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*राष्ट्रीय स्तर पर महिला सिपाही ने बढ़ाया उत्तराखंड का मान* *अर्जुन सिंह भंडारी

आज का दिन उत्तराखंड पुलिस के लिए गर्व के क्षण रूप में तब मूल्यांकित हुआ जब मानवाधिकार मूल्यों को कर्तव्य के दौरान निभाने की जिम्मेदारी पर अपने प्रभावशाली विचार रखने पर 40 वाहिनी हरिद्वार की हेड कांस्टेबल सुषमा रानी को राष्ट्रीय मानवाधिकार द्वारा द्वितीय विजेता घोषित किया गया।इन प्रतियोगिता में देश भर के 26 राज्य व केंद्र शाषित पुलिस द्वारा प्रतिभाग किया गया था।

गौरतलब है कि बीती 10 नवंबर को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग,नई दिल्ली द्वारा 10 दिसंबर को अंतराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस 2020 के परिपेक्ष्य में पुलिस मुख्यालय देहरादून में ऑनलाइन वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था जिसमे 40 वाहिनी हरिद्वार की हेड कांस्टेबल सुषमा रानी को राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता के लिए चयनित किया गया था। इसी क्रम में आज राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा आयोजित ‘आल इंडिया पुलिस फ़ोर्स डिबेट कम्पटीशन न ह्यूमन राइट्स 2020’ में *”कानून के संरक्षक के तौर पर मानवाधिकारों को बनाए रखना पुलिस का व्यवसायिक कर्तव्य के प्रति जिम्मेदारी भी है”* विषय पर देश के 26 राज्यों व केंद्र शाषित राज्यों से चुने गए प्रतियोगियों को इसपर विचार रखने को कहा गया था जिसमे उत्तराखंड पुलिस की हेड कांस्टेबल सुषमा रानी द्वारा द्वितीय स्थान प्राप्त कर उत्तराखंड पुलिस को गौरवांकित किया।आगामी 10 दिसम्बर को अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर पुरस्कार वितरण सम्मान समारोह में जिसमें सुषमा रानी को पुरस्कृत किया जाएगा।

सुषमा रानी की इस उपलब्धि पर उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक अनिल कुमार रतूड़ी व पुलिस महानिदेशक अपराध व कानून व्यवस्था अशोक कुमार द्वारा उन्हें बधाई प्रेषित की।

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