GOOD NEWS: एम्स संस्थान बना उत्तराखंड का पहला प्लाज्मा डोनेट सेंटर, कोविड मरीजों के इलाज में ऋषिकेश एम्स ने बढ़ाया एक और कदम
ऋषिकेश । कोविड मरीजों के इलाज में एक और कदम बढ़ाते हुए एम्स ऋषिकेश में प्लाज्मा थेरेपी की शुरूआत हो गयी है। उत्तराखण्ड में इस थेरेपी को शुरू करने वाला एम्स राज्य का पहला स्वास्थ्य संस्थान है। यह थेरेपी कोविड संक्रमित मरीजों की जीवन रक्षा करने में विशेष मददगार होगी।
कोविड -19 के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी विधि विशेष कारगर सिद्ध हो रही है। इस विधि से इलाज की सुविधा अब एम्स ऋषिकेश में भी उपलब्ध है। एम्स में भर्ती कोविड मरीजों के इलाज करने में अब और आसानी होगी। प्लाज्मा थेरेपी की यह सुविधा अभी तक उत्तराखण्ड में किसी हाॅस्पिटल में नहीं थी। एम्स अस्पताल प्रशासन के डीन, प्रोफेसर यूबी मिश्रा ने बताया कि पहली यूनिट ऋषिकेश निवासी एक 41 वर्षीय कोविड पेशेन्ट को दी गयी थी। प्लाज्मा थेरेपी देने के बाद अब इस पेशेन्ट को 50 प्रतिशत इम्प्रूवमेन्ट है। उन्होंने बताया कि कोविड के ऐसे पेशेन्ट जो ठीक हो चुके हैं, वह ठीक होने के 28 दिन बाद अपना प्लाज्मा डोेनेट कर सकते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि प्लाज्मा देने वाले सभी लोग एम्स के हेल्थ केयर वर्कर हैं। बतादें कि इस विधि से कोविड के मरीज को सीधा लाभ पहुंचता है, और वह जल्दी ठीक हो जाता है।