उत्तराखंड के अलग अलग ग्लेशियरो में ट्रेकिंग के लिए गए पर्यटकों के दल में से 9 लोगो की मौत, 2 दर्जन पर्यटक लापता कई घायल,
बागेश्वर। पिंडारी, सुन्दरदूंगा एवं कफनी ग्लेशियर सरमूल में अतिवृष्टि के चलते सुंदरढुंगा ग्लेशियर की साहसिक यात्रा पर निकले पर्यटकों के एक दल में शामिल 04 लोगों की मौत हो गई है और 2 लापता हैं। कई लोगों के घायल होने की सूचना भी है। लापता साहसिक पर्यटकों की खोजबीन के लिए हवाई मार्ग से रेस्क्यू आपरेशन शुरू करने की तैयारी शुरू हो गई है।
देवभूमि में मौसम का विकराल रूप यहाँ पर्यटकों लिए भी जानलेवा साबित हुआ है। समय गुजरने व मोबाईल सेवा सुचारु होने के साथ ही आपदा की खबरें भी अब सामने आने लगी हैं।
कपकोट के एसडीएम परितोष वर्मा से मिली जानकारी के अनुसार सुन्दरढूंगा घाटी की तरफ एसडीआरएफ और एक स्वास्थ्य कर्मियों की साझा टीम रवाना हो गई है। उन्होंने बताया कि द्वाली में 8 विदेशीयों के साथ ही 10 स्वदेशीयों समेत 34 लोग फंसे हुए हैं। जबकि 20 लोग कफनी ग्लेशियर की तरफ हैं। सुन्दरढूंगा से लौटे नेपाली मूल के सुरेंद्र पुत्र हरक सिंह ने बताया कि 4 पर्यटकों की मौत हो चुकी है और 2 लापता हैं और एक घायल समेत 4 लोग खाती गांव वापस लौट आए हैं। इधर जिलाधिकारी विनीत कुमार के निर्देशन में तहसील कपकोट से राजस्व विभाग व पुलिस विभाग एवं वन विभाग के कार्मिकों की 02 टीमें गत दिवस ही रवाना हो चुकी हैं। आज कपकोट से दो अन्य टीमों को भेज दिया गया है। हेलीकॉप्टर से बचाव कार्य शुरू होने की भी जानकारी है।
उल्लेखनीय है कि सुंदरढुंगा ग्लेशियर पिंडर घाटी के पश्चिमी क्षेत्र में स्थित है। बागेश्वर जिला सुंदरढुंगा ग्लेशियर के लिए एक ट्रेकिंग बेस के रूप में कार्य करता है, जो लोहरखेत की ओर जाता है। लोहाखेत से एक 11 किमी ट्रेक धाकुरी की ओर जाता है; यहाँ से 11 किलोमीटर दूर खाती गाँव है। खाती से 8 किमी की ट्रेक जैतोली की ओर जाती है और जैतोली से 22 किमी की ट्रेक अंत में सुंदर डूंगर घाटी की ओर जाती है खाती गाँव तक का ट्रैकिंग मार्ग पिंडारी, काफनी और सुंदरढुंगा ग्लेशियर के बीच प्रचलित है। इस ट्रेक के दौरान स्पष्ट रूप से दिखाई देने वाली बर्फ से ढकी चोटियां मृगथुनी, मैकटाइल, पनवलीश्वर और थारकोट हैं। सुंदरढुंगा की यात्रा जैतोली, दुधिया धूंग और कथालिया से होकर जाती है।
उत्तराखंड: छितकुल की ट्रैकिंग पर गए 11 सदस्यीय दल में पांच पर्यटकों की मौत,रेस्क्यू जारी
उत्तरकाशी: हर्षिल से लम्खागा पास होते हुए हिमाचल प्रदेश स्थित छितकुल की ट्रैकिंग पर गए 11 सदस्यीय दल में पांच पर्यटकों की मौत हो गई है। जबकि अन्य पर्यटकों को हेली से रेस्क्यू किया जा रहा है। मरने वालों में दिल्ली की एक महिला पर्यटक भी शामिल है। हेली से एक पर्यटक को हर्षिल पहुंचाया गया है। इस संबंध में जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि पांच पर्यटकों की मौत हो गई है। एसडीआरएफ की टीम हेली से रेस्क्यू कर रही है। करीब साढ़े चार हजार मीटर की ऊंचाई पर यह पर्यटक खोज बचाव दल को मिले हैं। एक पर्यटक को हर्षिल लाया गया। वहां पर्यटक को उपचार दिया जा रहा है।
बता दें कि पर्यटकों का 11 सदस्यीय दल हर्षिल से लम्खागा पास होते हुए हिमाचल प्रदेश स्थित छितकुल की ट्रैकिंग के लिए गया था। पर्यटक दल को मंगलवार को छितकुल पहुंचना था, लेकिन यह दल लापता हो गया था। लापता दल की खोजबीन के लिए राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) ने हेलीकाप्टर से सर्च अभियान चलाया।
उत्तरकाशी जनपद के हर्षिल से छितकुल की पैदल दूरी करीब 80 किलोमीटर है। यह ट्रैक क्यारकोटी बुग्याल होते हुए 5500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित लम्खागा पास से होकर छितकुल हिमाचल प्रदेश पहुंचता है।
हर्षिल से छितकुल ट्रैकिंग पर गए 11 सदस्यीय दल में आठ ट्रैकर और तीन रसोइये शामिल थे। वहीं उनके साथ छह पोर्टर दो रोज पहले छितकुल पहुंच गए थे। बुधवार को ही लापता दल की खोजबीन के लिए एसडीआरएफ ने हेलीकाप्टर से सर्च अभियान शुरू किया था। लापता सदस्यों में दिल्ली की एक महिला भी है।
नेलांग लाए गए तीन पोर्टर के शव
उत्तरकाशी में चीन सीमा पर आइटीबीपी के गश्ती दल से बिछुड़े तीन पोर्टरों के शव आइटीबीपी ने गत बुधवार को बरामद कर दिए थे। तीनों के शव बुधवार की देर शाम को नेलांग लाए गए। लेकिन भैरव घाटी और नेलांग के बीच मार्ग बंद होने के कारण शवों को हेली के जरिये उत्तरकाशी मातली लाया जा रहा है। इस घटना को लेकर स्थानीयजनों ने आइटीबीपी पर लापरवाही का आरोप लगाया है।