Sunday, September 8, 2024
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यमकेश्वर

यमकेश्वर यहाँ सर्व दलीय आम बैठक का किया गया आयोजन, गंगाभोगपुर से विंध्यवासिनी तक आलवेदर मार्ग की उठी मांग।

यमकेश्वरः यमकेश्वर क्षेत्र की जीवन रेखा कहे जाने वाले प्राचीन गंगा भोगपुर कण्डरह वन मोटर मार्ग के नाम से जाना जाता है जो बदहाल स्थिति में है। यमकेश्वर क्षेत्र के बरसात के चार महीने ताल नदी और त्याड़ो नदी के उफान पर होने से यह क्षेत्र पूरी तरह चारांं ओर से सम्पर्क मार्ग से कट जाता है। स्थानीय निवासियों द्वारा बीते कई सालों से ऑलवेदर सड़क की मॉग की जा रही है।

बीते बरसात में क्षेत्र में आई आपदा ने एक बार फिर पुनः इस आवश्यकता को और अधिक बल दे दिया, जिसके चलते क्षेत्र के निवासियों द्वारा विन्ध्यवासनी के मिलन केन्द्र में हुई ऑलवेदर सड़क निर्माण की मॉग का मुद्दा बहुत जोर शोर से उठा। बैठक में क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों द्वारा प्रतिभाग किया गया जिसमे जिला पंचायत सदस्य उमरोली, आरती गौड़, ज्येष्ठ प्रमुख, दिनेश भट्ट क्षेत्र पंचायत सदस्य बूंगा, सुदेश भट्ट, सुरेन्द्र सिंह , ग्राम प्रधान प्रधान, बुकण्डी, सत्यपाल रावत, ग्राम प्रधान दिवोगी गबर सिंह असवाल ग्राम प्रधान तिमती अकरा, बचन बिष्ट ग्राम प्रधान मल्ला बनास, सत्यप्रसाद हर्षवाल, ग्राम प्रधान उमड़ा, वरिष्ठ पत्रकार विश्वजीत नेगी, काग्रेंस के आईटी सेल के प्रदेश अध्यक्ष विकास नेगी आदि ने अपने विचार रखे।

   
जिला पंचायत सदस्य आरती गौड़ ने कहा कि यमकेश्वर क्षेत्र के विकास के लिए इस ऑलवेदर सड़क का निर्माण किया जाना आवश्यक है, क्योंकि इस सड़क के निर्माण से नीलकंठ बाय पास मार्ग मिल जायेगा, साथ ही क्षेत्र के लगभग 60 गॉवो का सीधा सम्पर्क ऋषिकेश हरिद्वार से हो जायेगा। वहीं ज्येष्ठ प्रमुख दिनेश भट्ट ने कहा कि हम सबको मिलकर पार्टीवाद से हटकर स्थानीय निवासी होने के नाते इस मुद्दे पर एकजुट होकर संयुक्त प्रयास करना होगा,क्योंकि इस सड़क के निर्माण से आने वाली पीढी के लिए सुगमता तो होगी ही साथ ही वर्तमान जैसे विपरीत हालात उनके सामने नहीं होगें। वहीं इस संबंध में वरिष्ठ पत्रकार विश्वजीत नेगी ने कहा कि इसके लिए एक समिति का गठन किया जाय और पार्क प्रशासन से इस संबंध में सभी तकनीकि बिन्दुओं पर वार्ता कर इसके निर्माण के लिए एकजुटता दिखाना होगा।

क्षेत्र पंचायत सदस्य बुंगा पूर्व सैनिक सुदेश भट्ट ने कहा कि विन्ध्यवासनी गंगाभोगपुर सड़क का निर्माण होने से क्षेत्र की दूरी कम हो जायेगी और ब्लॉक मुख्यालय से लेकर तहसीत तक आने जाने में सुविधा होगी। वहीं बचन बिष्ट ने कहा कि जिस तरह नौंगॉव बुकण्डी विन्ध्यवासनी सड़क निर्माण के लिए संघर्ष समिति बनी और उसके द्वारा जो प्रयास किये गये उसके परिणामस्वरूप यह सड़क बन गयी किंतु यह सड़क मात्र आठ माह के लिए सुविधायुक्त है, जबकि चार माह नदी उफान पर होने से यह क्षेत्र सम्पर्क से कट जाता है।

विकास नेगी ने कहा कि हम सबको पार्टीवादी सोच से हटकर एक क्षेत्रीय निवासी होने के नाते यमकेश्वर क्षेत्र के प्रमुख मुद्दों पर स्वार्थ से परे सोचकर एक जुटता दिखानी होगा। वहीं राजेन्द्र सिंह धस्माना ने कहा कि ऑलवेदर सड़क, टनल रोड़, पुस्ता रोड़ या फ्लाईओवर जो भी शासन प्रशासन को सुविधाजनक हो उसका निर्माण कर हमारी ऑलवेदर सड़क की मॉग पूरी की जाय।
वहीं एसपी जोशी ने कहा कि आज हम चॉद पर पहुॅच गये किंतु दुर्भाग्य है क्षेत्र का कि हम आज भी सड़क जैसी मूलभूत आवश्यकताओं के लिए लामबंद होने को मजबूर हैं।

वहीं बैसाख सिंह पयाल ने कहा कि यह कोई नया मोटर मार्ग नही है, बल्कि यह आजादी के दशक का इस क्षेत्र का पहला मोटर मार्ग है, किंतु क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की उदासीनता, और शासन प्रशासन का ढुलमुल रैवया पार्क प्रशासन का नकारात्मक रवैया का परिणाम है कि आज तक इस सड़क का निर्माण नहीं हो पाया है, आज कर्णप्रयाग तक रेल पहॅुचने वाली है, और हम मात्र 06 किलोमीटर ऑलवेदर सड़क की मॉग कर रहे हैं।

बैठक का संचालन धुव्र असवाल ने किया और और पूर्व सैनिक सुरेश पयाल ने कहा कि अब समय आ गया कि यमकेश्वर क्षेत्र के प्रमुख मुद्दों के लिए अब संगठित होकर एकजुटता दिखानी होगी।

बैठक में आम सहमति से निर्णय लिया गया कि जल्दी ही इसके लिए एक समिति का गठन किया जायेगा और समिति के द्वारा जनप्रतिनिधियों के माध्यम से विभिन्न स्तर से शासन प्रशासन और उच्च स्तर तक इस सड़क के निर्माण की आवश्यकता के संबंध में विस्तार से जानकारी देकर पत्रावली की जानकारी अद्यतन रखेगी। ऑलवदेर रोड़ के लिए सौ फुटी से विन्ध्यवासनी तक नदी के किनारे सड़ का निर्माण, या बीन नदी से विन्ध्यवासनी तक फ्लाई ओवर का निर्माण, पुस्ता रोड़ का निर्माण या फिर मणीकूट पर्वत पर बैराज से त्याड़ो के बीच टनल रोड़ का निर्माण में से किसी एक विकल्प के माध्यम से ऑलवेदर मार्ग की रखी गयी।

इस अवसर पर अशोक कण्डवाल, देवेन्द्र कण्डवाल, मोहन लाल कण्डवाल, मनोज कण्डवाल, अनिल नेगी, यशपाल असवाल, शशि रणाकोटि, राजपाल सिंह राणा, शुभम कण्डवाल, महेश्वर कुकरेती, घनेन्द्र सिंह रावत, देवेन्द्र प्रसाद जोशी, अध्यक्ष उदयपुर मण्डल, अनिल कुमार सिंह, शिरोमणी, जोशी, टोडर सिंह बिष्ट, सुदीप कपरूवान, सोहनलाल कपरूवान, गोविन्द सिंह रावत आदि उपस्थित थे।

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