ऋषिकेश-: राज्य औद्योगिक विकास, एम0एस0एम0ई0 तथा खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री गणेश जोशी द्वारा आज ऋषिकेश में एक प्रेस वार्ता के दौरान राज्य की धीमी औद्योगिग विकास की गति पर अधीनस्थ औद्योगिग विभाग को चेताते हुए कहा कि उनके साथ काम करने वाले अधिकारियों को समय काटने की प्रवृत्ति का त्याग कर राज्य के विकास में योगदान करने के लिए कमर कसनी ही होगी। उनके द्वारा तैयार उद्योग रोडमैप में उन्होंने प्रदेश के 70 प्रतिशत लोगों को इसके अंतर्गत रोजगार देने को विभाग को सभी कमियां दूर कर ब्लूप्रिंट तैयार करने को कहा है।
औद्योगिक मंत्री ने प्रदेश की औद्योगिग स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश में किसी उद्योग को स्थापित किये जाने को एन0ओ0सी0 देने में 6 महीने का वक़्त लग जाता है जबकि उत्तरप्रदेश में वही प्रोसीजर 15 दिन के अंदर कर दिया जाता है जिसके चलते औद्योगिग विकास में हम 11 वें नंबर है जबकि उत्तरप्रदेश 4 वें स्थान पर है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में
एम0एस0एम0ई0 में बहुत सम्भावनाएं हैं व लॉकडाउन में घरों को लौटे कई हुनरमंद युवाओं को एम0एस0एम0ई0 योजनाओं के माध्यम से स्वरोजगार देना उनका लक्ष्य है। इस दौरान उन्होंने विभागीय अधिकारियों को उनके साथ काम करने को समय काटने की प्रवृति को त्याग प्रदेश के विकास में योगदान को अपनी कमर कसने को चेताया।
उनके द्वारा प्रदेश में इस सुस्त उद्योग गति को रफ्तार देने को सिडकुल सहित डी0आई0सी0 के अधिकारियों को निर्देशित किया है व साथ ही राज्य में उद्यौगिक निवेश की सम्भावनाओं को बढ़ाने तथा यहां उद्योग लगाने के इच्छुक उद्योगपतियों से बेहतर संवाद व समन्वय बनाने की दिशा में प्रयास करने को कहा है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य है कि प्रदेश का उद्योग मात्र देहरादन, उधम सिंह नगर, हरिद्वार, नैनीताल जनपदों तक ही सीमित न रहे व पहाड़ी जनपदों में भी इसका लाभ मिले व साथ ही उनके द्वारा संबंधित विभाग से प्रदेश में चल रहे उद्योगों में 70 प्रतिशत प्रदेश नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित करने को भी निर्देशित किया है।
उन्होंने कहा कि सरकार के पास डेढ़ वर्ष का ही समय शेष रहने के चलते उनका प्रयास है कि प्रदेश उद्योग से जुड़े विभाग वर्चुअल और आई0टी0 सुविधाओं का अधिक से अधिक प्रयोग कर अपनी कार्यशैली को आधुनिक तथा परिणामोत्पादक बनाए व सभी विभाग इन माध्यमों से केन्द्र सरकार व राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं को सभी प्रकार के उद्यमी को साझा कर उसे इस्तेमाल में लाने को प्रोत्साहित करें। उन्होंने आगे जोड़ा कि उनके द्वारा भी सभी विभागों की समीक्षा व बैठक भी इन्ही माध्यमों से की जाएगी व सभी जिला उद्योग केंद्रों को बायोमैट्रिक से भी जोड़ा जाएगा।
उन्होंने कहा कि वह जून से अगस्त के मध्य में ओपन हाउस कार्यक्रम के तहत के माध्यम उद्योगों की बात सुनेंगे। उन्हें बेहतर निवेश माहौल उपलब्ध करवाने तथा राज्य के लिए ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर श्रृजित करेन के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा। उन्होंने राज्य के पर्यटन में अपार संभावनाएं दर्शाते हुए नैनीताल व मसूरी टूरिस्ट सर्किट को विकसित कर यहां के स्थानीय उद्यमियों को प्रोत्साहित करने की बात कही।
इस दौरान उन्होंने सिडकुल क्षेत्रों में स्थापित उद्योगों की समय समय समीक्षा करने व हिल्ट्रान के अधीन ढालवाला तथा भीमताल स्थित जमीन को सिडकुल को स्थानांतरित सहित आयुष संबंधित औद्योगिक आस्थान, तथा सरोठ के मिनी औद्योगिक आस्थान के लिए लैण्ड टान्सफर मामलों को त्वरितता के आधार पर जल्द निस्तारित किये जाने की बात की।
*सैनिक कल्याण से संबंधित मामलों पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि उनका प्रयास है कि अधिक से अधिक पूर्व सैनिकों व उनके परिजनों को अप्रेंटिस करवा कर सिडकुल के माध्यम से रोजगार से जोड़ा जाए।शहीद के परिवार के एक व्यक्ति को योग्यतानुसार रोजगार देने के अलावा द्वितीय विश्व युद्ध की वॉर विडोज का वेतन 4000 से दुगना कर 8000 किया गया है। उपलन कार्मिकों की समस्याओं का स्थायी समाधान निकालने हेतु मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है जो कि 10 दिनों में अपनी रिपोट देगी। उपनल से राज्य के मूल निवासी को ही रोजगार दिए जाने के लिए निर्देशित किया गया है।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री द्वारा घोषित योजना के अंतर्गत देहरादून में 50 बीघा भूमि पर सैन्य धाम की स्थपना की जानी है। जिसमे पूरे देश के सैन्य स्मारकों का अध्ययन कर एक भव्य और शानदार सैन्यधाम का डिजाईन तैयार किया जाएगा।इसमें म्यूजियम थियेटर, लाईट एण्ड साउण्ड शो, प्रथम विश्व युद्ध से अब तक के शहीदों के फोटो/स्मृतियां होंगी।