देहरादून-देहरादून में हुए दो दिवसीय पीठासीन अधिकारियों के 79 वें सम्मेलन का आज समापन हो गया है… सम्मेलन के दूसरे दिन राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने भी शिरकत की….. समापन समारोह में प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए, राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने कहा कि विधानमंडलों ने हमारे संघीय ढांचे को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है । उन्होने इस बात का उल्लेख किया कि पीठासीन अधिकारी सभा के नियमों, शक्तियों और विशेषाधिकारों के संरक्षक हैं और इस तरह संसदीय लोकतन्त्र में उनकी भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है……वहीं पत्रकारों से बातचीत में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिडला ने कहा कि ‘सम्मेलन में हुए विचार-विमर्श से लोकतंत्र के समक्ष उपस्थित चुनौतियों का सामना करने, और संसदीय और विधायी काम-काज को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी…..सभी से सहमति हुई कि सभी सदस्यों को शून्य काल में लोक महत्व की बात को रखने का अवसर अधिकाधिक मिले ‘‘संविधान की दसवीं अनुसूची और अध्यक्ष की भूमिका” पर उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इस विषय पर चर्चा इसलिए हुई क्योंकि दल परिवर्तन की समस्या के कारण लोकतांत्रिक संस्थाओं के प्रति जनता के विश्वास में कमी आई है और इसके कारण चुनाव प्रणाली के तहत बार-बार अनावश्यक चुनाव कराने पड़ रहे है जिससे अनिवार्य रूप से सरकारी खजाने पर भारी बोझ पड़ता है। आपको बता दें कि इस सम्मेलन में 24 विधानमंडलों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। सम्मेलन में विधायी निकायों के 27 पीठासीन अधिकारिओं और विधानसभाओं के 20 सचिवों ने भी प्रतिभाग किया ।