- सोयाबीन क्यों नहीं खानी चाहिए? इससे क्या क्या फायदा व क्या क्या नुकसान
ऐसे में जिन लोगों को किडनी से संबधित कोई भी बीमारी है उन्हें सोयाबीन नहीं खाना चाहिए। यह किडनी स्टोन की संभावना को भी बढ़ा देता है। सोयाबीन में पाए जाने वाले कुछ एमिनो एसिड हार्मोन को प्रभावित करते हैं। सोयाबीन थायरॉइड से जुड़े थायरॉक्सिन हार्मोन को कम या ज्यादा करता है।
4 हेल्थ कंडीशन में नहीं खाना चाहिए सोयाबीन, हो सकते हैं कई नुकसान
मसल्स बनाने, वेट कम करने वाले डाइट प्लान में प्रोटीन के सप्लीमेंट्स के तौर पर डाइट में सोयाबीन को शामिल कर लेते हैं।
इन दिनों मसल्स बनाने या वेट कम करने वाले डाइट प्लान में लोग प्रोटीन सप्लीमेंट्स के तौर पर डाइट में लंबे समय के लिए सोयाबीन को शामिल कर लेते हैं। रोज इसे खाते हैं। लेकिन एमिनो एसिड, कैल्शियम और फाइबर से भरपूर सोयाबीन कई लोगों के लिए हार्मफुल भी हो सकता है। हाइपरटेंशन से लेकर किडनी तक की बीमारियों को सोयाबीन बढ़ा सकता है।
भोपाल की डायटीशियन एवं न्यूट्रीशियन एक्सपर्ट ज्योति शर्मा बताती हैं कि सोयाबीन से होने वाली एलर्जी गेहूं के प्रोडक्टस (ग्लूटेन की एलर्जी) से होने वाली एलर्जी की तुलना में ज्यादा होती है। कुछ हेल्थ कंडीशन में इसे अवॉइड करना चाहिए। ऐसा ना करने पर अलग-अलग तरह की बीमारी बढ़ सकती है। आइए जानते हैं इन हेल्थ कंडीशन के बारे में।
हार्ट प्रॉब्लम
अगर आपको किसी भी तरह की हार्ट प्रॉब्लम है तो सोयाबीन नहीं खाना चाहिए। रिसर्च के अनुसार इसमें फैट ज्यादा होता है जो दिल के लिए अच्छा नहीं होता है। यह हाइपरटेंशन बढ़ाने का भी काम करता है।
प्रेग्नेंट महिलाएं
डॉ शर्मा कहती हैं कि सोयाबीन में कुछ एमिनो एसिड्स होते हैं जो बच्चे की नॉर्मल ग्रोथ को रोकने का काम करते हैं। इसलिए प्रेग्नेंट महिलाओं को इसे अवॉइड करना चाहिए।
किडनी की प्रॉब्लम होने पर
किडनी का काम प्रोटीन को फिल्टर करना भी होता है और सोयाबीन में भरपूर मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। ऐसे में जिन लोगों को किडनी से संबधित कोई भी बीमारी है उन्हें सोयाबीन नहीं खाना चाहिए। यह किडनी स्टोन की संभावना को भी बढ़ा देता है।
सोयाबीन खाने के फायदे भी हैं और नुकसान भी, जानें विस्तार से
इसमें मिनरल्स के अलावा, विटमिन बी कॉम्प्लेक्स और विटमिन ए की भी भरपूर मात्रा पाई जाती है। इसलिए आम लोगों से लेकर जिम करने वाले लोग भी प्रोटीन के सेवन के लिए सोयाबीन को तरजीह देते हैं।
सोयाबीन में कई बीमारियों और इंफेक्शन का इलाज छिपा है। सोयाबीन प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत होता है। इसमें मिनरल्स के अलावा, विटमिन बी कॉम्प्लेक्स और विटमिन ए की भी भरपूर मात्रा पाई जाती है। इसलिए आम लोगों से लेकर जिम करने वाले लोग भी प्रोटीन के सेवन के लिए सोयाबीन को तरजीह देते हैं। इसे लोग तरह-तरह से खाते हैं। सोयाबीन को सब्जी या परांठे के रूप में भी खाया जाता है तो इसके कटलेट या फिर दूध में मिक्स करके भी खाया जा सकता है। सोयाबीन स्नैक्स के रूप में भी काफी हेल्दी होता है।
आज हम आपको सोयाबीन के फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं:
1- सोयाबीन में प्रोटीन के अलावा फाइबर, मिनरल्स और फाइटोएस्ट्रोजन्स होते हैं। इसके अलावा इसमें सैचरेटेड फैट की मात्रा भी कम होती है। साथ ही इसमें न तो कलेस्ट्रॉल होता है और न ही लैक्टोस। इस लिहाज से सोयाबीन सेहत के लिए फायदे की चीज है। सोयाबीन में आयरन, मैंगनीज, फॉसफोरस, कॉपर, पोटेशियम, जिंक और सेलेनियम भी प्रचुर मात्रा में होता है।
2- सोयाबीन हेल्दी वेट गेन और वेट लूज में भी मदद करता है, बशर्ते उसे सीमित मात्रा में खाया जाए तो। सोयाबीन में फाइबर और प्रोटीन अत्यधिक मात्रा में होता है। इसलिए यह उन लोगों के लिए भी फायदेमंद है जो वजन घटाना चाहते हैं और उन लोगों के लिए भी जो बढ़ते वजन को कम करना चाहते हैं।
3- सोयाबीन डायबीटीज और हार्ट डिजीज की रोकथाम करने में भी मदद करता है। इसमें मौजूद अनसैचरेटेड फैट्स बैड कलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करते हैं। इससे हार्ट संबंधी बीमारियों का खतरा कम हो जाता है।
4- इसके अलावा यह कई प्रकार के कैंसर से भी बचाव करता है। अमेरिका के कैंसर रिसर्च इंस्टिट्यूट के अनुसार, सोयाबीन में मौजूद फाइबर कोलोरेक्टल और कोलोन कैंसर के रिस्क को कम करता है।
5- सोयाबीन हड्डियों की मजबूती के लिए बेहद जरूरी है। अकसर महिलाएं घुटनों और कमर के दर्द की शिकायत करती हैं। ऐसा कमजोर हड्डियों या फिर नसों पर दबाव की वजह से होता है।
सोयाबीन खाने फाइबर से भरपूर चीजों का सेवन न करना, बाहर का खाना और खासतौर पर जंक फूड खाने की वजह से कब्ज की समस्याएं बढ़ रही हैं। ऐसे में हम आपको बता रहे हैं कुछ ऐसी चीजों के बारे में जिन्हें खाने से दूर हो जाएगी आपकी कब्ज की समस्या…
6- सोयाबीन बर्थ डिफेक्ट्स को भी दूर करता है। इसमें मौजूद विटमिन बी कॉम्प्लेक्स और फॉलिक ऐसिड प्रेगनेंट महिलाओं के लिए बहुत जरूरी होता है। साथ ही यह भ्रूण के मानसिक विकास में भी मदद करता है। हालांकि सोयाबीन का सीमित मात्रा में ही सेवन करना चाहिये
सोयाबीन से नुकसान
हालांकि सोयाबीन से कुछ एलर्जी और नुकसान भी हो सकते हैं। जैसे कि सोयाबीन में कुछ ऐसे कम्पाउंड होते हैं जो फीमेल हॉर्मोन एस्ट्रोजन की नकल कर लेते हैं। इससे महिलाओं में हॉर्मोन संबंधी गड़बड़ी हो सकती है। वहीं पुरुषों में इसके अत्यधिक सेवन से नपुंसकता और स्पर्म काउंट में कमी आ सकती है। इसलिए सोयाबीन का सेवन हर किसी को एक सीमित मात्रा में करना चाहिए
डिस्क्लेमर
लोगों को सोयाबीन से एलर्जी हो, वे इसके सेवन से बचें। इसके अलावा अगर किसी को किडनी संबंधी समस्या या डायबीटीज है तो वे भी सोयाबीन के अत्यधिक सेवन से बचें। स्तनपान कराने वाली महिलाओं को ज्यादा सोयाबीन खाने से मितली और चक्कर आ सकते हैं। सोयाबीन के सेवन को लेकर डॉक्टर या फिर न्यूट्रिशनिस्ट से जरूरी सलाह लें।) थायरॉइड से जुड़े थायरॉक्सिन हार्मोन को कम या ज्यादा करता है। इससे थायरॉइड बढ़ता है। ऐसे में इसके मरीजों को सोयाबीन से दूरी बनाकर रखना चाहिए।