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Big breaking :-राम मंदिर निर्माण के लिए दान के नाम पर QR कोड के जरिए ठगी,साइबर ठगों ने बिछाया है ये नया जाल , VHP ने किया सावधान

  •  “यह खुशी का मौका है, हम निमंत्रण भेज रहे हैं. हम कोई दान स्वीकार नहीं करेंगे.विहिप
  • सोशल मीडिया पर मैसेजों में लोगों से मंदिर निर्माण के लिए दान देने के लिये कह रहे है।
  • साइबर अपराधी सोशल मीडिया पर मैसेज भेजकर मंदिर के नाम पर दान मांग रहे।
  • गृह मंत्रालय और दिल्ली व यूपी के पुलिस प्रमुखों को भेजी गई शिकायत।
  • कथित धोखेबाज ने फोन पर कहा- मुसलमान मंदिर निर्माण आगे नहीं बढ़ने दे रहे।

ऐसे वक्त में जब अयोध्या में नवनिर्मित भव्य राम मंदिर में प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा का समारोह नजदीक आ रहा है, मंदिर के नाम पर श्रद्धालुओं को लूटने वाला एक रैकेट सामने आया है. विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने इसे लेकर लोगों को सावधान करते हुए चेताया है. वीएचपी ने बताया है कि कैसे साइबर अपराधी सोशल मीडिया पर मैसेज भेजकर मंदिर के नाम पर दान मांग रहे हैं.  इन मैसेजों में एक QR कोड भी होता है जिसे स्कैन करवाकर लोगों से राशि ली जा रही है. यह पैसा ठगों के पास चला जाता है.

सावधान: राम मंदिर निर्माण के लिए चंदे के नाम आ रहे फोन…साइबर ठगों ने बिछाया है ये नया जालराम मंदिर निर्माण के लिए चंदा मांगने के लिए फोन आए तो सावधान हो जाएं। साइबर ठगों ने ये नया जाल बिछाया है। कंप्यूटरीकृत फोन कॉल कर लोगों को फंसा रहे हैं।अयोध्या में मंदिर निर्माण के नाम पर भी साइबर ठगों ने ठगी का जाल बिछाया है।

साइबर ठग लोगों को चंदे के नाम पर फोन कर रहे हैं। इस दौरान उनसे तमाम तरह की जानकारियां मांगकर उनके खातों में भी सेंध लगाई जा रही है। हालांकि, अभी तक एसटीएफ या साइबर थाने में कोई शिकायत नहीं आई है। लेकिन, एसटीएफ ने इस मामले में लोगों को सतर्क रहने अपील की हैमालूम हो कि राममंदिर निर्माण के लिए जन्मभूमि ट्रस्ट को इतनी धनराशि मिली है कि अब तक उसका कुछ हिस्सा ही खर्च हो पाया है। बता दें कि देश में हर बड़े आयोजन या क्रियाकलापों से संबंधित मौकों को साइबर ठग भुनाने से पीछे नहीं रहते हैं।

लोगों को इस तरह के फोन आ रहे हैं जिनमें मंदिर निर्माण के लिए तमाम संगठनों का हवाला देते हुए चंदा मांगा जा रहा है। इनमें कुछेक लोगों ने रकम जमा कराई लेकिन इसकी शिकायत अभी फिलहाल पुलिस से नहीं की गई है। बंजारावाला निवासी अरुण कुमार के पास शनिवार को एक फोन आया जो कंप्यूटरीकृत फोन कॉल थी। इसमें उनसे चंदे के लिए 100, 200 और इससे अधिक के लिए तमाम नंबर दबाने के लिए कहा जा रहा था।

फोन कॉल से सावधान होने की जरूरत
अरुण कुमार जागरूक थे तो उन्होंने इस कॉल को नजरअंदाज कर दिया। लेकिन, आशंका इस बात की पूरी है कि अनजाने में लोग इन ठगों के जाल में भी फंस सकते हैं। एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि इस तरह की फोन कॉल से सावधान होने की जरूरत है। इसके लिए जल्द ही सोशल मीडिया पर भी एक एडवाइजरी जारी की जाएगी। लोग क्यूआर कोड देने से बचें। इसके साथ ही कंप्यूटरीकृत फोन आने पर भी और भी ज्यादा सावधान होने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि ऐसी कॉल के लिए ठग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सहारा भी ले रहे हैं।
विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता विनोद बंसल ने लोगों से जोर देकर कहा है कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने किसी को भी पैसा एकत्रित करने के लिए अधिकृत नहीं किया है।

ऐसे वक्त में जब अयोध्या में नवनिर्मित भव्य राम मंदिर में प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा का समारोह नजदीक आ रहा है, मंदिर के नाम पर श्रद्धालुओं को लूटने वाला एक रैकेट सामने आया है. विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने इसे लेकर लोगों को सावधान करते हुए चेताया है. वीएचपी ने बताया है कि कैसे साइबर अपराधी सोशल मीडिया पर मैसेज भेजकर मंदिर के नाम पर दान मांग रहे हैं.  इन मैसेजों में एक QR कोड भी होता है जिसे स्कैन करवाकर लोगों से राशि ली जा रही है. यह पैसा ठगों के पास चला जाता है.

विहिप (VHP) के प्रवक्ता विनोद बंसल ने बताया है कि यह मामला गृह मंत्रालय और दिल्ली तथा उत्तर प्रदेश के पुलिस प्रमुखों को भेज दिया गया है. उन्होंने जोर देकर कहा कि मंदिर के निर्माण की देखरेख करने वाले ट्रस्ट श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने किसी को भी राशि एकत्रित करने के लिए अधिकृत नहीं किया है.

विनोद बंसल ने एक वीडियो मैसेज में कहा है कि उन्हें हाल ही में मंदिर के नाम पर पैसा इकट्ठा करने के “कुत्सित” प्रयासों के बारे में सूचना मिली है. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास ने किसी को भी राशि एकत्रित करने के लिए अधिकृत नहीं किया है. मैंने गृह मंत्रालय, उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक और दिल्ली के पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर सख्त कार्रवाई की मांग की है ताकि लोग इस तरह की धोखाधड़ी के शिकार न हों. लोगों को सावधान रहने की जरूरत है.”  उन्होंने कहा कि, “यह खुशी का मौका है, हम निमंत्रण भेज रहे हैं. हम कोई दान स्वीकार नहीं करेंगे.”

पता चला है कि यह मामला तब सामने आया जब सोशल मीडिया मैसेजों और फोन कॉल के जरिए लोगों से मंदिर को दान देने के लिए कहा गया. जिन व्यक्तियों को कॉल किया गया उनमें से एक ने वीएचपी कार्यकर्ताओं के साथ वह फोन नंबर साझा किया. एक वीएचपी कार्यकर्ता ने उस नंबर पर कॉल किया तो जालसाजों की चाल का खुलासा हुआ.

वीएचपी ने रिकॉर्डेड फोन कॉल का ऑडियो क्लिप शेयर किया

वीएचपी ने रिकॉर्डेड फोन कॉल का एक ऑडियो क्लिप शेयर किया है, जिसकी प्रामाणिकता की पुष्टि नहो हो सकीं है. कॉल में वीएचपी कार्यकर्ता खुद को ऐसे व्यक्ति के रूप में पेश करता है जो मंदिर को दान देना चाहता है. जब कॉल करने वाला व्यक्ति कहता है कि वह 11,000 रुपये दान करना चाहता है और गांव के अन्य लोग भी दान देने के इच्छुक हैं, तो दूसरी ओर से कथित जालसाज एक व्हाट्सऐप नंबर मांगता है जिस पर वह क्यूआर कोड भेज सके.

 

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