कोटद्वार में लैंसडौन वन प्रभाग के कोटद्वार रेंज के अंतर्गत लालपानी बीट में दो हाथियों के बीच हुए आपसी संघर्ष में एक टस्कर हाथी की मौत हो गई। वन विभाग ने हाथी का पोस्टमार्टम कराकर उसे दफना दिया है।
वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, मंगलवार शाम को लालपानी बीट में दो हाथियों के बीच संघर्ष हो गया। सूचना पर वन कर्मियों की टीम को मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक संघर्ष समाप्त हो गया था। वन कर्मियों ने एक विशालकाय टस्कर हाथी को घायल अवस्था में झुंड के बीच देखा और उसको फॉलो करने लगे। देर शाम को घायल हाथी बहेड़ास्रोत के पास जमीन पर बैठ गया। इसके बाद अन्य हाथी वहां से चले गए।
बुधवार सुबह हाथी लालपानी बीट कक्ष संख्या एक पर जमीन पर पड़ा देखा गया।
काफी देर तक वन कर्मी उसे देखते रहे। जब उसके शरीर पर कोई हलचल नहीं दिखी तो उसके नजदीक जाने पर उसके मृत होने का पता चला। कर्मचारियों ने इसकी सूचना आला अधिकारियों को दी। टस्कर हाथी के जंगल में मरने की सूचना मिलते ही डीएफओ समेत सभी अधिकारी मौके पर पहुंच गए।
उन्होंने चिड़ियापुर रेस्क्यू सेंटर से पशु चिकित्सक अमित ध्यानी और पशु चिकित्सक कोटद्वार डॉ. बीएम गुप्ता को पोस्टमार्टम के लिए मौके पर बुलाया। लैंसडौन वन प्रभाग के डीएफओ दीपक कुमार सिंह ने बताया कि आपसी संघर्ष में एक 45 वर्षीय नर हाथी का पेट फटने के कारण मौत हुई है। पोस्टमार्टम में हाथी के सभी अंग सुरक्षित पाए गए हैं। पोस्टर्माटम के बाद हाथी को दफना दिया गया है।