Monday, September 9, 2024
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देहरादून

आखिर पसमांदा समाज का हर क्षेत्र में पिछड़ने का मुख्य कारण क्या है?

 नेशनल डेस्क

 u s kukreti

भारतीय मूल के पसमांदा मुस्लिम समाज को जीवन के प्रत्येक महत्वपूर्ण क्षेत्र जैसे सामाजिक, आर्थिक,राजनीति, शिक्षा, रोजगार इत्यादि में उन्हें समय के अनुसार प्रशिक्षित कर अपने कौशल द्वारा आगे आने के लिए प्रेरित करना है। वे नीति- नियंता कैसे बने इसके लिए उन्हें संपूर्ण ज्ञान से अवगत कराना भी है। देश प्रदेश की राजनीति में उनका  क्या स्थान है…? 

पसमांदा कुल मुसलमानों की संख्या  85% होने के बावजूद भी आखिर ऐसे कौन से कारण विद्यमान है कि वह राजनीतिक तस्वीर मे कहीं नजर नहीं आते…? कारण स्पष्ट है। पसमांदा स्वभाव अर्थात् लीडरशिप क्वालिटी की कमी, पारस्परिक वैमनस्यता हम नहीं तो तू भी नहीं  से अशराफ लीडरशिप की स्वीकार्यता, सभी पसमांदा कार्यकर्ताओं मे नेता बनने का सपना, अपने संगठन के नेता की घोषणा नहीं करना, पसमांदाओं के बीच घट रही घटनाओं में प्रतिक्रियावश एकजुटता का अभाव, धार्मिक विषयों में अशराफ को फॉलो करना , राजनीतिक लाभ उठाने के लिए समाज को दांव पर लगा देने वाली प्रवृत्ति, कम वोट वाली छोटी बिरादरियों के लोगों को सम्मान नही देने वाली प्रवृत्ति और अति पसमांदा मुस्लिम समाज को नही जोड़ने वाली गैर इंसानी फितरत जैसे अनगिनत कारक- कारण सदियों से पसमांदा समाज के सर्वांगीण विकास में बाधक रहे हैं। पसमांदा मुस्लिम समाज देश के विभिन्न हिस्सों में स्थापित- उपस्थित बौद्धिक संपदा को एकत्र कर उन्हें राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में प्रयोग कर एक समृद्ध, सुंदर, अनुशासित, विकसित देश बनाने का भी सपना साकार करना चाहता है।

पहले देश, फिर संगठन, फिर स्वयं की विचारधारा हमारे संगठन की प्राणवायु है। *लोग आते रहेंगे जाते रहेंगे लेकिन उद्देश्य जीवित रहना चाहिए। हमलोगों को पसमांदा मुस्लिम समाज का मुख्य उद्देश्य आरक्षण दिलाव और एमपी, एमएलए आदि बवाने का प्लेटफार्म नही है बल्कि पसमांदा को जगाव का प्लेटफार्म है।

हमलोगों को चाहिए की पसमांदा मुस्लिम में राष्ट्रीय एवं प्रादेशिक स्तर पर संगठन है उसमे परिवर्तन करके वर्तमान सामाजिक एवं राजनीतिक परिस्थितियों के दृष्टिगत किया गया है। समाज में पसमांदा आंदोलन को और मजबूत एवं धारदार बनाने के लिए सभी पसमांदा मुस्लिम समाज की एग्जीक्यूटिव बॉडी की मीटिंग कार्यकारी अधिकारी संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सर्वसम्मत से सभी संगठन एक जुट होकर एक प्लेटफार्म पर बैठकर आपस में सलाह मसवरा करके अपने हक हकुक की बात चीत करके एक जुट होकर लड़ाई लड़ने का काम करें। जबतक आप सभी इकठ्ठा नही होंगे कामयाब नही होसकते। आपलोग जो भी संगठन चला रहे हैं चलाते रहिए लेकिन अपने समाज के हक की बात हो तो सभी एक होकर लड़ाई लड़ने का काम करें। संगठन के पदाधिकारीयों को और अधिक संवेदनशील एवं क्रियाशील रहने की आवश्यकता है। संगठन सर्वोपरि है, व्यक्ति सर्वोपरि नहीं ,जो व्यक्ति संगठन को समाज की पूंजी मानकर कार्य करेगा। संगठन और समाज  उसे सब कुछ देगा एवं वह प्रभावशाली भी रहेगा। अतः संगठन वर्तमान परिस्थितियों के अनुसार लगातार परिवर्तनशील है। पसमांदा बाहुल्य राज्यों  एवं क्षेत्रों में हम प्रभावी एवं अनुभवी लोगों को संपर्क में लाकर पसमांदा आंदोलन को और मजबूत करने के लिए प्रयासरत है। आप समस्त पसमांदा कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों से अनुरोध है कि आंदोलन को और तेज एवं प्रभावी करने के लिये अपना काम अपनी जिम्मेदारी समझकर करते रहे । आप सभी भारतीय मूल के पसमांदा मुस्लिम समाज के लोगों से सहयोग की अपेक्षा है। आईए हम सब लोग मिलकर देश में सौहार्द और भाईचारा कायम करें तथा सभी मिलकर एक  बेहतर  समाज का निमार्ण करे और  देश को मज़बूत करे। जय हिन्द जय भारत। 

फैयाज अहमद

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