Saturday, July 27, 2024
Latest:
देहरादूनशिक्षासामाजिक

उत्तराखंड: कोरोना वॉरियर इस जोड़े को विरासत में मिले हैं देश और समाजसेवा के संस्कार

उत्तराखंड: कोरोना वॉरियर इस जोड़े को विरासत में मिले हैं देश और समाजसेवा के संस्कार

 


(वरिष्ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की कलम से)

– कर्नल राकेश कुकरेती और इरा कुकरेती गुपचुप कर रहे लोगों की मदद
– चार भाई सेना में रहे हैं अफसर, दोनों जुड़वा बेटे फौज में हैं ले. कर्नल

ले.जनरल प्रेमलाल कुकरेती भारतीय सेना के वो जांबाज अफसर रहे, जो बहुत जिद्दी और अद्वितीय वीरता की मिसाल थे। उनकी कहानी किसी के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन सकती है कि अपने जिद्दीपन से वो आईएमए से निकाले गये, तो पुलिस इंस्पेक्टर बन गये लेकिन देश सेवा के लिए बाहें फड़क रही थी तो फिर सेना में अफसर बने। संभवतः वे भारत में अपनी आप में अकेले ऐसे अफसर होंगे। उनकी सेना की कई रोचक कहानियां हैं। जनरल कुकरेती के कुछ किस्से आपके साथ बाद में शेयर करूंगा। इस परिवार ने अपनी देशसेवा की इस विरासत को संभाल कर रखा और आज भी देश और समाजसेवा में जुटे हैं। जनरल कुकरेती के तीन अन्य भाई भी सेना में अफसर रहे हैं। उनके छोटे भाई कर्नल (रिटायर्ड) राकेश कुकरेती और उनकी पत्नी इरा कुकरेती देहरादून के नवादा में पांचवी कक्षा तक एक स्कूल चला रहे हैं कर्नल राॅक्स पब्लिक स्कूल।

कर्नल राकेश और इरा कुकरेती का यह छोटा सा स्कूल, छोटे से घरौंदों में पल रहे बड़े सपनों को साकार कर रहा है। नवादा गांव का यह स्कूल अनुशासित, उच्च गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और मामूली सी फीस लेकर चल रहा है। यहां दर्जनों बच्चों से फीस ही नहीं ली जाती है। स्कूल में ग्रामीण महिलाओं को निशुल्क कंप्यूटर शिक्षा दी जाती है।

लाॅकडाउन के दौरान जहां दूसरे स्कूल फीस के लिए अभिभावकों पर दबाव डाल रहे हैं, वहां कर्नल राॅक्स स्कूल ने फीस की मांग ही नहीं की है। देहरादून का यह ऐसा स्कूल है जो अपने टीचर को मार्च-अप्रैल का वेतन अदा कर रहा है। कर्नल कुकरेती अपने गांव की माटी से आज भी जुड़े हैं और अपने पौड़ी स्थित गांव को संवारने में जुटे हैं। वे कुकरेती भ्रात मंडल के संरक्षक हैं। यह संगठन गांव के विकास में मदद कर रहा है। हाल में दून मेडिकल कालेज की एक छात्रा को भी उन्होंने एक लाख 30 हजार की आर्थिक मदद दी है।

इससे इतर महत्वपूर्ण बात यह है कि कर्नल राकेश और इरा लाॅकडाउन के पहले दिन से ही गुपचुप डिफेंस कालोनी के आसपास रहने वाले जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं। भागीदारी अभियान के तहत उन्होंने कई परिवारों को राशन और अन्य मदद पहुंचाई है। केदारनाथ आपदा के दौरान भी इस परिवार की प्रभावितों की मदद के लिए अहम भूमिका रही। इस परिवार ने आपदा में धाद संस्था द्वारा बेसहारा बच्चों को पढ़ाई के लिए गोद लेने के अभियान में भी एक बच्चे को गोद लिया गया। जबकि 20 बच्चे उनके स्कूल में निशुल्क पढ़ रहे हैं।
कर्नल कुकरेती के दो जुड़वा बेटे कार्तिकेय और हर्ष कुकरेती सेना में ले. कर्नल हैं।

कार्तिकेय अपने पिता और दो ताऊजी की तरह राजपूताना राइफल्स में तैनात है। जबकि हर्ष आम्र्ड में हैं। कुकरेती परिवार को उत्कृष्ट देश सेवा के शौर्य चक्र, सेना मेडल, एफआरजीएस, मेंशन इन डिस्पैच समेत पांच वीरता पुरस्कार मिले हैं। कर्नल राॅक्स स्कूल की प्रिंसीपल इरा कुकरेती का कहना है कि हमें प्रकृति से सीखना होगा कि अहंकार मत करो। जियो और जीने दो। देश और समाजसेवा में जुटे इस परिवार को सैल्यूट तो बनता है।

कर्नल रॉक स्कूल के वार्षिकोत्सव के दौरान कुकरेती  भ्रातृ मंडल के सदस्यों ने मिलकर mbbs की छात्रा को 1लाख 30 हज़र की आर्थिक सहायता कर  अपने संघठन का नाम ऊँचा किया।

Rajnish Kukreti

About u.s kukreti uttarakhandkesari.in हमारा प्रयास देश दुनिया से ताजे समाचारों से अवगत करना एवं जन समस्याओं उनके मुद्दो , उनकी समस्याओं को सरकारों तक पहुॅचाने का माध्यम बनेगा।हम समस्त देशवासियों मे परस्पर प्रेम और सदभाव की भावना को बल पंहुचाने के लिए प्रयासरत रहेगें uttarakhandkesari उन खबरों की भर्त्सना करेगा जो समाज में मानव मानव मे भेद करते हों अथवा धार्मिक भेदभाव को बढाते हों।हमारा एक मात्र लक्ष्य वसुधैव कुटम्बकम् आर्थात समस्त विश्व एक परिवार की तरह है की भावना को बढाना है। हम लोग किसी भी प्रतिस्पर्धा में विस्वास नही रखते हम सत्यता के साथ ही खबर लाएंगे। हमारा प्रथम उद्देश्य उत्तराखंड के पलायन व विकास पर फ़ोकस रहेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *