हरीश रावत ने जब से चुनाव संचालन समिति की कमान अपने हाथ में ली है तब से हरीश रावत और आक्रामक हो गए हैं इन दिनों को पानी पी पीकर बीजेपी को कोस रहे हैं ऐसे में हरीश रावत ने आज एक ऐसा मुद्दा छेड़ दिया जिसका खामियाजा हरीश रावत को 2017 के चुनाव में भुगतना पड़ा था जी हां नमाज पढ़ने के लिए डेढ़ घंटे की छुट्टी का आदेश हरीश रावत की सरकार के दौरान किया गया था लेकिन अब हरीश रावत इस बात से इंकार कर रहे हैं फेसबुक पर हरीश रावत ने लिखा कि#भाजपा का सफेद झूठ। मैंने कभी भी जुम्मे की नमाज़ के लिए छुट्टी का ऐलान नहीं किया और न किसी ने मुझसे जुम्मे की नमाज़ के लिए छुट्टी मांगी। हां, #हरीश_रावत ने सूर्य देव के आराधना के पर्व #छठ पर छुट्टी दी। हमारी बहने #करवा_चौथ का व्रत रखती हैं, मैंने उस पर छुट्टी दी। मैंने दो महापुरुषों की जयंती पर छुट्टी दी, यहां तक की यदि भाजपाई झूठ न चल पड़ा होता है तो #परशुराम_जयंती पर भी मैं छुट्टी करने के विषय में अपनी सहयोगियों से विमर्श कर रहा था। भाजपा के लोगों, #काठ_की_हांडी एक ही बार चढ़ती है, 2017 में तुम्हारा यह झूठ चल गया। मगर अब के तुम समय पर सामने आ गये हो तो मेरे झूठ का प्रतिवाद भी लोगों तक पहुंचेगा और लोग पढ़े-लिखे हैं, स्वयं रिकॉर्ड तलाश कर लेंगे, क्या मेरी सरकार ने #जुम्मे की नमाज़ का जुम्मा मतलब शुक्रवार की नमाज़ के लिए छुट्टी का ऐलान किया है?