प्रदेश महामंत्री श्री आदित्य कोठारी के नेतृत्व में आज पार्टी प्रतिनिधिमंडल ने राज्य चुनाव आयुक्त से इस संबंध में मुलाकात कर पत्र सौंपा है । जिसमे पार्टी द्वारा आयोग के संज्ञान में लाया गया कि सभी जिलाधिकारियों को निकाय चुनाव की मतदाता सूची में मतदाताओं के छूटे नामों, नामों में सशोधन अथवा विलोपित करने के लिए 7 दिन के विशेष शिविर लगाने के निर्देश दिए गए थे । जिसके बाद संबंधित अधिकारियों द्वारा संशोधित सूची का औचित्यपूर्ण प्रस्ताव 15 दिनों के भीतर राज्य चुनाव आयोग को भेजने के लिए कहा गया था। जिसको लेकर सभी जिलाधिकारियों द्वारा कार्यवाही प्रारम्भ कर दी गई है। किन्तु देखा गया है कि कई जनपदों में अत्यत भीमी गति से कार्य हो रहा है। साथ ही कई जिलों में कैम्प निकाय कार्यालय में ही लगाये गये जहां आम जन का जाना संभव नहीं हो पाया है। कई निकायों में बी.एल.ओं की उपलब्धता न होने के कारण यह कार्य नहीं हो पा रहा है। वहीं कई निकायों में मतदाता सूबी विलम्ब से प्राप्त होने के कारण यह कार्य विलम्च से प्रारंभ हुआ है। इस सबके बावजूद कुछ जिलों में मतदातासूवी संशोधन का कार्य 7 मई को बंद कर दिया गया है और कुछ जिलों में 8अथवा 9 मई को बंद हो रहा है।
पार्टी की तरफ से उपरोक्त कारणों को दृष्टिगत अनुरोध किया गया है कि मतदाता सूची में नाम जोडने, नामों में संशोधन करने, नाम हटाने हेतु 25 मई तक कार्यवाही जारी रखने हेतु सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया जाए।
श्री कोठारी के साथ इस प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश कोषाध्यक्ष श्री पुनीत मित्तल, पूर्व महापौर श्री सुनील उनियाल गामा, महानगर अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ अग्रवाल प्रमुख रूप से शामिल रहे ।
राज्य की नगर पंचायत, नगर पालिका परिषद् एवं नगर निगम की मतदाता सूचियों में कई मतदाताओं के नाम न होने तथा अन्य त्रुटियों का सुधार किये जाने के संबंध में।
कृपया उपरोक्त विषयक राज्य निर्वाचन आयोग के पत्र संख्या-118/रा०नि०आ०-3/ 1620/2023 दिनांक 30 अप्रैल, 2024 का सन्दर्भ ग्रहण करने का कष्ट करें जिसके द्वारा` समस्त नगर निकायों के प्रत्येक वार्ड में 07 दिन के लिए विशेष शिविर का आयोजन कर उत्तर प्रदेश नागर निकाय (निर्वाचक नामावली का तैयार किया जाना और पुनरीक्षण) पूरक उपबन्ध आदेश, 1999 (उत्तराखण्ड में यथा प्रवृत्त) के प्रस्तर-4 एवं प्रस्तर-5 में दी गयी व्यवस्था के अनुसार कार्यवाही पूर्ण कर संस्तुति सहित औचित्यपूर्ण प्रस्ताव आयोग के अनुमोदनार्थ 15 दिन के अन्तर्गत आयोग को उपलब्ध कराये जाने के निर्देश निर्गत किये गये हैं। इस संबंध में आयोग द्वारा लिए गए निर्णय के कम में मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि उक्त अभियान की अवधि 05 दिन और आगे बढाते हुए आयोग के उक्त पत्र में उल्लिखित प्रस्ताव आयोग के अनुमोदनार्थ 15 दिन के स्थान पर 20 दिन के अन्दर आयोग को उपलब्ध कराने का कष्ट करें।