद्यालयों में रिक्त पदों की बढ़ रही संख्या के मध्य कार्यरत कर्मचारियों पर लगातार कार्य का बोझ बढ़ रहा है वहीं कामचलाऊ व्यवस्था के द्वारा विश्वविद्यालयों में कार्य सम्पादन किया जा रहा है। यह भी देखा गया है कि कुछ विश्वविद्यालयों में कई पद रिक्त होने के चलते मृत संवर्ग में चिह्नित हुए हैं।

एक तरफ राज्य सरकार, समस्त राजकीय कार्यालयों में रिक्त पदों को भरने हेतु लगातार प्रयासरत है, वहीं राजकीय विश्वविद्यालयों में प्रशासन लगातार संगठन के दवाब एवं शासकीय निर्देशों को नजरन्दाज कर रहा है। अतः विश्वविद्यालयों में सृजित नियमित पदों पर अतिशीघ्र नियुक्ति किये जाने हेतु संगठन की वर्षों के लम्बित मांग की निराकरण हेतु संगठन की मांग है कि कृपया –

1. विश्वविद्यालय में उपलब्ध नियमित पदों पर शीघ्र नियुक्ति प्रक्रिया आरम्भ की जाये।

2. विश्वविद्यालय में वर्षों से कार्यरत संविदा, दैनिक, आउटसोर्स आधारित कार्मियों को नियमित नियुक्ति की प्रक्रिया में विशेष अधिमान प्रदान किया जाये।

महोदय, संगठन द्वारा वर्ष 2021 से उक्त मांग की पूर्णता हेतु विश्वविद्यालय प्रशासन एवं शासन से पत्राचार के साथ, कई दौर की वार्तायें की जा चुकी हैं परन्तु विश्वविद्यालयों द्वारा इस दिशा में कोई भी संकारात्मक कार्य नहीं किये गये हैं। इस स्थिति में संगठन के लिए आन्दोलनात्मक मार्ग में अग्रसर होना ही एकमात्र विकल्प है।
विश्वविद्यालयों में कर्मचारियों के नियमित पदों पर नियुक्ति सम्बन्धी उपरोक्त लिखित मांग के सम्बन्ध में दिनांक 31 जुलाई 2024 तक कार्यवाही सुनिश्चित करने का कष्ट करें ताकि संगठन किसी भी प्रकार की आन्दोनात्मक गतिविधि करने को बाध्य न हो सके जिस हेतु समस्त दायित्व विश्वविद्यालय प्रशासन का होगा।

 

 

 

 

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