एसटीएफ, एसओजी, एसआईटी समेत राज्य की जांच एजेंसियां बाबा तरसेम सिंह की हत्याकांड की जांच कर रही हैं। सूत्रों के अनुसार हत्याकांड से पहले, बाद में शूटरों के साथ जहां बैठकें हुईं और शूटरों के रहने का इंतजाम किया, उन स्थानों को पुलिस की टीमें ट्रेस कर चुकी हैं। पुलिस मोबाइल मुहैया कराने वाले, हत्या के लिए फंडिंग करने वाले निगोही, शाहजहांपुर क्षेत्र के संदिग्धों की धरपकड़ में जुटी है। वहीं शूटरों को बाबा तरसेम सिंह के बारे में पल-पल की जानकारी देने वाले की कड़ी जोड़ने में जुटी है। हालांकि अभी तक पुलिस के हाथ दोनों शूटर नहीं लगे हैं। बुधवार को पुलिस अफसरों ने नानकमत्ता थाने में संदिग्धों से पूछताछ की। एसटीएफ की टीम ने यूपी के निगोही, शाहजहांपुर और बाजपुर क्षेत्र में एसआईटी की टीम ने दबिश दी। हालांकि शूटर हत्थे नहीं चढ़े हैं। इधर, यूपी, पंजाब व उत्तराखंड में शूटरों को फंडिंग करने वाले संदिग्ध लोगों पर पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा है। निगोही में शरण देने वाले व फंडिंग करने के आरोप में तीन संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है। इनसे हुई पूछताछ के बाद अन्य संदिग्धों की धरपकड़ करने में भी टीम जुटी हुई है।
वहीं उत्तराखंड पुलिस ने एक खास क्लू के आधार पर पीलीभीत के थाना करेली क्षेत्र के ग्राम भदडकंजा और थाना बिलसंडा क्षेत्र के कस्बे में दबिश देकर दो युवकों को हिरासत में लिया है। बताया जा रहा है कि दोनों युवकों के हत्या के आरोपियों से किसी प्रकार के लिंक पुलिस को मिले हैं। पूछताछ के आधार पर गोला, लखीमपुर, शाहजहांपुर, बरेली, पीलीभीत में पुलिस की तमाम टीमें दबिश दे रही हैं। इन स्थानों पर 50 से अधिक लोगों से पूछताछ हो चुकी है