विधानसभा अध्यक्ष श्री दीक्षित ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री को स्वरचित पण्डित दीनदयाल उपाध्याय द्रष्टा, दृष्टि और दर्शन, अथर्ववेद का मधु, ज्ञान का ज्ञान, मधु अभिलाषा हिन्द स्वराज्य का पुनर्पाठ, राष्ट्रमण्डल संसदीय संघ अर्न्तसंवाद एवं संसदीय दीपिका की मासिक पत्रिका भी भेंट की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा अध्यक्ष द्वारा पण्डित दीनदयाल उपाध्याय पर लिखी पुस्तक के लेखन शैली की प्रशंसा करते हुए कहा कि पण्डित दीनदयाल उपाध्याय जी के जीवन के विभिन्न पहलुओं एवं भारतीय सांस्कृतिक एवं आर्थिक दर्शन का जिस तरह विश्लेषण किया गया है, वह जन-जन के लिए उपयोगी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे लखनऊ विश्वविद्यालय से पढ़े हैं। यहां के विद्यार्थी जीवन से लेकर राजनीति के क्षेत्र में आने तक उनका लखनऊ से जुड़ाव रहा है। लखनऊ प्रवास के बीच उनकी विश्व संवाद केन्द्र में विधानसभा अध्यक्ष श्री दीक्षित जी से भेंट होती रहती थी। उन्हें राजनैतिक, साहित्यिक एवं सांस्कृतिक मामलों में श्री दीक्षित का सदैव मार्गदर्शन प्राप्त होता रहा है। इन सब स्मृतियों का स्मरण करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड का मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्हें प्रथम बार लखनऊ आने का अवसर प्राप्त हुआ है। लखनऊ आने पर सर्वप्रथम उन्होंने अपने अग्रजों और मार्गदर्शकों से भेंट करने का कार्यक्रम बनाया है। अध्यक्ष जी से भेंट कर उन्हें काफी प्रसन्नता हुई है। उनकी पुस्तकें और उनके सम्पादकीय लेख उन्हें सदैव प्रेरणा देते रहे हैं और भविष्य में भी प्रेरणा के स्रोत बने रहेंगे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को लखनऊ प्रवास के दौरान लख़नऊ में हनुमान सेतु स्थित श्री हनुमान मंदिर में पूजा अर्चना की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश की प्रगति तथा प्रदेशवासियों की खुशहाली की कामना की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बुधवार को लखनऊ में पर्वतीय महापरिषद लखनऊ द्वारा आयोजित स्वागत समारोह में शामिल हुए। इस अवसर पर पर्वतीय महापरिषद लखनऊ के पदाधिकारियों, सदस्यों एवं प्रवासी प्रदेश वासियों ने बड़ी संख्या में महापरिषद के भवन में मुख्यमंत्री का स्वागत किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पर्वतीय महापरिषद लखनऊ द्वारा उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति, लोक संगीत, लोक नृत्य, धार्मिक पौराणिक सामाजिक रीति रिवाजों को जीवन्तता प्रदान करने का कार्य किया जा रहा है। इसके साथ विभिन्न सामाजिक कार्यों से भी जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि आज उत्तराखण्ड भले ही पृथक राज्य बना हो किन्तु हमारे संबंध उत्तर प्रदेश से बहुत गहरे जुड़े हैं। उन्होंने प्रवासी उत्तराखण्ड वासियों से उत्तर प्रदेश के साथ उत्तराखण्ड के विकास में भी सहयोगी बनने की अपेक्षा की, साथ ही सभी से अपनी जन्म भूमि से जुड़ाव रखने की भी अपील की। मुख्यमंत्री ने कहा कि लखनऊ की भूमि से उनका बचपन से जुड़ाव रहा है, यहां से उन्होंने उच्च शिक्षा प्राप्त की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के समग्र विकास के लिये हमारी सरकार प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। वर्ष 2025 में जब राज्य को 25 साल पूरे होंगे तब हमारा राज्य युवा राज्य होने के साथ ही देश का श्रेष्ठ, उत्कृष्ट एवं आदर्श राज्य बने, इस दिशा में हम वचनबद्ध एंव दृढ़ संकल्पित है। पिछले पांच वर्षो मे केन्द्र सरकार द्वारा लगभग एक लाख करोड की विभिन्न परियोजनायें प्रदेश के लिए स्वीकृत की गई हैं जिनमे बहुत सी परियोजनाओं पर काम हो गया है और अन्य पर काम तेजी से चल रहा है। उन्होने कहा कि केन्द्र सरकार के सहयोग से उत्तराखण्ड मे सड़क मार्गो का विकास किया जा रहा है वहीं पहाड़ मे रेल का सपना भी साकार होने जा रहा है।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास के प्रति विशेष ध्यान दिया जा रहा है। प्रदेश में 50 लाख लोगों के उत्तराखण्ड अटल आयुष्मान कार्ड बनाये जा चुके हैं। अब तक 3.50 लाख लोगों ने इसका लाभ उठाने के साथ ही 460 करोड़ की धनराशि का भुगतान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का उत्तराखण्ड के प्रति विशेष लगाव है। हाल ही में उन्होंने केदारनाथ में 400 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास तथा लोकार्पण किया है। केदारपुरी में अवस्थापना सुविधाओं का तेजी से विकास हो रहा है। शंकराचार्य जी की समाधि स्थल तथा भव्य मूर्ति का भी प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा अनावरण किया गया है। इसके साथ ही बदरीनाथ धाम का भी मास्टर प्लान तैयार किया गया है।