उत्तराखंडदेहरादून

*पुराने रंग में लौटने लगा है ”उत्तराखंड* अर्जुन सिंह भंडारी!!*

देहरादून-: (अर्जुन सिंह भंडारी ) उत्तराखंड प्रदेश आखिरकार अपने पुराने रंग में लौटने लगा है जिसमे राजधानी देहरादून को खास तौर पर राहत देते हुए मुख्यमंत्री ने शहर में पिछली 6 जून से प्रभावी दो दिवसीय बंदी को अगले सप्ताह से खत्म करने का आदेश दिया है।और इसके साथ ही सरकार ने सभी व्यापारियों को खुशखबरी देते हुए अबसे सभी दुकानें व बड़े व्यापारिक प्रतिष्ठान सुबह सात से शाम सात के बजाय सुबह 7 बजे से रात 8 बजे तक खोले जाने की अनुमति दी है। यह आदेश प्रदेश मुखिया त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा कल शनिवार शाम मंत्रीमंडल की बैठक के बाद पत्रकारवार्ता में घोषित किये गए है।वहीं प्रदेश की जनता को चार धाम यात्रा के अवसर पर भी राज्य सरकार ने कल अपनी मोहर लगा दी है जो आगामी 1 जुलाई से पूर्ण तरीके से प्रभावी होने जा रही है।

उल्लेखनीय है कि कोरोना संक्रमण के चलते समूचे उत्तराखंड में हर गतिविधियों में ब्रेक लग गया था जिसके चलते आम जनता से लेकर प्रदेश व्यापार जगत सबसे ज़्यादा प्रभावित रहा ,वहीं चार धाम यात्रा के चलते प्रदेश सहित देश के लाखों-करोड़ों श्रद्धालुओं को भगवान के दर्शन से वंचित रहना पड़ा।जिन सभी का सीधा असर प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर पड़ा।हालांकि केंद्र सरकार द्वारा पूरे देश में अनलॉक 1 लगते ही सभी प्रदेश सरकारों को उनके राज्यों में पूर्व की भांति गतिविधियां संचालन हेतु पूर्ण अनुमति प्रदान की गई थी जिसमे प्रदेश सरकार द्वारा व्यापारिक गतिविधियों को सबसे बड़ी राहत देते हुए बाजार खोलने,शराब की बिक्री को सशर्त अनुमति प्रदान की थी। परंतु बीते दिनों राजधानी देहरादून में निरंजनपुर मंडी के आढ़तियों में एक के बाद एक कोरोना संक्रमण की पुष्टि के बाद मुख्यमंत्री द्वारा देहरादून को 6 जून से सप्ताह के हर शनिवार व रविवार को पूर्ण तरीके से बंद कर शहरभर को सैनिटाइज करने का काम किया जा रहा है।

वहीं कल मुख्यमंत्री द्वारा कल मंत्रिमंडल व शासनाधिकारियों के साथ बैठक कर प्रदेश को कोरोना के चलते ढीली पड़ी अर्थव्यवस्था को उठाने में एक ओर कदम बढ़ाते हुए प्रदेश भर के व्यापारियों को कारोबार के समय में छूट देते हुए सोमवार से सभी दुकानों व व्यापारिक गक्तिविधियों को सुबह 7 बजे से रात 8 बजे तक खुलने की अनुमति प्रदान की है।हालांकि केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकारों को अधिकतम समयसीमा रात 9 बजे की दी गई थी। इसी के साथ मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश में मॉर्निंग वॉक करने वाले लोगों को भी राहत देते हुए सोमवार से सुबह 5 बजे से सुबह के सैर-सपाटे की अनुमति प्रदान की है। जिलाधिकारी आशीष कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा सोमवार से इन गतिविधियों व मॉर्निंग वॉक को दी जाने वाली छूट में कोरोना के चलते उचित शारीरिक दूरी,मास्क व अन्य सुरक्षा का ध्यान रखना अनिवार्य होगा और इन नियमों का उल्लंघन होने पर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ आपदा अधिनियम कानून के तहत कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
राजधानी देहरादून में सप्ताह के दो दिन बंदी पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते दिनों जनपद में बढ़ते कोरोना के मामलों के चलते चिंता जरूर उभरी थी जिसके चलते उनके द्वारा शहरभर को सप्ताह के दो दिन पूर्ण तरीके से बंद कर सैनिटाइज करने जैसे जरूरी कदम उठाये गए थे,किंतु अब शहर में संक्रमण की स्थिति पर नियंत्रण पा लिया गया है व सैनिटाईजेसन की प्रक्रिया भी पूर्ण हो गई है। इस वजह से आज के रविवार तक दून बंदी का आदेश प्रभावी रहेगा व अगले सप्ताह से यह आदेश निष्क्रिय हो जाएगा। हालांकि कंटेन्मेंट जोन में यह छूट लागू नही होगी,जिनमे पूर्व की भांति ही प्रतिबंध लागू रहेगा।

वहीं चार धाम यात्रा को लेकर प्रदेश सरकार व मंदिर हक-हकूकधारियों के अलग अलग मंतव्यों के बीच राज्य सरकार ने उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड के सीईओ रविनाथ रमन के साथ आयोजित एक बैठक में प्रदेश भर के लोगों के लिए आगामी 1 जुलाई से चार धाम बद्रीनाथ,केदारनाथ,गंगोत्री,यमुनोत्री के कपाट खोलने के आदेश दे दिए है,जिसकी आधिकारिक घोषणा(एसओपी)सोमवार तक की जाने की सम्भावना है।
ज्ञात हो कि प्रदेश में प्रभावी लॉकडाउन और संक्रमण के चलते सभी प्रमुख धाम व प्रदेश के अन्य प्रसिद्ध मंदिरों के कपाट सभी के लिए बंद कर दिए गए थे। जिसके बाद बीती मई माह के अलग अलग शुभ अवसर पर खुले चारों धाम बद्रीनाथ,केदारनाथ,गंगोत्री,यमुनोत्री के कपाट भक्तों की जयजयकार की घोष से नदारद रहे व केवल मंदिर पंडा व मंदिर/जिला कर्मियों ने ही कपाट खुलने के मौके पर अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई थी। चारधाम यात्रा से जुड़े इन धाम के स्थानियों व व्यापारियों पर भी लॉकडाउन के बुरी मार पड़ी थी।जिनकी आर्थिकी को पुनः गति देने को राज्य सरकार द्वारा इन जिलों के जिलाधिकारियों की सहमति के बाद केवल इन्ही जनपदों के स्थानियों को 9 जून के बाद से चारधाम यात्रा को सशर्त व एक दिन में निर्धारित श्रद्धालु संख्या के निर्देशिका के पश्चात ही यात्रा की अनुमति दी थी।जिसका हक-हकूकधारियों से लेकर स्थानियों ने भी विरोध किया था।वहीं इन चारधाम यात्रा के बाधित होने से आर्थिक मुसीबत से घिरे चारधाम मार्ग व्यापारियों ने भी संक्रमण के डर से यात्रा को फिलहाल तक के लिए बंद ही रखने की हामी भरी थी परंतु राज्य सरकार ने 30 जून तक यात्रा को अनुमति प्रदान की। जिसके बादयात्रा की अनुमति के बाद में चार धाम में श्रद्धालुओं का आगमन विशेष नही रहा।स्थानियों द्वारा भगवान के दर्शन में आशंकित संक्रमण की संभावना को तरहीज देते हुए यात्रा से फिलहाल दूरी बनाई हुई है।पर जैसे कि अब प्रदेश सरकार द्वारा कल हुई बैठक में 1 जुलाई से समूचे प्रदेश के लोगों को(कंटेन्मेंट जोन के लोगों को छोड़ कर)चार धाम यात्रा की सशर्त अनुमति प्रदान की है तो ऐसे में प्रदेश में फिलहाल तक सक्रिय संक्रमण को देखते हुए इन धाम में श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोत्तरी की संभावना कम ही है।

खैर,सरकार के इस आदेश से प्रदेश के अन्य जिलों में स्थित प्रदेश के पवित्र मंदिरों को भी खुलने की अनुमति मिल गयी है जिसके बाद इन मंदिरों से जुडे व्यापारियों के अन्य स्थानियों की आर्थिकी को पुनः गति मिलने के आसार है। ज्ञात हो कि केंद्र सरकार द्वारा अनलॉक 1 में देश के सभी मंदिरों व धार्मिक स्थलों को खोलने की अनुमति प्रदान की गई थी परंतु उत्तराखंड सरकार द्वारा अभी तक इस आदेश को राज्य में लागू नही किया गया था।

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